Loan: लोन लेते समय इन गलतियों से बचें, वरना बढ़ जाएगी टेंशन
अगर आप भी लोन लेने की प्लानिंग कर रहे हैं तो आपको कुछ गलतियों से बचना चाहिए। अगर आप ऐसा नहीं करते हैं तो आपको फाइनेंशियल तौर पर दिक्कत का सामना करना पड़ सकता है।

आजकल लोन (Loan) लेना आसान हो गया है, लेकिन यह आसानियां कभी-कभी मुसीबत भी बन जाती हैं। डिजिटलाइजेशन (Digitalization) की वजह से लोग आसानी से कर्ज ले लेते हैं, लेकिन सही तरीके से लोन मैनेज न करने पर यह बड़ी फाइनेंशियल परेशानी बन सकता है। अगर आप समझदारी से लोन का मैनेजमेंट करेंगे, तो यह फाइनेंशियल टूल की तरह काम करेगा, न कि एक बोझ बनकर।
HDB Financial Services के लीड - क्रेडिट पॉलिसी Karamjeet Singh ने कहा कि लोन लेना आसान है, लेकिन उसका सही से मैनेजमेंट करना एक समझदारी का काम है। सही फाइनेंशियल प्लानिंग और समझदारी से लोन मैनेजमेंट करके आप अपने फाइनेंशियल गोल्स को पूरा कर सकते हैं।
जरूरत से ज्यादा उधार लेना
कई लोग अपनी रीपेमेंट कैपेसिटी को बिना समझे ज्यादा लोन ले लेते हैं। अक्सर लोग सोचते हैं कि अगर बैंक ज्यादा अमाउंट देने को तैयार है, तो लेना चाहिए। लेकिन इससे आपके मंथली बजट पर बुरा असर पड़ सकता है। हमेशा ध्यान रखें कि आपकी ईएमआई (EMI) आपकी इनकम का 40% से ज्यादा न हो।
लोन के नियमों को नजरअंदाज करना
कई बार लोग बिना शर्तें पढ़े ही लोन के लिए साइन कर देते हैं। इससे हिडन चार्ज, प्रीपेमेंट पेनल्टी और फ्लोटिंग इंटरेस्ट रेट्स जैसी परेशानियां सामने आती हैं। किसी भी लोन के टर्म्स को अच्छे से पढ़ें और प्रोसेसिंग फीस (Processing Fees), फोरक्लोजर चार्ज (Foreclosure Charges) और लेट पेमेंट पेनल्टी के बारे में पूरी जानकारी लें।
लोन ऑफर्स की तुलना न करना
लोन की जल्दी में लोग सबसे पहले मिले ऑफर को एक्सेप्ट कर लेते हैं, जबकि इंटरेस्ट रेट (Interest Rates), रीपेमेंट फ्लेक्सेबिलिटी (Repayment Flexibility) और हिडन चार्ज (Hidden Charges) हर बैंक में अलग-अलग होते हैं। हमेशा अलग-अलग ऑफर्स की तुलना करें और अपनी जरूरत के हिसाब से सही लोन चुनें।
पहले से प्लानिंग न करना
अगर आप पहले से फाइनेंशियल प्लानिंग करेंगे, तो लोन की जरूरत कम पड़ेगी। छोटी-छोटी सेविंग्स और इन्वेस्टमेंट्स (Investments) समय के साथ बड़ा फंड बना सकते हैं, जिससे बड़े लोन की जरूरत कम होती है। इस तरह का अप्रोच आपको लोन पर निर्भर होने से बचाता है।
क्रेडिट स्कोर का ध्यान न रखना
लो क्रेडिट स्कोर से लोन मिलना मुश्किल होता है और इंटरेस्ट रेट्स भी ज्यादा होते हैं। 750 से ज्यादा का क्रेडिट स्कोर (Credit Score) अच्छा माना जाता है। समय-समय पर अपना क्रेडिट रिपोर्ट (Credit Report) चेक करें और गलतियों को सही करवाएं।
कई जगह लोन अप्लाई करना
एक ही समय में कई जगह लोन अप्लाई करना आपके क्रेडिट स्कोर को नुकसान पहुंचा सकता है। यह बैंक्स को क्रेडिट-हंगरी दिखाता है, जिससे लोन रिजेक्ट भी हो सकता है। अगर कहीं से रिजेक्शन मिलता है, तो थोड़े समय बाद दूसरी जगह अप्लाई करें।
EMI मिस करना और डिफॉल्ट करना
अगर आप समय पर (EMI) नहीं भरते हैं तो पेनल्टी, कम क्रेडिट स्कोर और लीगल एक्शन का सामना करना पड़ सकता है। बेहतर है कि ऑटोमेटेड पेमेंट सेट करें ताकि कभी चूक न हो।
सही बजटिंग न करना
अगर आप बजटिंग सही से नहीं करेंगे तो लोन मैनेजमेंट मुश्किल हो जाएगा। बजट के लिए 50/30/20 रूल अपनाएं - 50% जरूरी खर्चों के लिए, 30% डिस्क्रिशनरी खर्चों के लिए और 20% सेविंग्स और इन्वेस्टमेंट्स के लिए।
लोन इंश्योरेंस की कमी
Karamjeet Singh के अनुसार अगर किसी इमरजेंसी, जैसे कि नौकरी का जाना या मेडिकल इमरजेंसी होती है, तो लोन चुकाना मुश्किल हो सकता है। लोन इंश्योरेंस (Loan Insurance) या क्रेडिट लाइफ इंश्योरेंस (Credit Life Insurance) सेफ्टी के लिए सही हैं, ताकि इमरजेंसी में आपके परिवार को मुश्किलें न झेलनी पड़ें।