क्या है भारतीय और अमेरिकी शेयर बाज़ार का इतिहास? जानिए
भारतीय शेयर बाजार का इतिहास बहुत पुराना है। भारत में पहली बार शेयर बाजार 1850 में बॉंबे (अब मुंबई) में शुरू हुआ था। इस शेयर बाजार का नाम असल में 'The Native Share and Stock Brokers Association' था जो बाद में 'Bombay Stock Exchange' के रूप में जाना जाता है। उस समय शेयर बाजार केवल अमीर लोगों के लिए होता था।

क्या है भारतीय और अमेरिकी शेयर बाज़ार का इतिहास? जानिए
भारतीय शेयर बाजार का इतिहास बहुत पुराना है। भारत में पहली बार शेयर बाजार 1850 में बॉंबे (अब मुंबई) में शुरू हुआ था। इस शेयर बाजार का नाम असल में 'The Native Share and Stock Brokers Association' था जो बाद में 'Bombay Stock Exchange' के रूप में जाना जाता है। उस समय शेयर बाजार केवल अमीर लोगों के लिए होता था।
भारतीय शेयर बाजार का विकास 20वीं सदी में हुआ। इस समय भारतीय शेयर बाजार में कुछ बड़े नाम आ गए जैसे टाटा, बीएसईएल, लार्ड्स, एनएफसी, एनएचएपीसी जैसी कंपनियों के शेयर में ही ट्रेडिंग होती थी। 1990 के दशक में लोकतांत्रिक नीतियों की शुरुआत के बाद,भारतीय शेयर बाजार में काफी कंपनियां आईं है और शेयर बाजार से काफी कंपनियों ने पैसा उठाया और अपने कारोबार का विस्तार किया।
वर्तमान समय में, भारतीय शेयर बाजार दुनिया का सबसे तेजी से बढ़ने वाला शेयर बाजार है। भारतीय शेयर बाजार का इतिहास काफी लम्बा है। भारत के अंग्रेजी शासन के समय से ही यहां शेयर बाजार का प्रारंभ हुआ था। 1850 के दशक में, बंबई बोल्स एंड विलेज कंपनी ने पहली बार शेयरों की तरफ से दायित्व लिया। उसके बाद, दक्षिण भारत में मद्रास और कोलकाता में भी शेयर बाजार खुले। 1947 के बाद भारत की स्वाधीनता के बाद से, भारत के शेयर बाजार में वृद्धि हुई।
1950 के दशक में, बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) की स्थापना हुई। उस समय से अब तक, BSE भारत का सबसे पुराना और सबसे बड़ा शेयर बाजार है।
लेकिन ऐसा नहीं है कि भारत का शेयर बाजार दुनिया में सबसे पुराना है। अमेरिका का शेयर बाज़ार का इतिहास भी काफी लंबा है। अमेरिका के शेयर बाज़ार का इतिहास बहुत लम्बा है और इसमें कई महत्वपूर्ण घटनाएं शामिल हैं। अमेरिकी शेयर बाज़ार की निम्नलिखित कुछ महत्वपूर्ण घटनाएं हैं-
1792: फिलाडेल्फिया में पहली बार शेयर बाज़ार की स्थापना की गई थी। इस शेयर बाज़ार का नाम "फिलाडेल्फिया स्टॉक एक्सचेंज" था। 1929: 29 अक्टूबर को "ब्लैक मंडे" के नाम से जाना जाता है, जब स्टॉक मार्केट में सबसे ज्यादा गिरावट देखी गई। 1987: 19 अक्टूबर को एक और बड़ी घटना हुई थी जिसे "ब्लैक मंडे" के नाम से जाना जाता है। इसमें बाजार एक साथ 23% गिरा था।2008: अमेरिका में हाउसिंग मार्केट में बड़ी संकट के बाद, स्टॉक मार्केट में भी बड़ी गिरावट देखी गई थी। इसे "ग्रेट रिसेशन" के नाम से जाना जाता है। 2020: कोविड-19 महामारी के फलस्वरूप बाजार में एक और बड़ी गिरावट देखी गई।