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BT Bazaar Motivation: Google की दिलचस्प कहानी पढ़िए, आपको भी मिलेगी प्रेरणा

गूगल की स्थापना दो प्रतिभाशाली दिमागों, लैरी पेज और सर्गेई ब्रिन ने स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय के छात्रावास कक्ष में 'बैकरब' के रूप में हुई थी। इसे 1998 में एंडी बेख्तोल्सहेम से $100,000 की प्रारंभिक फंडिंग मिली और मेनलो पार्क गैरेज में अपना पहला कार्यालय स्थापित किया।

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BT Bazaar Motivation: Google की दिलचस्प कहानी पढ़िए, आपको भी मिलेगी प्रेरणा
BT Bazaar Motivation: Google की दिलचस्प कहानी पढ़िए, आपको भी मिलेगी प्रेरणा

Google को आज हम जिस रूप में देखते हैं वो ऐसी नहीं थी। किसी भी बड़े काम की शुरूआत एक छोटे स्टैप या कदम से होती है। जापान में इसे काइज़न कहा जाता है।
गूगल की स्थापना दो प्रतिभाशाली दिमागों, लैरी पेज और सर्गेई ब्रिन ने स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय के छात्रावास कक्ष में 'बैकरब' के रूप में हुई थी। इसे 1998 में एंडी बेख्तोल्सहेम से $100,000 की प्रारंभिक फंडिंग मिली और मेनलो पार्क गैरेज में अपना पहला कार्यालय स्थापित किया। 

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गूगल की स्थापना दो प्रतिभाशाली दिमागों, लैरी पेज और सर्गेई ब्रिन ने स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय के छात्रावास कक्ष में 'बैकरब' के रूप में हुई थी
गूगल की स्थापना दो प्रतिभाशाली दिमागों, लैरी पेज और सर्गेई ब्रिन ने स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय के छात्रावास कक्ष में 'बैकरब' के रू

शुरूआत में गूगल को कोई फायदा नहीं मिला। लोग गूगल को समझते भी नहीं थे लेकिन Google का प्रभाव तब बढ़ गया जब यह 2000 में Yahoo का डिफ़ॉल्ट खोज इंजन बन गया, और इसने अक्टूबर 2000 में AdWords के साथ ऑनलाइन विज्ञापन की नींव रखी। इन वर्षों में, Google ने लगातार नवाचार किया है, 2005 में Android के साथ मोबाइल में प्रवेश किया और YouTube के अधिग्रहण के साथ ऑनलाइन वीडियो में प्रवेश किया। एंड्रोयड मोबाइल की वजह से गूगल की रीच रातों-रात कई गुना हो गई।
साल 2008 में  Google ने अपना पहला एंड्रॉइड फोन टी-मोबाइल G1 का अनावरण किया, और अल्फाबेट को अपनी मूल कंपनी बनाया, जिसमें सुंदर पिचाई ने Google के सीईओ के रूप में बागडोर संभाली।

आज गूगल को दुनिया का सबसे बड़ा सर्च इंजन माना जाता है लेकिन यूट्यूब की दुनिया उससे भी बड़ी हो गई है। गूगल के कई प्रोडक्ट इस समय बाज़ार में है। कंपनी अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर भी काम कर रही है। आने वाले समय में एआई का इस्तेमाल करके गूगल के कई प्रोडक्ट्स और बेहतर बनेंगे। जापान के दर्शन में कहा गया है कि हर बड़े काम की शुरूआत स्मॉल स्टैप से होती है। गूगल का एक स्मॉल स्टैप अब बड़ा बन गया है।