Loksabha Elections 2024: मायावती ने अपने उत्तराधिकारी आकाश आनंद को पद से क्यों हटाया?
सपा प्रवक्ता फखरूल चांद हसन ने कहा, "आज जिस तरीके से आकाश आनंद को उनके पदों से बर्खास्त किया गया है. यह इसी को दर्शाता है. वह आकाश आनंद जो जो बसपा के उत्तराधिकारी थे और भारतीय जनता पार्टी से लगातार सवाल पूछ रहे थे और सवाल भाजपा को चुभ भी रहे थे

BSP सुप्रीमो Mayawati ने लोकसभा चुनाव के बीच अपने भतीजे Akash Anand को पार्टी के नेशनल कोओर्डिनेटर और अपने उत्तराधिकारी पद से हटा दिया है। बसपा सुप्रीमो ने कल देर रात ये फैसला लिया। मायावती ने उन्हें पिछले साल दिसंबर में ही अपना उत्तराधिकारी घोषित किया था।
आकाश आनंद को हटाए जाने पर सपा क्या बोली?
वहीं सपा ने आरोप लगाया है कि बसपा और भारतीय जनता पार्टी का अघोषित गठबंधन है, जिसको जनता देख रही है, क्योंकि जिस तरीके से बसपा के टिकट का बंटवारा हुआ और कई उम्मीदवारों को बदलने का फैसला लिया गया, इसमें कहीं ना कहीं भारतीय जनता पार्टी का प्रभाव नजर आता है। सपा प्रवक्ता फखरूल चांद हसन ने कहा, "आज जिस तरीके से आकाश आनंद को उनके पदों से बर्खास्त किया गया है, यह इसी को दर्शाता है। वह आकाश आनंद जो बसपा के उत्तराधिकारी थे और भारतीय जनता पार्टी से लगातार सवाल पूछ रहे थे और सवाल भाजपा को चुभ भी रहे थे, ऐसे में मायावती ने आकाश आनंद को पद से मुक्त करके यह बात जग जाहिर कर दी है कि बसपा और भाजपा अघोषित गठबंधन है। जनता सब देख रही है और जवाब देने का काम इस चुनाव में करेगी।" मायावती की पॉलिटिक्स में मिसफिट, भीड़ के सामने आपा खोना... जानें क्यों आकाश आनंद को पड़ा उत्तराधिकार से हाथ धोना।
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कांग्रेस का क्या कहना है?
वहीं कांग्रेस का कहना है कि मायावती किसको किस पद पर रखती हैं और किसको हटाती हैं वह उनका आंतरिक मामला है। लेकिन आकाश आनंद को कोऑर्डिनेटर के पद से हटाते हुए और जो एक शब्द का इस्तेमाल किया गया है कि वह अभी एमेच्योर हैं तो इसपर मायावती जी के निर्णय पर गंभीर प्रश्न खड़े होते हैं। अगर वह एमेच्योर थे तो उन्हें फिर कोऑर्डिनेटर क्यों बनाया गया? कांग्रेस प्रवक्ता सुरेंद्र राजपूत ने कहा कि आकाश आनंद जमीनी भाषण दे रहे थे और बहुजन समाज की बात करने लगे, साथ ही भाजपा को घेरने लगे तभी उनको पद से हटा दिया गया तो ऐसा लगता है कि कहीं न कहीं जिस तरीके से टिकट बदल रही हैं, मायावती और अब आकाश आनंद को हटाया है तो ऐसे में भाजपा से मिलीभगत स्पष्ट परिलक्षित हो रहा है। अगर भाजपा से समझौता करना है तो खुलके कर लीजिए बंद कब्बडी मत खेलिए। कभी जौनपुर का टिकट बदल रही हैं तो कभी बस्ती का टिकट चेंज कर रही हैं। इसलिए यह स्पष्ट हो गया है कि बीएसपी भारतीय जनता पार्टी के लिए B टीम के तौर पर काम कर रही है।