Mutual Fund के Direct और Regular प्लान में क्या अंतर होता है? जानिए आपके लिए कौन सा बेहतर
निवेशकों के बीच डायरेक्टर प्लान ज्यादा लोकप्रिय है। चलिए जानते हैं कि म्यूचुअल फंड के डायरेक्ट प्लान और रेगुलर प्लान में क्या अंतर होता है।

Mutual Funds: जब भी आप म्यूचुअल फंड खरीदते होंगे तो आपके सामने उसी स्कीम के दो प्लान से होता होगा। पहला- डायरेक्ट प्लान (Direct Plan) और दूसरा - रेगुलर प्लान (Regular Plan). कभी सोचा है कि ये दोनों क्या हैं और दोनों में क्या अंतर होता है?
निवेशकों के बीच डायरेक्टर प्लान ज्यादा लोकप्रिय है। चलिए आज हम आपको इसी के बारे में बताएंगे की दोनों में क्या अंतर है आपके लिए कौन सा बेहतर हो सकता है क्योंकि जब बात निवेश करने की आती है तो आपको सोच समझकर अपना पैसा लगाना चाहिए।
क्या होता है Direct Mutual Funds प्लान?
डायरेक्ट म्यूचुअल फंड ऐसी म्यूचुअल फंड स्कीम हैं जिन्हें निवेशक किसी बिचौलिए की मदद के बिना सीधे AMC (एसेट मैनेजमेंट कंपनी) से खरीद सकते हैं।
निवेशक अपनी पसंदीदा AMC की वेबसाइट से, उनके ऑफिस में जाकर ऑफलाइन या सेबी रिजस्टर्ड निवेश सलाहकार से संपर्क करके फंड खरीद सकते हैं। चूंकि इस म्यूचुअल फंड स्कीम में कोई म्यूचुअल फंड डिस्ट्रिब्यूटर शामिल नहीं होता है, इसलिए निवेशक कमीशन की कॉस्ट बचा सकते हैं, जिससे नियमित म्यूचुअल फंड की तुलना में एक्सपेंस रेश्यो (expense ratio) कम होता है।
क्या होता है Regular Mutual Funds प्लान?
रेगुलर म्यूचुअल फंड, ऐसे म्यूचुअल फंड स्कीम हैं जिन्हें निवेशक म्यूचुअल फंड डिस्ट्रिब्यूटर्स से खरीद सकते हैं। ये डिस्ट्रिब्यूटर्स अपने ज्ञान, अनुभव और विशेषज्ञता का उपयोग करते हैं, जिसके आधार पर वे निवेशकों को निवेश करने के लिए सही म्यूचुअल फंड चुनने में मदद करते हैं।
जब निवेशक किसी म्यूचुअल फंड का चयन कर लेता है, तो डिस्ट्रिब्यूटर्स अपने केवाईसी दस्तावेज AMC या रजिस्ट्रार और ट्रांसफर एजेंट को देते हैं। अपनी सेवा के लिए, डिस्ट्रिब्यूटर्स AMC से कमीशन लेते हैं, जिसे वे अंत में निवेशकों से वसूलते हैं, जिससे टोटल एक्सपेंस रेश्यो (Total Expense Ratio) बढ़ जाता है।
Regular और Direct प्लान में क्या-क्या अंतर होता है?
Expense Ratio: डायरेक्ट म्यूचुअल फंड्स का एक्सपेंस रेश्यो रेगुलर म्यूचुअल फंड्स से कम होता है क्योंकि इसमें कोई बिचौलिया शामिल नहीं होता।
Returns: लंबे समय में, डायरेक्ट म्यूचुअल फंड अपने कम एक्सपेंस रेश्यो के कारण हाई रिटर्न देते हैं, जबकि रेगुलर म्यूचुअल फंड में ब्रोकर कमीशन शामिल होता है जो निवेशक के रिटर्न का एक हिस्सा लेता है। अंतर 0.5 से 1% तक हो सकता है, जो रिटर्न को प्रभावित करता है।
Net Asset Value (NAV): म्यूचुअल फंड का कुल एक्सपेंस रेश्यो उसके एनएवी को काफी हद तक प्रभावित करता है। चूंकि रेगुलर म्यूचुअल फंड का एक्सपेंस रेश्यो डायरेक्ट म्यूचुअल फंड स्कीम की तुलना में अधिक होता है, इसलिए रेगुलर म्यूचुअल फंड का एनएवी डायरेक्ट म्यूचुअल फंड की तुलना में कम होता है।
कैसे पता करें कि आपका प्लान कौन सा है?
रेगुलर म्यूचुअल फंड के नाम में ‘Regular’ या ‘Reg’ लिखा होता है, जबकि एक डायरेक्ट म्यूचुअल फंड के नाम में 'Direct' या 'Dir' होता है।
Regular और Direct प्लान में आपके लिए कौन सा सही?
डायरेक्ट प्लान पैसे बचाने में मदद करता है और अपने कम एक्सपेंस रेश्यो के कारण हाई रिटर्न देता है। हालांकि, एक रेगुलर म्यूचुअल फंड बेहतर निर्णय लेने के लिए एक विशेषज्ञ का अनुभव लाता है।
इसलिए, रेगुलर और डायरेक्ट म्यूचुअल फंड के बीच अंतिम चुनाव निवेशक पर निर्भर करता है कि उसके लिए ज्यादा अच्छा क्या है।
ब्रोकरेज हाउस ICICI सिक्योरिटीज के मुताबिक बाजार की उचित जानकारी रखने वाले अनुभवी निवेशक डायरेक्ट म्यूचुअल फंड प्लान का विकल्प चुन सकते हैं। हालांकि, नए निवेशकों को वैल्यू एडेड सर्विस, सुविधा और सुरक्षा के कारण रेगुलर म्यूचुअल फंड में निवेश करना चाहिए।