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RBI Repo Rate Cut: लोन लेने वालों के लिए बड़ी राहत! रिजर्व बैंक ने घटाया ब्याज दर - सस्ता होगी आपकी Loan और EMI

आरबीआई ने रेपो रेट में कटौती की है और ब्याज दर को 25 बेसिस प्वाइंट घटा दिया है। जिसके बाद अब रेपो रेट 6.25% से 6% पर आ गया है।

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RBI Repo Rate Cut: अगर आपने भी बैंक से लोन लिया है तो आपके लिए बड़ी खुशखबरी है। दरअसल अब आपकी लोन और ईएमआई सस्ती हो जाएगी। दरअसल आरबीआई ने रेपो रेट में कटौती की है और ब्याज दर को  25 बेसिस प्वाइंट घटा दिया है। जिसके बाद अब रेपो रेट 6.25% से 6% पर आ गया है। आरबीआई एमपीसी की यह बैठक 7 अप्रैल को शुरू हुई थी। 

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यह लगातार दूसरी बार है जब आरबीआई ने रेपो रेट में कटौती की है। इससे पहले केंद्रीय बैंक ने फरवरी में हुई बैठक में रेपो रेट को 25 बेसिस प्वाइंट या 0.25 फीसदी घटाया गया था जिसके बाद रेपो रेट 6.5% से 6.25% पर आ गया था। 

Bankbazaar.com के सीईओ आदिल शेट्टी ने कहा था कि भारतीय रिजर्व बैंक ने पोर्टफोलियो को बढ़ावा देने और आर्थिक विकास में तेजी लाने के लिए अपने प्रयासों के तहत रेपो दर में 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती की है, जिससे यह 6% हो गई है। नीतिगत दर में कटौती का उद्देश्य उधार लेना अधिक आकर्षक बनाना है, जिससे रियल एस्टेट में निवेश बढ़ सकता है और आवास की मांग में तेजी आ सकती है।

हालांकि, इस दर में कटौती का प्रभाव काफी हद तक इस बात पर निर्भर करेगा कि कमर्शियल बैंक किस गति से लेनदार को इसका फायदा पहुंचाते हैं। 
 

आरबीआई ने घटाया जीडीपी का अनुमान

आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा कि FY26  के लिए जीडीपी ग्रोथ अनुमानों को 6.7 प्रतिशत से घटाकर 6.5 प्रतिशत कर दिया गया है।

क्या होता है रेपो रेट?

रेपो रेट वो रेट होता है जिसपर आरबीआई देश में मौजूद बैंकों को लोन देती है। 

रेपो रेट के घटने से आपकी लोन और ईएमआई पर कैसे प्रभाव पड़ेगा?

जब भी आरबीआई रेपो रेट को घटाता या बढ़ाता है तो इसका सीधा असर लोने लेने वालों पर पड़ता है। दरअसल आरबीआई द्वारा रेपो रेट को घटाने के बाद बैंकों को आरबीआई से कम इंटरेस्ट रेट पर लोन मिलेगा जिसके बाद बैंक भी अपने ग्राहकों को कम ब्याज पर लोन देंगे।इसी तरह अगर आरबीआई रेपो रेट को बढ़ा देता तो आपके लोन और ईएमआई भी बढ़ जाती। 

रेपो रेट के घटने से किन लोगों को होगा फायदा?

रेपो रेट के घटने से उन लोगों को फायदा होगा जिन्होंने बैंक से फ्लोटिंग ब्याज दर पर लोन लिया होगा। ऐसे लेनदार की लोन और ईएमआई सस्ती हो जाएंगी लेकिन अगर किसी ने फिक्स्ड ब्याज दर पर लोन लिया होगा तो उन्हें इस कटौती का कोई फायदा नहीं होगा।

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