scorecardresearch

क्या है ब्राइटकॉम पर सेबी का ऑर्डर, कैसे फंस गए रिटेल निवेशक?

Brightcomm की जांच में हैरान करने वाला खुलासा होने के बाद सेबी ने तत्काल ब्राइटकॉम ग्रुप के शेयरों की बिक्री पर पाबंदी लगाने का आदेश दिया है. पूंजी बाजार नियामक सेबी ने ब्राइटकॉम ग्रुप के एमडी और चेयरमैन सुरेश कुमार रेड्डी और इसके चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर नारायण राजू पर अगले आदेश तक किसी भी लिस्टेड कंपनी या उसकी सहयोगी में डायरेक्टर या मैनेजर का पद संभालने पर भी रोक लगा दी है।

Advertisement
क्या है ब्राइटकॉम पर सेबी का ऑर्डर
क्या है ब्राइटकॉम पर सेबी का ऑर्डर

रिटेल निवेशकों की पसंदीदा कंपनी ब्राइटकॉम ग्रुप पर SEBI का चाबुक चला है। इतना ही नहीं बल्कि शेयर बाजार के दिग्गज निवेशक और फर्स्ट ग्लोबल के शंकर शर्मा पर मार्केट रेग्युलेटर ने कई तरह के प्रतिबंध लगा दिए हैं। अपनी तरह के इकलौते मामले में भारत के पूंजी बाजार नियामक सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया ने ब्राइटकॉम ग्रुप के खिलाफ एक दूसरा अंतरिम आर्डर जारी किया है। जिससे न सिर्फ कंपनी की साथ बल्कि निवेशकों को भी जबरदस्त झटका लगा है। ऐसे में निवेशकों से जुड़े हर एक सवाल के जवाब को समझने की कोशिश करते हैं। सबसे पहले ब्राइटकॉम पर आए ऑर्डर को जानते हैं। 

advertisement

Brightcomm की जांच में हैरान करने वाला खुलासा होने के बाद सेबी ने तत्काल ब्राइटकॉम ग्रुप के शेयरों की बिक्री पर पाबंदी लगाने का आदेश दिया है. पूंजी बाजार नियामक सेबी ने ब्राइटकॉम ग्रुप के एमडी और चेयरमैन सुरेश कुमार रेड्डी और इसके चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर नारायण राजू पर अगले आदेश तक किसी भी लिस्टेड कंपनी या उसकी सहयोगी में डायरेक्टर या मैनेजर का पद संभालने पर भी रोक लगा दी है। 

पूंजी बाजार नियामक ने शेयर बाजार के दिग्गज निवेशक शंकर शर्मा पर भी ब्राइटकॉम के शेयर बेचने से रोक लगा दी है। इसका मतलब यह है कि सेबी के आदेश के बाद दिग्गज निवेशक ब्राइटकॉम ग्रुप के शेयर नहीं बेच पाएंगे। 

सेबी ने अपने आदेश में कहा है कि शंकर शर्मा को प्रेफरेंशियल एलॉटमेंट के रूप में ₹37.77 प्रति वारंट के हिसाब से 1.5 करोड़ वारंट जारी किए गए. इस हिसाब से शंकर शर्मा को कुल ₹56 करोड़ का पेमेंट करना था लेकिन उनकी जगह सिर्फ ₹40 करोड़ का पेमेंट किया गया। इस तरह इस ट्रांजैक्शन में 16.67 करोड़ के पेमेंट का हिसाब नहीं मिला है। यहां तक कि सेबी को शंकर शर्मा की तरफ से किए गए ₹40 करोड़ के पेमेंट का भी कोई सबूत नहीं मिला है। अगर आंकड़ों में देखें तो कंपनी के कुल 23 लोगों को ब्राइटकॉम ग्रुप के शेयर बेचने पर रोक लगा दी है।

SEBI ने अपनी रिपोर्ट में साफ कहा है कि कंपनी ने फर्जी बैंक स्टेटमेंट के जरिये मामले को छिपाने की भी कोशिश की। सेबी का आदेश तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है। अब ऐसे में ब्राइटकॉम ग्रुप सेबी के पास 21 दिन के अंदर जवाब दाखिल कर सकता है।