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महंगाई का असली विलेन 'टमाटर', जिसने उड़ाई RBI और सरकार की नींद

बढ़े हुए भाव के कारण लोगों की थाली से टमाटर गायब ही हो गया है। 213% तक बढ़े टमाटर का कीमतों ने सरकार और आम लोगों के भी पसीने छुड़ा दिए है। बढ़े हुए भाव के कारण लोगों की थाली से टमाटर गायब ही हो गया है। खाद्य पदार्थों की कीमतों में बढ़ोतरी के कारण जुलाई में भारत की रिटेल महंगाई बढ़कर 7.44% हो गई।

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महंगाई का असली विलेन 'टमाटर'
महंगाई का असली विलेन 'टमाटर'

महंगाई को तेजी से बढ़ाने में टमाटर विलेन की भूमिका निभा रहा है। टमाटर की बढ़ी हुई कीमतों ने महंगाई में आग लगा दी है। टमाटर की कीमतों में 213% की बढ़ोतरी देखी गई। बढ़े हुए भाव के कारण लोगों की थाली से टमाटर गायब ही हो गया है। 213% तक बढ़े टमाटर का कीमतों ने सरकार और आम लोगों के भी पसीने छुड़ा दिए है। बढ़े हुए भाव के कारण लोगों की थाली से टमाटर गायब ही हो गया है। खाद्य पदार्थों की कीमतों में बढ़ोतरी के कारण जुलाई में भारत की रिटेल महंगाई बढ़कर 7.44% हो गई। जो अप्रैल 2020 के बाद सबसे अधिक है। इस पर के CPI डेटा में टमाटर की महंगाई की वजह से तड़का लगा है।

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 पिछले महीने, जब टमाटर के भाव ने आसमान छूना शुरू किया था, तब की तुलना में कीमतों में 213% की बढ़ोतरी देखी गई। इसके साथ ही सब्जियों की कीमतों में भी 37.3% की बढ़ोतरी दर्ज की गई. सब्जियों में आलू, प्याज, पत्तागोभी, फूलगोभी वगैरह की कीमतों में भी तेजी देखी गई।

फूड और बेवरेज में वजन के हिसाब से करीब 71% आइटम्‍स में जुलाई में 6% से ज्‍यादा महंगाई दर्ज की गई। सब्जियों के साथ-साथ आटा, चावल और दाल भी शामिल हैं। IDFC बैंक के एक रिसर्च नोट के अनुसार, टमाटर को छोड़ भी दें तो जुलाई में महंगाई वार्षिक आधार पर बढ़कर 6.1% हो गई, जो जून में 5.3% थी।

बाजार पर नजर डालें तो, दैनिक खाद्य कीमतों के अनुसार आपूर्ति में सुधार होने के कारण पिछले कुछ दिनों में टमाटर की कीमतों में नरमी आनी शुरू हो गई है। श्रावण माह के कारण मांस, मछली और अंडे की कीमतों में भी थोड़ी गिरावट आई है। लेकिन बाजार पर नजर रखने वालों के अनुसार प्याज, अगला 'टमाटर' हो सकता है, इसकी कीमतों में 18.9% की बढ़ोतरी संभवना है।