scorecardresearch

Candlestick Chart: Types and History: कितने प्रकार के होते हैं चार्ट्स, क्या है इनका इतिहास?

कैंडेलस्टिक चार्ट एक प्रकार का फाइनेंशियल चार्ट होता है, जिसे जापानी ट्रेडर मुनेहिसा होमा द्वारा 18वीं सदी में विकसित किया गया था। यह चार्ट शेयर बाजार, कमोडिटी बाजार और अन्य वित्तीय बाजारों में इस्तेमाल होता है। कैंडेलस्टिक चार्ट में प्रत्येक "कैंडल" एक विशेष समयावधि के दौरान के बाजार की खुली, ऊँची, नीची और बंद कीमतों को दर्शाती है।

Advertisement
Candle
Candle

Candlestick Chart: Types and History: कितने प्रकार के होते हैं चार्ट्स, क्या है इनका इतिहास?

अक्सर आप शेयर बाजार में विश्लेषण करते हुए चार्ट्स का उपयोग करते हैं लेकिन क्या आपको मालूम है कि इन चार्ट्स का भी एक सुनहरा इतिहास है। तो आज हम जानेंगे कि कैंडेलिस्टिक चार्ट्स क्या होते हैं और इनका इतिहास क्या रहा है और बेसिक जानकारी आपको ये भी मिलेगी इन चार्ट्स में कौन-कौन से पैटर्न बनते हैं।  

advertisement

कैंडेलस्टिक चार्ट क्या है?

कैंडेलस्टिक चार्ट एक प्रकार का फाइनेंशियल चार्ट होता है, जिसे जापानी ट्रेडर मुनेहिसा होमा द्वारा 18वीं सदी में विकसित किया गया था। यह चार्ट शेयर बाजार, कमोडिटी बाजार और अन्य वित्तीय बाजारों में इस्तेमाल होता है। कैंडेलस्टिक चार्ट में प्रत्येक "कैंडल" एक विशेष समयावधि के दौरान के बाजार की खुली, ऊँची, नीची और बंद कीमतों को दर्शाती है।

कैंडेलस्टिक चार्ट के प्रकार

कैंडेलस्टिक चार्ट में मुख्य रूप से दो प्रकार के पैटर्न होते हैं:

बुलिश पैटर्न (Bullish Patterns): बुलिश पैटर्न तब बनते हैं जब बाजार में कीमतें बढ़ने की संभावना होती है। इन पैटर्न्स का मतलब होता है कि खरीदारों की मांग बढ़ रही है और बाजार में तेजी आएगी।

बुलिश एंगल्फिंग (Bullish Engulfing): यह पैटर्न तब बनता है जब एक छोटे कैंडल के बाद एक बड़ा बुलिश कैंडल आता है जो पिछले कैंडल को पूरी तरह से एंगल्फ कर लेता है।

हैमर (Hammer): यह पैटर्न तब बनता है जब कीमतें कम होने के बाद खरीदारी के कारण कीमतें ऊपर चली जाती हैं और कैंडल का आकार एक हथौड़े जैसा दिखता है।

इनवर्टेड हैमर (Inverted Hammer): यह हैमर का उल्टा रूप होता है, जिसमें लंबी ऊपरी छाया होती है और निचला हिस्सा छोटा होता है।

बेयरिश पैटर्न (Bearish Patterns): बेयरिश पैटर्न तब बनते हैं जब बाजार में कीमतें गिरने की संभावना होती है। यह पैटर्न्स संकेत देते हैं कि विक्रेताओं की सक्रियता बढ़ रही है और बाजार में मंदी आ सकती है।

बेयरिश एंगल्फिंग (Bearish Engulfing): यह पैटर्न तब बनता है जब एक छोटे कैंडल के बाद एक बड़ा बेयरिश कैंडल आता है जो पिछले कैंडल को पूरी तरह से एंगल्फ कर लेता है।

शूटिंग स्टार (Shooting Star): यह पैटर्न तब बनता है जब बाजार में पहले तेजी होती है लेकिन बाद में कीमतें गिर जाती हैं और कैंडल की ऊपरी छाया लंबी होती है।

डार्क क्लाउड कवर (Dark Cloud Cover): यह पैटर्न तब बनता है जब एक बड़ा बुलिश कैंडल के बाद एक बेयरिश कैंडल आता है जो पिछले कैंडल के आधे हिस्से से अधिक को कवर करता है।

कैंडेलस्टिक चार्ट का इतिहास
कैंडेलस्टिक चार्ट की शुरुआत 18वीं सदी में जापान के एक चावल व्यापारी मुनेहिसा होमा से हुई थी। होमा ने देखा कि चावल की कीमतें बहुत हद तक बाजार की भावनाओं पर निर्भर करती हैं। इस पर आधारित होमा ने कैंडेलस्टिक चार्ट का निर्माण किया, जिससे वे बाजार के दिशा-निर्देशों का पूर्वानुमान कर सकते थे। होमा के इस आविष्कार को बाद में व्यापक रूप से अपनाया गया और 20वीं सदी में इसे पश्चिमी वित्तीय बाजारों में भी लोकप्रियता मिली।

advertisement

आज ज्यादातर टेक्नीकल एनालिस्ट इन्हीं चार्ट्स की मदद से शेयरों का विश्लेषण करते हैं और इनको लेकर शेयर बाजार का विशेषज्ञ बनने के लिए पढ़ाई करते हैं। 

Disclaimer: ये आर्टिकल सिर्फ जानकारी के लिए है और इसे किसी भी तरह से इंवेस्टमेंट सलाह के रूप में नहीं माना जाना चाहिए। BT Bazaar अपने पाठकों और दर्शकों को पैसों से जुड़ा कोई भी फैसला लेने से पहले अपने वित्तीय सलाहकारों से सलाह लेने का सुझाव देता है।