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पल भर में लुटी जिंदगी भर की कमाई! डिजिटल धोखे से रिटायर्ड इंजीनियर से ठगे गए ₹10 करोड़

दिल्ली के रोहिणी में रहने वाले 70 वर्षीय बुजुर्ग की जीवनभर की कमाई साइबर ठगों ने चंद मिनटों में छीन ली। ठगों ने उन्हें "डिजिटल अरेस्ट" का झांसा देकर करीब 10 करोड़ रुपये से ज्यादा की ठगी कर ली।

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दिल्ली के रोहिणी में रहने वाले 70 वर्षीय बुजुर्ग की जीवनभर की कमाई साइबर ठगों ने चंद मिनटों में छीन ली। ठगों ने उन्हें "डिजिटल अरेस्ट" का झांसा देकर करीब 10 करोड़ रुपये से ज्यादा की ठगी कर ली। ठगों ने बुजुर्ग को बताया कि उनके नाम पर ताइवान से प्रतिबंधित दवाओं का पार्सल आया है। घबराए बुजुर्ग के सामने ठगों ने पुलिस अधिकारी का रूप धारण कर लिया और उनकी सारी जमापूंजी अलग-अलग खातों में ट्रांसफर करवा ली। ठगों ने उनसे 10 करोड़ 30 लाख रुपये ठग लिए। पुलिस अब तक 60 लाख रुपये फ्रीज करवा चुकी है।

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करीब आठ घंटे तक ठगों ने पीड़ित बुजुर्ग को वीडियो कैमरे के सामने बैठे रहने के लिए मजबूर किया और परिवार को केस में फंसाने का डर दिखाकर उनके खातों की सारी रकम अपने खातों में ट्रांसफर करवा ली। अचानक आए एक कॉल ने 70 वर्षीय बुजुर्ग की जिंदगी की सारी जमा-पूंजी को लूट लिया, और तब उन्हें एहसास हुआ कि वे ठगी का शिकार हो चुके हैं।

ठगी का तरीका

इस मामले में पीड़ित बुजुर्ग ने देश के प्रतिष्ठित कॉलेज से पढ़ाई की है और कई कंपनियों में ऊंचे पदों पर काम कर चुके हैं। एक दिन उन्हें अचानक एक फोन कॉल आया जिसमें कहा गया कि उनके नाम पर एक पार्सल आया है। जैसे ही उन्होंने कॉल रिसीव की, उधर से एक व्यक्ति ने उनका नाम और अन्य जानकारी पूछी। फिर ठगों ने उन्हें धमकाया और कहा कि ताइवान से प्रतिबंधित दवाओं का पार्सल आने के कारण उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी और उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

डर से घबराए बुजुर्ग ने ठगों की सभी बातों का पालन किया। ठगों ने उन्हें कहा कि यदि वे गिरफ्तार होने से बचना चाहते हैं, तो खुद को कमरे में बंद कर लें और मोबाइल या लैपटॉप का कैमरा चालू रखें। ठगों ने उन्हें विश्वास दिलाया कि जब तक वे कैमरे के सामने रहेंगे, वे सुरक्षित रहेंगे, वरना पुलिस उन्हें गिरफ्तार कर लेगी और उनका परिवार भी खतरे में पड़ सकता है।

फर्जी पुलिस अधिकारी

इस तरह की धमकी से बुजुर्ग और अधिक डर गए। थोड़ी देर में स्क्रीन पर एक फर्जी पुलिस अधिकारी आया जो खुद को मुंबई पुलिस का अधिकारी बता रहा था। उसने मदद के नाम पर बुजुर्ग के खातों की जानकारी मांगी और उन्हें इतना डरा दिया कि बुजुर्ग ने अपनी जमापूंजी ठगों के बताए गए अलग-अलग खातों में ट्रांसफर कर दी।

जब तक बुजुर्ग को यह एहसास हुआ कि वे ठगी का शिकार हो चुके हैं, तब तक बहुत देर हो चुकी थी। इसके बाद वे फौरन पुलिस के पास पहुंचे। पुलिस ने इस मामले को साइबर टीम को सौंप दिया और टीम ने तुरंत कार्रवाई शुरू कर दी। फिलहाल 60 लाख रुपये फ्रीज कर दिए गए हैं और बाकी रकम को ट्रेस किया जा रहा है।

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