Dollar Vs Rupee: Trump के सामने कमजोर पड़ा रुपया, पहली बार डॉलर के मुकाबले 87 के ऊपर आई भारतीय करेंसी
Rupee Record Low: सोमवार को शेयर बाजार लाल निशान पर खुला है। इसी के साथ डॉलर के मुकाबले रुपया भी अपने निचले स्तर पर पहुंच गया है। यह पहली बार है जब डॉलर के मुकाबले रुपया 87 के ऊपर आया है। रिपोर्ट में विस्तार से जानते हैं।

Dollar Vs Rupee: आज के ट्रेडिंग सेशन में स्टॉक मार्केट गिरावट के साथ ट्रेड कर रहा है। इसी के साथ डॉलर के मुकाबले रुपया भी अपने रिकॉर्ड लेवल से नीचे आ गया है। आज भारतीय करेंसी में एतिहासिक गिरावट आई है, क्योंकि डॉलर के मुकाबले रुपया 87 के ऊपर चला गया है।
आज बाजार में रुपये की शुरुआत 42 पैसे की गिरावट के साथ 87.06 पर हुई थी। 10 मिनट के बाद ही भारतीय करेंसी में 55 पैसे की गिरावट दर्ज की गई। अब एक डॉलर के मुकाबले 87.12 रुपया प्रति डॉलर हो गया है।
डॉलर इंडेक्स 1.24% की बढ़त के साथ 109.84 रुपये के आस-पास ट्रेड कर रहा है। आपको बता दें कि डॉलर इंडेक्स डॉलर की मजबूती को दर्शाता है।
डॉलर के मुकाबले क्यों गिरा रुपया?
डॉलर लगातार मजबूत हो रहा है। इसका सीधा असर भारतीय करेंसी पर पड़ रहा है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप (Donald Trump) की तरफ से जो टैरिफ लगाए गए हैं उसके बाद निवेशकों के बीच डॉलर को लेकर आकर्षण बढ़ता जा रहा है। इस वजह से भारतीय करेंसी के अलावा बाकी करेंसी में भी गिरावट आ रही है। आपको बता दें कि अमेरिका से आए संकेतों का सीधा असर विकासशील देशों पर पड़ता है।
इन कंपनियों को हुआ फायदा
भारतीय करेंसी में हो रही गिरावट का असर आईटी कंपनियों पर पड़ता है। अगर देखा जाए तो आईटी कंपनी विप्रो (Wipro) को इस गिरावट से फायदा हो रहा है। आज विप्रो के शेयर (Wipro Share) करीब 1 फीसदी की बढ़त के साथ 307.80 रुपये प्रति शेयर पर ट्रेड कर रहे हैं। आपको बता दें कि आईटी कंपनियों को डॉलर में रेवेन्यू मिलता है। यही कारण है कि डॉलर के मजबूत होने से देश की आईटी कंपनियों को लाभ होता है।
शेयर बाजार का हाल
3 फरवरी 2025 को शेयर बाजार लाल निशान पर खुला है। बजट के बाद बाजार में हुई गिरावट भरे शुरुआत से निवेशकों में डर बैठ गया है। सेंसेक्स 0.80 फीसदी की गिरावट के साथ 76,866.78 अंक पर आ गया। निफ्टी भी 0.92 फीसदी की गिरावट के साथ 23,265.50 अंक पर ट्रेड कर रहा है।
डिस्क्लेमर: यह जानकारी केवल सूचना के उद्देश्यों के लिए है और इसे निवेश सलाह के रूप में नहीं समझा जाना चाहिए। निवेश निर्णय लेने से पहले एक वित्तीय सलाहकार से परामर्श करने की सिफारिश की जाती है।