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17 अक्टूबर तक आईसीआईसीआई से इस नए म्यूचुअल फंड स्कीम में कर सकते हैं निवेश - चेक करें NFO डिटेल

कांग्लोमरेट वे बिजनेस ग्रुप होते हैं जो एक साथ कई अलग-अलग इंडस्ट्री में काम करते हैं। इनकी खासियत होती है मजबूत वित्तीय स्थिति, अलग-अलग क्षेत्रों में फैला कारोबार (डायवर्सिफाइड बिजनेस) और अच्छा प्रबंधन (मैनेजमेंट)। इन्हीं खूबियों की वजह से ये ग्रुप लंबी अवधि में स्थिरता और लगातार विकास (ग्रोथ) देने में सक्षम होते हैं।

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Mutual Fund NFO: हाल ही में आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल म्यूचुअल फंड ने अपने नए म्यूचुअल फंड स्कीम आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल कांग्लोमरेट फंड (ICICI Prudential Conglomerate Fund) की घोषणा की थी।

यह एक ओपन-एंडेड इक्विटी स्कीम है, जो खास तौर पर भारत के प्रमोटर-लेड बड़े बिजनेस ग्रुप्स में निवेश करेगी। इन समूहों को 'कांग्लोमरेट' कहा जाता है - यानी ऐसे कारोबारी समूह जिनकी दो या उससे अधिक लिस्टेड कंपनियां विभिन्न सेक्टर्स में काम कर रही होती हैं।

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इस म्यूचुअल फंड स्कीम का न्यू फंड ऑफर (NFO) 3 अक्टूबर से ही खुल चुका है जिसे निवेशक 17 अक्टूबर तक सब्सक्राइब कर सकते हैं।

क्या है कांग्लोमरेट थीम?

कांग्लोमरेट वे बिजनेस ग्रुप होते हैं जो एक साथ कई अलग-अलग इंडस्ट्री में काम करते हैं। इनकी खासियत होती है मजबूत वित्तीय स्थिति, अलग-अलग क्षेत्रों में फैला कारोबार (डायवर्सिफाइड बिजनेस) और अच्छा प्रबंधन (मैनेजमेंट)। इन्हीं खूबियों की वजह से ये ग्रुप लंबी अवधि में स्थिरता और लगातार विकास (ग्रोथ) देने में सक्षम होते हैं। इन ग्रुप्स की खास बात यह है कि जब किसी एक सेक्टर में मंदी आती है, तब भी दूसरे सेक्टर्स से कमाई का सिलसिला बना रहता है।

आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल AMC के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर और चीफ इन्वेस्टमेंट ऑफिसर, शंकरन नरेन ने कहा कि भारत के प्रमुख कारोबारी समूहों ने समय के साथ खुद को लगातार बदला है - फिर चाहे वह रिटेल, टेलीकॉम, या रिन्यूएबल एनर्जी जैसे सेक्टर्स में एंट्री हो। इस फंड के जरिए हम उन बिजनेस ग्रुप्स की ताकत और लचीलापन पकड़ना चाहते हैं, जो भारत की ग्रोथ स्टोरी को आगे बढ़ा रहे हैं।

कांग्लोमरेट में निवेश क्यों?

इन बिजनेस ग्रुप्स की कुछ प्रमुख खूबियां हैं:

  • मजबूत बैलेंस शीट और अधिक कैश फ्लो के कारण पूंजी जुटाने में आसानी।
  • कम ब्याज दर पर कर्ज मिलने की सुविधा, जिससे संकट के समय भी स्थायित्व बना रहता है।
  • बड़े पैमाने पर संचालन के चलते लागत में कमी और अधिक दक्षता।
  • लॉजिस्टिक्स, फाइनेंस, एनर्जी जैसी वैल्यू चेन में इंटीग्रेशन से लंबे समय का लाभ।
  • मंदी के दौरान भी ग्रोथ को बनाए रखने की क्षमता।
  • सेमीकंडक्टर, इलेक्ट्रिक मोबिलिटी और रिन्यूएबल एनर्जी जैसे भविष्य के क्षेत्रों में सक्रिय भागीदारी।

Disclaimer: म्यूचुअल फंड्स निवेश बाज़ार जोखिमों के अधीन है। ये आर्टिकल सिर्फ जानकारी के लिए है और इसे किसी भी तरह से इंवेस्टमेंट सलाह के रूप में नहीं माना जाना चाहिए। BT Bazaar अपने पाठकों और दर्शकों को पैसों से जुड़ा कोई भी फैसला लेने से पहले अपने वित्तीय सलाहकारों से सलाह लेने का सुझाव देता है।