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Ram Mandir: रामलला की मूर्ति का रंग काला क्यों? दिलचस्प है इसके पीछे का कारण

रामलला की इस मूर्ति का वजन करीब 200 किलोग्राम है। इसकी ऊंचाई 4.24 फीट, जबकि चौड़ाई 3 फीट के करीब है। इस मूर्ति को मैसूर के मशहूर मूर्तिकार अरुण योगिराज ने बनाया है।

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राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा का समारोह संपन्न हो गया है
राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा का समारोह संपन्न हो गया है

आज यानी 22 जनवरी को राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा का समारोह संपन्न हो गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में समारोह में यजमान की भूमिका में दिखे। रामलला की सुंदर मूर्ति की तस्वीर भी आ गई है। इसमें भगवान श्री राम का बाल स्वरूप दिखाया गया है। ऐसे में कई लोगों के मन में यह सवाल उठ रहा है कि मंदिर में विराजमान की गई भगवान राम की मूर्ति का रंग काला क्यों है? 

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राम की मूर्ति श्यामल रंग की क्यों?

मंदिर में स्थापित की गई भगवान राम की मूर्ति का निर्माण श्याम शिला से हुआ है। इस पत्थर का रंग काला ही होता है। यही कारण है कि मूर्ति का रंग काला है। इस काले पत्थर शास्त्रों को कृष्ण शिला भी कहा जाता है। शास्त्रों के अनुसार कृष्ण शिला से बनी राम की मूर्ति खास होती है। इसी कारण इस मूर्ति को श्याम शिला से बनाया गया है। 

हजारों साल तक रहेगी मूर्ति

भगवान राम की यह मूर्ति हजारों साल तक रहेगी। दरअसल, जिस पत्थर से यह मूर्ति बनी है, वह लंबे समय तक खराब नहीं होता। इस मूर्ति को जल, चंदन और रोली लगाने से कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। यह इनसे खराब नहीं होगी। 

क्या हैं मूर्ति की खासियत

रामलला की इस मूर्ति का वजन करीब 200 किलोग्राम है। इसकी ऊंचाई 4.24 फीट, जबकि चौड़ाई 3 फीट के करीब है। इस मूर्ति को मैसूर के मशहूर मूर्तिकार अरुण योगिराज ने बनाया है। वो MBA करने के बाद नौकरी कर रहे थे, फिर नौकरी छोड़कर उन्होंने मूर्तिकला शुरू की। मूर्तिकला उन्हें विरासत में मिली है।