BSE Share Latest News: बीएसई के शेयरों में 18% से अधिक की गिरावट क्यों आई?
बीएसई ने कहा कि वित्त वर्ष 24 के लिए सेबी नियामक शुल्क का भुगतान करने की समय सीमा 30 अप्रैल थी। प्रीमियम टर्नओवर के आधार पर गणना की गई देय राशि 1.66 करोड़ रुपये प्लस जीएसटी थी और कंपनी पहले ही इस राशि का निपटान कर चुकी है।

मार्केट रेग्युलेटर SEBI के एक फैसले के बाद सोमवार के कारोबारी सत्र के दौरान BSE Limited के शेयरों में 18% से अधिक की तीव्र गिरावट देखी गई।
निर्देश
सेबी ने बीएसई को निर्देश दिया कि वह BSE को ऑप्शन कॉन्ट्रैक्ट्स के सालाना टर्नओवर पर नोशनल वैल्यू के हिसाब से रेगुलेटरी फीस जमा करने को कहा गया है। ये रेगुलेटरी फीस BSE की ओर से SEBI को दी जानी है।
Also Read: Yes Bank Share Price: शेयरों में 9% का उछाल, खरीदें, होल्ड करें या बेचें?
रेग्युलेटरी फैसले के बाद
इस रेग्युलेटरी फैसले के बाद नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) पर बीएसई का शेयर 18.63% गिरकर 2,612.10 रुपये पर पहुंच गया।
सुबह 10.40 बजे बीएसई के शेयर 12.28% गिरकर 2,816 रुपये पर थे।
बीएसई
जवाब में, बीएसई ने कहा कि वह सेबी के निर्देश की वैधता का आकलन कर रहा है। बीएसई ने एनएसई को दी गई फाइलिंग में कहा, "अगर यह पता चलता है कि उक्त राशि देय है, तो पिछली अवधि यानी वित्त वर्ष 2006-07 से वित्त वर्ष 2022-23 तक कुल अंतर सेबी विनियामक शुल्क लगभग 68.64 करोड़ रुपये प्लस जीएसटी होगा जिसमें 30.34 करोड़ रुपये का ब्याज शामिल है।" बीएसई ने कहा कि वित्त वर्ष 24 के लिए सेबी नियामक शुल्क का भुगतान करने की समय सीमा 30 अप्रैल थी। प्रीमियम टर्नओवर के आधार पर गणना की गई देय राशि 1.66 करोड़ रुपये प्लस जीएसटी थी और कंपनी पहले ही इस राशि का निपटान कर चुकी है।