भारतीय सेना के 307 हॉवित्जर तोपें बनाएंगी Bharat Forge और TATA Systems
भारतीय सेना के लिए 307 ATAGS हॉवित्जर तोपों के निर्माण के टेंडर में भारत फोर्ज (Bharat Forge) ने सबसे कम बोली लगाई, जिससे उसे 60 प्रतिशत तोपों के निर्माण का कॉन्ट्रैक्ट मिला है। डीआरडीओ द्वारा इस परियोजना के लिए भारत फोर्ज और टाटा सिस्टम्स को सहयोगी चुना गया था।

भारतीय सेना के लिए 307 ATAGS हॉवित्जर तोपों के निर्माण के टेंडर में भारत फोर्ज (Bharat Forge) ने सबसे कम बोली लगाई, जिससे उसे 60 प्रतिशत तोपों के निर्माण का कॉन्ट्रैक्ट मिला है। डीआरडीओ द्वारा इस परियोजना के लिए भारत फोर्ज और टाटा सिस्टम्स को सहयोगी चुना गया था।
इन दोनों कंपनियों का काम डीआरडीओ के साथ मिलकर सेना के लिए इन हॉवित्जर तोपों का विकास और उत्पादन करना था। टेंडर प्रक्रिया में भारत फोर्ज ने सबसे कम कीमत की बोली लगाई, जिससे उसे यह कॉन्ट्रैक्ट मिल गया। 307 हॉवित्जर तोपों में से 60 प्रतिशत का निर्माण भारत फोर्ज करेगी, जबकि शेष तोपों का निर्माण टाटा सिस्टम्स करेगी, जैसा कि वरिष्ठ रक्षा सूत्रों ने बताया।
कैबिनेट कमेटी की मंजूरी का इंतजार
अब इस टेंडर के खुलने के बाद कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) से इस कॉन्ट्रैक्ट को मंजूरी मिलने की उम्मीद है, जिसके बाद सेना 307 एडवांस्ड टोड आर्टिलरी गन सिस्टम (ATAGS) हॉवित्जर का ऑर्डर देगी। इस परियोजना की कुल लागत 6,000 करोड़ रुपये से अधिक है। सेना द्वारा विभिन्न ऊंचाई वाले क्षेत्रों में इन हॉवित्जर तोपों का सफल परीक्षण किया गया है।
उन्नत आर्टिलरी सिस्टम का विकास
सेना से प्राप्त सुझावों के आधार पर ATAGS में कई जरूरी सुधार किए गए हैं। डीआरडीओ ने इन तोपों की तकनीकी जानकारी भारत फोर्ज और टाटा सिस्टम्स के साथ साझा की है, जिससे ये कंपनियां सेना के लिए इन उन्नत आर्टिलरी सिस्टम्स की आपूर्ति करेंगी। इस कॉन्ट्रैक्ट में 320 से अधिक हाई मोबिलिटी व्हीकल्स का भी समावेश होगा।
ATAGS की 155 मिमी/52 कैलिबर हॉवित्जर तोपों का परीक्षण पोखरण फील्ड फायरिंग रेंज (PFFR) में किया गया, जो पूरी तरह सफल रहा।

