चाइनीज मोबाइल कंपनियों की शामत, भारत में होंगी बैन!
चाइनीज मोबाइल कंपनियों की शामत आ गई है। चाइनीज कंपनियों का बड़ा विरोध शुरू हो गया है। व्यापारियों के संगठन फन फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स चाइनीज कंपनियों के विरोध में उतर आया है। ये विरोध शुरू हुआ है हाल ही में फ्लिपकार्ट और अमेजन पर शुरू हुई बंपर सेल के बाद।

हाल ही में फ्लिपकार्ट और अमेजन पर शुरू हुई बंपर सेल के बाद। चाइनीज कंपनियों पर आरोप है कि ये नियमों का उल्लंघन कर रही हैं। इन्होंने भारत की मोबाइल मार्केट को पूरी तरह से पलट कर रख दिया है। ये पूरा मामला क्या है और किस तरह से चाइनीज कंपनियां भारतीय मार्केट को नुकसान पहुंचा रही हैं। इस वीडियो में आपको बताएंगे। ये भी बात करेंगे कि चाइनीज मोबाइल कंपनियों का भारतीय बाजार में कितना दबदबा है।
बैन करने की मांग
ऑल इंडिया मोबाइल रिटेलर एसोसिएशन चीनी मोबाइल कंपनियों को बैन करने की मांग उठा दी है। संगठन का कहना है कि चीनी मोबाइल कंपनियों ने ई-कॉमर्स प्लेटफार्म के साथ मिलकर भारी डिस्काउंट देना शुरू कर दिया है। इससे भारत की मोबाइल मार्केट को बड़ा झटका लगा है। संगठन ने सीधे तौर पर इसके लिए OnePlus, iQOO और POCO जैसे ब्रांड्स के ऑपरेशन को सस्पेंड करने की मांग की है। आरोप है कि इन कंपनियों ने नियमों का उल्लंघन किया है और इससे मोबाइल की ग्रे मार्केट को बढ़ावा मिला है। इससे सरकारी खजाने को भी नुकसान हो रहा है। क्योंकि इन स्मार्टफोन की कीमत कम है तो टैक्स भी कम दिया जा रहा है। हालांकि इस मामले में अभी तक कंपनी की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई है।
संगठन ने ये भी आरोप लगाया है कि इसमें कई बैंक भी शामिल हैं। बैंकों की मदद से यूजर्स को भारी डिस्काउंट मिल रहा है। ऑल इंडिया मोबाइल रिटेलर्स एसोसिएशन ने इस मामले में केंद्रीय कॉमर्स मिनिस्टर पीयूष गोयल और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से हस्तक्षेप करने की मांग की है।
ऑल इंडिया मोबाइल रिटेलर्स असोसिएशन
ऑल इंडिया मोबाइल रिटेलर्स असोसिएशन का कहना है कि चीनी कंपनी Vivo का सब ब्रांड iQOO केवल ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म Amazon-Flipkart के जरिए ही अपने प्रोडक्ट बेच रहा है। ऐसे ही, कई और चीनी ब्रांड भी अपने प्रोडक्ट्स को एक्सक्लूसिविली ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध करा रहे हैं। ऐसे में मोबाइल रिटेलर्स के लिए ग्राहकों की डिमांड को पूरा करना मुश्किल हो गया है।
चीइनीज ब्रांड्स का कब्जा
भारतीय मोबाइल फोन बाजार में चीइनीज ब्रांड्स का कब्जा है। असल में कम बजट होने की वजह से भारत के करीब 75 फीसदी मोबाइल मार्केट में चाइनीज फोन की धूम है। काउंटरप्वाइंट रिसर्च के मुताबिक, मार्च 2024 तक भारत में स्मार्टफोन बाजार में शाउमी, ओप्पो, वीवो और रियलमी इस सब का कलेक्टिव शेयर 58 फीसदी था। जबकि मई 2024 तक चीनी ब्रांडों का मार्केट शेयर 75 फीसदी था। रिपोर्ट्स बताती हैं कि भारत के निचले और मध्यम वर्ग के तबके के बीच सस्ते और लेटेस्ट फीचर्स वाले चाइनीज मोबाइल फोन की जबरदस्त डिमांड है।
चीनी स्मार्टफोन निर्माता भारतीय बाजार पर हावी हैं। कुल स्मार्टफोन शिपमेंट में 69 फीसदी से ज्यादा पर उनका कब्जा है। ये दबदबा किफायती फोन जो 25 हजार रुपये से कम कीमत के हैं उनका ज्यादा है। इस सेगमेंट में उनका मार्केट शेयर 80 फीसदी तक पहुंच जाता है।
चीनी मोबाइल कंपनियों के सस्ते स्मार्टफोन की भारत में जबरदस्त डिमांड है। कई संगठन चीनी कंपनियों पर रोक लगाने की मांग पहले भी उठाते रहे हैं। आप भारतीय बाजार में चीनी मोबाइल कंपनियों के स्मार्टफोन को लेकर क्या सोचते हैं कमेंट करके जरूर बताएं।