
महाकुंभ से देश के अर्थशास्त्र को कैसे होगा फायदा?
प्रयागराज में 13 जनवरी 2025 से शुरू होने वाला महाकुंभ मेला सिर्फ एक धार्मिक आयोजन नहीं है, बल्कि भारतीय संस्कृति, परंपराओं और आध्यात्म का एक बेहतरीन उदाहरण है। इस महाकुंभ में दुनियाभर से लगभग 40 करोड़ श्रद्धालु संगम पर पवित्र स्नान के लिए आएंगे। 56 दिनों तक चलने वाला इस आयोजन का धार्मिक के साथ ही आर्थिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण योगदान है।

प्रयागराज में 13 जनवरी 2025 से शुरू होने वाला महाकुंभ मेला सिर्फ एक धार्मिक आयोजन नहीं है, बल्कि भारतीय संस्कृति, परंपराओं और आध्यात्म का एक बेहतरीन उदाहरण है। इस महाकुंभ में दुनियाभर से लगभग 40 करोड़ श्रद्धालु संगम पर पवित्र स्नान के लिए आएंगे। 56 दिनों तक चलने वाला इस आयोजन का धार्मिक के साथ ही आर्थिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण योगदान है। माना जा रहा है कि महाकुंभ का आर्थिक असर जबरदस्त होगा और ये लोकल इकॉनमी को बूस्टर डोज मुहैया कराएगा। इस आयोजन पर खर्च किए जाने वाली रकम को देखें तो राज्य और केंद्र सरकार की तरफ से इसको कुल साढ़े 7 हजार करोड़ रुपये का बजट मिला है। 45 दिनों के मेले के दौरान 2 से 3 लाख करोड़ रुपये के फाइनेंशियल लेनदेन की संभावना है।
टूरिज्म इंडस्ट्री को बड़ा फायदा
महाकुंभ के दौरान टूरिज्म इंडस्ट्री को सबसे बड़ा फायदा होगा। ट्रैवल एजेंसियां, होटल्स, टूर ऑपरेटर्स, और रेस्टोरेंट्स के लिए कमाई के बड़े मौके पैदा होंगे। इसके अलावा, टेंट सिटी और अस्थायी रहने की व्यवस्थाओं की भी भारी डिमांड रहेगी। यहां पर 4 हजार हेक्टेयर में अस्थाई टेंट सिटी बनेगी 6 हजार नाविकों और हजारों दुकानदारों को रोजगार मिलेगा। जानकारों का मानना है कि 2025 में महाकुंभ की मदद से सामाजिक और आर्थिक अवसर पैदा होंगे जो देश की अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण साबित होंगे।
इस मेले के जरिए लोकल आर्टिजन्स और छोटे बिज़नेसेस को भी अपने प्रोडक्ट्स बेचने के बड़े मौके मिलेंगे। धार्मिक सामान, सॉविनियर्स और लोकल फूड खरीदने के लिए विजिटर्स बड़ी संख्या में खर्च करेंगे। महाकुंभ से रेलवे, एयरलाइन्स और रोड ट्रांसपोर्ट को भी जबरदस्त फायदा मिलेगा। इसके साथ ही, कंस्ट्रक्शन, सिक्योरिटी और हेल्थ सर्विसेज में जॉब्स के अवसर बढ़ेंगे।

प्रयागराज कुंभ मेला
यूपी सरकार के 1 ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी के लक्ष्य को भी मजबूत करेगा सीएम योगी आदित्यनाथ को भरोसा है कि ये आयोजन उत्तर प्रदेश की इकोनॉमी को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा ये आयोजन आसपास के धार्मिक स्थलों जैसे वाराणसी और अयोध्या समेत यूपी के मथुरा को भी फायदा पहुंचाएगा।