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Best Private Bank to Invest: क्या अब प्राइवेट बैंकों का टाइम आ गया?

बैंक के लोन ग्रोथ को भी समझना बहुत जरूरी है। CLSA के मुताबिक बैंकिंग सेक्टर की लोन ग्रोथ एक दशक के 10% फीसदी के औसत से बढ़कर पिछले 2 साल में 15 फीसदी पर पहुंच गई है। कुल लोन ग्रोथ अगले 2 साल में 14 से 15% रह सकती है।

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CLSA के मुताबिक भारतीय बैंकों की स्थिति फिलहाल मजबूत बनी हुई है
CLSA के मुताबिक भारतीय बैंकों की स्थिति फिलहाल मजबूत बनी हुई है

अगर आपसे पूछा जाए कि सरकारी या प्राइवेट बैंकों में आगे कौन ज्यादा रिटर्न दे सकता है? ज्यादातर निवेशकों का जवाब होगा कि सरकारी बैंक, क्योंकि पिछले कुछ समय में PSU Banks ने इन्वेस्टर को बंपर रिटर्न बनाकर दिया है। लेकिन अगर यहां पर ये कहा जाए कि सरकारी से ज्यादा अब प्राइवेट बैंकों का जलवा होगा। अब आपके मन सवाल उठ रहा होगा कि ऐसा क्यों कहा जा रहा है और ऐसा किसने कहा है? तो आपको बता दें कि यहां विदेशी ब्रोकरेज फर्म CLSA की रिपोर्ट आई है। जो ये कहती है कि प्राइवेट बैंकों में ज्यादा दम दिख रहा है और उन्होंने साथ ही दो ऐसे स्टॉक बताएं जिनमें उनकों लगता है कि आने वाले दिनों में अच्छी तेजी आ सकती है। 

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भारतीय बैंकों की स्थिति

CLSA के मुताबिक भारतीय बैंकों की स्थिति फिलहाल मजबूत बनी हुई है। CLSA का मानना है कि निजी यानि प्राइवेट सेक्टर के बैंक जो अभी तक बाजार में रिटर्न देने के मामले में पीछे थे, बेहतर बिजनेस आउटलुक और कम वैल्यूएशन की वजह से आगे अच्छे रिटर्न दे सकते हैं। यानि ब्रोकरेज का साफ मानना है कि प्राइवेट बैंकों का बिजनेस लगातार बेहतर हो रहा है और ये मौजूदा भाव से सस्ते में मिल रहे हैं।यहां पर CLSA  की ओर से और तर्क दिए गए है। जिसमें कहा गया है कि साफ सुथरी बैलेंस शीट, ऊंचे मुनाफे और बेहतर वैल्यूएशन की मदद से भारतीय बैंक मजबूत बने हुए हैं। रिपोर्ट में कहा गया  है कि एक उतार-चढ़ाव भरे दशक के बाद भारतीय बैंक बेहतर स्थिति में पहुंच गए हैं। बैलेंस शीट पिछले एक दशक में सबसे मजबूत रही है वहीं 10 सालों में मुनाफा कई गुना बढ़ गया है। 

CLSA को प्राइवेट बैंक से उम्मीद

खास तौर पर CLSA को प्राइवेट बैंक से उम्मीद है कि भले ही प्राइवेट बैंकों ने पिछले कुछ महीनों से अच्छा रिटर्न नहीं दिया हो। लेकिन निफ्टी 50 का जहां PE 18 पर ट्रेड कर रहा है वहीं प्राइवेट बैंकों का PE 10-15 गुना पर ट्रेड कर रहा है यानि इन स्टॉक्स में आगे बढ़ने की गुंजाइश ज्यादा है। वहीं रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय बैंकिंग सेक्टर में रिटर्न ऑन इक्विटी 15% पर है जो कि वित्त वर्ष 2010-2011 के बाद से सबसे ऊंचा है। वहीं बैंकिंग सेक्टर का नेट NPA और नेट वर्थ रेश्यो एक दशक के निचले स्तर पर है. रिपोर्ट में कहा गया है कि इसमें बेहतर एसेट क्वालिटी मजबूत प्रोविजन बफर और बेहतर कैपिटल पोजीशन का फायदा रहा है। सेक्टर के मुनाफे में तेज बढ़त दर्ज हुई है और मुनाफा एक दशक में 4 गुना हो गया है।

स्टॉक पर अनुमान

CLSA  की ओर से दो स्टॉक पर अनुमान जताया गया है - पहला है ICICI बैंक 16 से 17% के साथ सबसे ऊंचे RoE दे सकते हैं। वहीं दूसरा IndusInd Bank पर अपना भरोसा जताया है। 

बैंक के लोन ग्रोथ

बैंक के लोन ग्रोथ को भी समझना बहुत जरूरी है। CLSA के मुताबिक बैंकिंग सेक्टर की लोन ग्रोथ एक दशक के 10% फीसदी के औसत से बढ़कर पिछले 2 साल में 15 फीसदी पर पहुंच गई है। कुल लोन ग्रोथ अगले 2 साल में 14 से 15% रह सकती है। वहीं सीएलएसए ने अनुमान दिया है कि पिछले 2 साल में सुस्त रही डिपॉजिट ग्रोथ आगे बढ़त दर्ज कर सकती है। 

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Disclaimer: ये आर्टिकल सिर्फ जानकारी के लिए है और इसे किसी भी तरह से इंवेस्टमेंट सलाह के रूप में नहीं माना जाना चाहिए। BT Bazaar अपने पाठकों और दर्शकों को पैसों से जुड़ा कोई भी फैसला लेने से पहले अपने वित्तीय सलाहकारों से सलाह लेने का सुझाव देता है।