
29 अगस्त को Ethanol से चलने वाली Toyota की कार का उद्घाटन करेंगे Nitin Gadkari
एथेनॉल मिलावट वाले पेट्रोल से चलने वाली गाड़ी पेट्रोल के मुकाबले बहुत कम गर्म होती हैं। एथेनॉल में अल्कोहल जल्दी उड़ जाता है, जिसके चलते इंजन जल्द गर्म नहीं होता है। इसके अलावा ये कच्चे तेल के मुकाबले काफी सस्ता पड़ेगा। इससे भी महंगाई से राहत मिलने की उम्मीद है। एथेनॉल का इस्तेमाल बढ़ने से किसानों की आमदनी भी बढ़ेगी।

केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री Nitin Gadkari 29 अगस्त को 100% Ethanol Fuel पर चलने वाली कार का उद्घाटन करेंगे। कार की जानकारी फिलहाल सामने नहीं आईं हैं। लेकिन मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो ये Toyota की Innova या Camry हो सकती हैं। पीटीआई के अनुसार, गडकरी ने Delhi में हुए एक इवेंट में कहा, '29 अगस्त को मैं फ्लेक्स फ्यूल पर बेस्ड टोयोटा की कार लॉन्च करुंगा। ये 100% बायोएथेनॉल पर चलने वाली कार होगी। इस फ्यूल से कार हाइब्रिड सिस्टम के लिए 40% इलेक्ट्रिसिटी जनरेट कर सकती है। उन्होंने बताया कि यह कार दुनिया की पहली BS6 फेज-2 इलेक्ट्रिफाइड फ्लेक्स-फ्यूल कार होगी। ऑयल इम्पोर्ट पर 16 लाख करोड़ रुपए खर्च होता है गडकरी ने कहा यह फ्यूल पेट्रोलियम के इम्पोर्ट पर होने वाले खर्च को बचा सकता है। अगर हमें आत्मनिर्भर बनना है तो ऑयल इम्पोर्ट को जीरो पर लाना ही होगा।
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फिलहाल देश इस पर 16 लाख करोड़ रुपए खर्च करता है, जो हमारी अर्थव्यवस्था के लिए बड़ा नुकसान है। गडकरी ने कहा, एथेनॉल की कीमत 60 रुपए प्रति लीटर है और यह कार 15 से 20 kmpl का माइलेज दे सकती है। इससे यह पेट्रोल की तुलना में कहीं अधिक किफायती है, जो वर्तमान में लगभग 120 रुपए प्रति लीटर पर बिकता है। गडकरी लगातार ऑप्शनल फ्यूल और ग्रीन एनर्जी से चलने वाली गाड़ियों को बढ़ावा दे रहे हैं। नितिन गडकरी ने पिछले साल टोयोटा के फ्लेक्स-फ्यूल पायलट प्रोजेक्ट को हरी झंडी दिखाई थी, तब कंपनी ने टोयोटा कोरोला हाइब्रिड को पेश किया था। इसके बाद केंद्रीय मंत्री ने हाइड्रोजन से चलने वाली कार टोयोटा मिराई को भी लॉन्च किया था।

एथेनॉल मिलावट वाले पेट्रोल से चलने वाली गाड़ी पेट्रोल के मुकाबले बहुत कम गर्म होती हैं। एथेनॉल में अल्कोहल जल्दी उड़ जाता है, जिसके चलते इंजन जल्द गर्म नहीं होता है। इसके अलावा ये कच्चे तेल के मुकाबले काफी सस्ता पड़ेगा। इससे भी महंगाई से राहत मिलने की उम्मीद है। एथेनॉल का इस्तेमाल बढ़ने से किसानों की आमदनी भी बढ़ेगी। क्योंकि एथेनॉल गन्ने, मक्का और कई दूसरी फसलों से बनाया जाता है। चीनी मिलों को कमाई का एक नया जरिया मिलेगा और कमाई बढ़ेगी। एथेनॉल से किसानों को 21 हजार करोड़ रुपए का फायदा हुआ है।
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