Unsecured Loan: शक्तिकांता दास ने Unsecured Loan पर जताई चिंता
RBI गवर्नर ने कहा कि पर्सनल लोन के कुछ हिस्सों में काफी तेज ग्रोथ दर्ज की जा रही है। रिजर्व बैंक इस पर लगातार नजर रख रहा है और किसी दबाव और उससे जुड़ी चुनौती पर निगरानी की जा रही है। बैंक और NBFC को सलाह दी गई है कि वो अपने सिस्टम की आंतरिक निगरानी को मजबूत बनाए और किसी भी बढ़ते जोखिम का हल निकालें। फिलहाल मजूबत जोखिम प्रबंधन और ऊंचे स्टैंडर्ड की जरूरत है।

बैंक की पॉलिसी समीक्षा में गवर्नर शक्तिकांता दास ने एक बड़े जोखिम का जिक्र किया। जिसके बाद से इस मामले ने तूल पकड़ लिया है। RBI गवर्नर ने एक बड़ी चिंता पर रोशनी डाली है। जो पूरे बैंकिंग सिस्टम के लिए एक बड़ी चुनौती के तौर पर देखी जा रही है। RBI गवर्नर शक्तिकांता दास की चिंता पर्सनल लोन को लेकर है, जो जायज भी दिख रही है। क्योंकि आंकड़े बता रहे हैं कि ज्यादा जोखिम वाले अनसिक्योर्ड लोन की हिस्सेदारी लगातार बढ़ती जा रही है और अर्थव्यवस्था को लगने वाले किसी भी झटके की स्थिति में बैकों के सामने काफी मुश्किलें आ सकती हैं। सबसे पहले जानते हैं RBI गवर्नर ने क्या कहा? फिर बताएंगे ये कितनी बड़ी चिंता है?
अपनी प्रेस कॉन्फ्रेस में आरबीआई गवर्नर ने कहा कि पर्सनल लोन के कुछ हिस्सों में काफी तेज ग्रोथ दर्ज की जा रही है। रिजर्व बैंक इस पर लगातार नजर रख रहा है और किसी दबाव और उससे जुड़ी चुनौती पर निगरानी की जा रही है। बैंक और NBFC को सलाह दी गई है कि वो अपने सिस्टम की आंतरिक निगरानी को मजबूत बनाए और किसी भी बढ़ते जोखिम का हल निकालें। फिलहाल मजूबत जोखिम प्रबंधन और ऊंचे स्टैंडर्ड की जरूरत है।
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अब समझते हैं कि ये मुद्दा कितना बड़ा है। रिजर्व बैंक गवर्नर की चिंता सिस्टम में बढ़ते अनसिक्योर्ड लोन से है। साल 2023 अगस्त में सिस्टम में 48 लाख करोड़ रुपये के अनसिक्योर्ड लोन थे जो कि पिछले साल के मुकाबले 31 प्रतिशत ज्यादा थे। आंकड़ों के मुताबिक बैंकिंग सिस्टम के कुल लोन का एक तिहाई हिस्सा रिटेल लोन का है। इसमें से भी अनसिक्योर्ड लोन में बढ़त देखने को मिल रही। मार्च 2021 से मार्च 2023 के बीच अनसिक्योर्ड का हिस्सा 22.9 प्रतिशत से बढ़कर 25.2 फीसदी हो गए हैं। वहीं सिक्योर्ड लोन का हिस्सा 77.1 प्रतिशत से घटकर 74.8 फीसदी पर आ गए हैं।
लोन की बात करें तो ये दो तरह के होते हैं। पहली तरह के लोन में कर्ज किसी एसेट या संपत्ति के बदले सुरक्षित होता है। यानि इस तरह के लोन में अगर कर्जदार अपनी देनदारी पूरी नहीं करता तो बैंक गिरवी रखे एसेट से कर्ज की भरपाई करता है। इसे सिक्योर्ड लोन कहते हैं क्योंकि ये गिरवी रखी सिक्योरिटी की वजह से सुरक्षित हो जाते हैं। हालांकि दूसरी तरफ के लोन ऐसे लोन होते हैं जो सिर्फ ग्राहक की कर्ज चुकाने की क्षमता के आधार पर दिए जाते हैं। इसमें कोई संपत्ति या सिक्योरिटी कर्ज को सुरक्षित रखने के लिए नहीं दी जाती. ऐसे कर्ज अनसिक्योर्ड होते हैं। अनसिक्योर्ड लोन में पर्सनल लोन, क्रेडिट कार्ड लोन और स्टूडेंट एजुकेशन लोन शामिल होता है। अब ऐसे में देखना होगा कि RBI बैंकों के लिए अनसिक्योर्ड लोन को कम करने के लिए किस तरह की रणनीति बनाता है।