Weather Update: 3 दिन बाद मिलेगी गर्मी से राहत, बदलने वाला है मौसम
आईएमडी प्रमुख मृत्युंजय महापात्रा ने बताया कि दक्षिणी प्रायद्वीपीय भारत के कुछ हिस्सों को छोड़कर जून में पूरे देश में सामान्य से ज्यादा अधिकतम तापमान होने की आशंका है। जून में उत्तर-पश्चिम भारत और मध्य क्षेत्र के आसपास के हिस्सों में सामान्य से अधिक हीटवेव वाले दिन होने की संभावना है। आम तौर पर उत्तर-पश्चिम भारत और आसपास के क्षेत्रों में जून में दो-तीन हीटवेव वाले दिन दर्ज किए जाते हैं, लेकिन इस बार चार-छह दिनों तक हीटवेव चलने के आसार हैं।

IMD प्रमुख मृत्युंजय महापात्रा ने बताया कि दक्षिणी प्रायद्वीपीय भारत के कुछ हिस्सों को छोड़कर जून में पूरे देश में सामान्य से ज्यादा अधिकतम तापमान होने की आशंका है। जून में उत्तर-पश्चिम भारत और मध्य क्षेत्र के आसपास के हिस्सों में सामान्य से अधिक हीटवेव वाले दिन होने की संभावना है। आम तौर पर उत्तर-पश्चिम भारत और आसपास के क्षेत्रों में जून में दो-तीन हीटवेव वाले दिन दर्ज किए जाते हैं, लेकिन इस बार चार-छह दिनों तक हीटवेव चलने के आसार हैं।
Also Read: सट्टे बाजार से लोकप्रिय हुए फलौदी में 50 को पार कर गया पारा, भारत के बाकी हिस्सों में भीषण गर्मी
कैसा रहेगा आपके शहर का मौसम, यहां जानिए अपडेट
मौसम विभाग के अनुमान के मुताबिक, पश्चिमी विक्षोभ और अरब सागर से नमी आने के कारण देश के उत्तर-पश्चिमी और मध्य भागों को तीन दिनों के बाद चिलचिलाती गर्मी से कुछ राहत मिलने की उम्मीद है। इस दौरान उत्तर पश्चिम भारत में तूफान की गतिविधियां देखने को मिल सकती हैं और पश्चिमी हिमालय क्षेत्र में बारिश होने की संभावना है।
Also Watch: गर्मियों में AC का तापमान कितना रखना चाहिए?
जून में भी रहेगा लू का प्रकोप
आईएमडी के अनुसार, राजस्थान और गुजरात में मई में 9 से 12 दिन लू चली और तापमान 45 से 50 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया था।वहीं दिल्ली, दक्षिण हरियाणा, दक्षिण-पश्चिम उत्तर प्रदेश और पंजाब में पांच से सात दिन हीटवेव वाले दिन दर्ज किए गए थे। इस दौरान अधिकतम तापमान 44 डिग्री सेल्सियस और 48 डिग्री सेल्सियस के बीच दर्ज किया गया था। इसके अलावा असम में भी 25-26 मई को रिकॉर्ड तोड़ तापमान के साथ लू चली थी।
कैसी है आपके शहर की एयर क्वॉलिटी, यहां कीजिए चेक
आईएमडी ने मई के दूसरे हफ्ते में उत्तर-पश्चिम भारत और मध्य क्षेत्र के कुछ हिस्सों में चलने वाली हीटवेव का कारण बारिश की कमी, तेज शुष्क व गर्म हवा, दक्षिण-पश्चिम राजस्थान और आसपास के गुजरात पर एक एंटी-साइक्लोनिक सर्कुलेशन को बताया है। वहीं उत्तर भारत को प्रभावित करने वाले पांच पश्चिमी विक्षोभों में से केवल दो ही सक्रिय थे, जिसकी वजह से बारिश की गतिविधियां भी कम ही देखने को मिली।