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इस रूट पर दौड़ेगी देश की पहली हाइड्रोजन ट्रेन, ऐसी होगी हाइड्रोजन ट्रेन

देश की पहली हाइड्रोजन पॉवर्ड ट्रेन का संचालन नए साल के शुरुआती तीन महीनों में शुरू हो सकता है। इसका डिज़ाइन लखनऊ स्थित 'अनुसंधान, अभिकल्प एवं मानक संगठन (RDSO)' ने तैयार किया है।

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इस रूट पर दौड़ेगी देश की पहली हाइड्रोजन ट्रेन, ऐसी होगी हाइड्रोजन ट्रेन
इस रूट पर दौड़ेगी देश की पहली हाइड्रोजन ट्रेन, ऐसी होगी हाइड्रोजन ट्रेन

देश की पहली हाइड्रोजन पॉवर्ड ट्रेन का संचालन नए साल के शुरुआती तीन महीनों में शुरू हो सकता है। इसका डिज़ाइन लखनऊ स्थित 'अनुसंधान, अभिकल्प एवं मानक संगठन (RDSO)' ने तैयार किया है।

ट्रेन की खासियतें

इस ट्रेन में कुल 8 पैसेंजर कोच होंगे, जिससे एक बार में 2638 यात्री यात्रा कर सकेंगे। ट्रेन की अधिकतम रफ्तार 110 किलोमीटर प्रति घंटा होगी। इसके अलावा, 2 कोच हाइड्रोजन सिलेंडर के लिए भी होंगे। ट्रेन का इंटीग्रेशन चेन्नई के इंटेग्रल कोच फैक्ट्री (ICF Chennai) में किया जा रहा है।

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हाइड्रोजन ट्रेन का वैश्विक परिदृश्य

हाइड्रोजन फ्यूल पर जर्मनी और चीन जैसे देश पहले ही काम कर चुके हैं, लेकिन बड़े पैमाने पर यह तकनीक अभी तक पूरी तरह सफल नहीं हो पाई है। RDSO के अधिकारियों के मुताबिक, वर्तमान में जर्मनी में दो बोगियों वाली हाइड्रोजन ट्रेन चल रही है।

जर्मनी में हाइड्रोजन ट्रेन

जर्मनी की कोराडिया आईलिंट दुनिया की पहली हाइड्रोजन ईंधन सेल से चलने वाली यात्री ट्रेन है। यह ट्रेन कम शोर करती है और इसके निकास के रूप में केवल भाप और संघनित पानी निकलता है। यह ट्रेन 140 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से एक बार में 1000 किमी तक चल सकती है। जर्मनी में इस ट्रेन का परीक्षण साल 2018 से हो रहा है।

चीन में हाइड्रोजन ट्रेन

चीन ने हाल ही में एशिया की पहली हाइड्रोजन ट्रेन शुरू की है, जो अर्बन रेलवे के लिए विकसित की गई है। यह ट्रेन एक सिंगल टैंक पर 600 किमी कीदूरी तय कर सकती है और इसकी अधिकतम गति 160 किमी प्रति घंटा है।

देश में हाइड्रोजन ट्रेन की शुरुआत पर्यावरण के अनुकूल और उन्नत तकनीकों की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इसका उद्देश्य न केवल भारत को इस क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाना है, बल्कि विश्व में अग्रणी बनाना भी है।