Income Tax: मांगा जा सकता है रेस्टोरेंट बिल, जानें ऐसा क्यों
कई बार आयकर विभाग करदाता से पर्सनल खर्चों का बिल या रेस्टोरेंट का बिल मांगते हैं। हम आपको इस आर्टिकल में बताएंगे कि आयकर अधिकारी कब इस तरह के बिलों की मांग करता है।

हाल ही में एक सोशल मीडिया पोस्ट ने इनकम टैक्स नोटिस को लेकर लोगों में चिंता बढ़ा दी है। इस नोटिस में टैक्सपेयर्स से उनके पर्सनल एक्सपेंस की पूरी जानकारी मांगी जा रही है, जिससे लोग सरकार की इस प्रक्रिया पर सवाल उठा रहे हैं।
क्या इनकम टैक्स विभाग ऐसा कर सकता है?
टैक्स एक्सपर्ट के अनुसार इनकम टैक्स अधिकारी किसी व्यक्ति के बैंक रिकॉर्ड और कैश आउटफ्लो की तुलना उसके खर्चों से कर सकते हैं। ऐसा इसलिए किया जाता है ताकि यह जांचा जा सके कि कहीं किसी की इनकम वास्तविक खर्चों से मेल नहीं खा रही हो। हाल ही में अधिकारियों ने उन लोगों की जांच तेज कर दी है जो हाई इनकम दिखाते हैं लेकिन बैंक से बहुत कम पैसा निकालते हैं। इस मामले में, अगर किसी की इनकम 50 लाख रुपये है, लेकिन वह हर महीने केवल 10,000 रुपये ही बैंक से निकालता है, तो यह शक पैदा करता है कि कहीं उसने कोई इनकम छुपाई तो नहीं।
किन स्थितियों में विभाग मांगेगा बिल
अगर किसी टैक्सपेयर का खर्च उसकी इनकम से ज्यादा दिखाई देता है, तो उसे इनकम टैक्स विभाग द्वारा पूरी जानकारी देने के लिए कहा जा सकता है। इसका उद्देश्य यह जानना होता है कि खर्च के लिए पैसा कहां से आया। खासतौर पर कैश लेन-देन को लेकर जांच की जाती है।
विभाग मांग सकते हैं इनके बिल
मेडिकल खर्च
इंटरनेशनल ट्रैवल
घर के खर्च (राशन, बिजली-पानी, नौकरों की सैलरी)
इन्वेस्टमेंट (प्रॉपर्टी, शेयर बाजार, गहने आदि)
पर्सनल निजी खर्च
हालांकि, कई एक्सपर्ट का मानना है कि पर्सनल खर्चों की इतनी बारीकी से जांच करना सहीं नहीं हो सकता है।
इनकम टैक्स एक्ट की धारा 142(1)
इनकम टैक्स एक्ट की धारा 142(1) के तहत, जांच के दौरान अधिकारी किसी टैक्सपेयर से उसके मंथली खर्चों का पूरा डिटेल्स मांग सकते हैं। इसमें राशन, बिजली, कपड़े, शिक्षा, परिवहन, बीमा और अन्य खर्च शामिल होते हैं। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, हर साल दाखिल किए गए रिटर्न में से केवल 1% मामलों की ही डिटेल जांच होती है। अगर किसी व्यक्ति के खर्च और बैंक रिकॉर्ड में बड़ा अंतर पाया जाता है, तो उसे नोटिस जारी किया जा सकता है।