India-UAE Relation: अब UAE से भारतीय रूपये में तेल खरीदेगा भारत
पिछले हफ्ते ही संसद में पेश संसदीय समिति की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय रुपये में कच्चे तेल का भुगतान लेने की दिशा में प्रगति अच्छी नहीं है। इस पर अधिकारियों ने यह माना कि वित्त वर्ष 2022-23 में हालात ऐसे ही रहे हैं लेकिन इस साल तेल का कुछ कारोबार रुपये में हुआ है।

इस खबर को भारत के लिए एक एतिहासिक उपलब्धि के तौर पर देखा जा रहा है। भारत की ओर से बड़ी छलांग लगाई गई है। पहली बार भारत ने संयुक्त अरब अमीरात यानि UAE से कच्चा तेल, डॉलर नहीं, दूसरी करेंसी नहीं बल्कि रुपये में खरीदा है। जी हां, भारत वो कर दिखाया जिसका लंबे समय से इंतजार किया जा रहा था। इसके साथ ही भारत ने अपनी करेंसी रुपया को वैश्विक स्तर पर ले जाने की दिशा में मजबूत कदम उठा दिया है। यहां तक की अधिकारियों की ओर से कहा गया है कि भारत दूसरे तेल सप्लायर देशों के साथ भी इसी तरह के रुपया भुगतान सौदों की कोशिश में लगा हुआ है। लेकिन इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लागू करना एक प्रक्रिया है और इसके लिए अभी फिलहाल के लिए कोई लक्ष्य नहीं रखा गया है। अब समझते हैं कि ये डील कैसे हुई है? दरअसल तेल कंपनी Indian Oil Corporation ने Abu Dhabi National Oil Company से 10 लाख बैरल कच्चे तेल की खरीद का भुगतान भारतीय रुपये में किया है। इसके अलावा रूस से इंपोर्ट किए गए कच्चे तेल के कुछ हिस्से का भी भुगतान रुपये में किया गया है। इतना ही नहीं, भारतीय अधिकारियों की ओर से कहा गया है कि हमें इस बात का ध्यान रखना होगा कि तेल खरीद का भुगतान रुपये में करने से लागत न बढ़े और इसका व्यापार पर किसी भी तरह से नुकसान न पड़े।
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अब ऐसे में सवाल उठता है कि इस कदम से क्या बड़े फायदे होंगे? तो आपको बता दें कि भारत अपनी 85% से ज्यादा तेल जरूरतों को पूरा करने के लिए इंपोर्ट पर निर्भर है। इसके लिए उसे बड़े पैमाने पर डॉलर में भुगतान करना होता है। लेकिन अगर रुपए में ट्रेड की स्थिति आगे भी जारी रहती है तो भारत को इसका बड़ा फायदा होगा। इस कदम से रुपये के अंतरराष्ट्रीयकरण से डॉलर की मांग कम करने में मदद मिलेगी और भारतीय अर्थव्यवस्था पर वैश्विक मौद्रिक झटकों का कम असर होगा। पिछले साल से भारत ने तेल की खरीद का भुगतान डॉलर के बजाय रुपये में करने की व्यवस्था शुरू की है। इस दिशा में रिजर्व बैंक ने भी जरूरी कदम उठाए हैं। भारत ने जुलाई में UAE के साथ रुपये में भुगतान के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। पिछले हफ्ते ही संसद में पेश संसदीय समिति की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय रुपये में कच्चे तेल का भुगतान लेने की दिशा में प्रगति अच्छी नहीं है। इस पर अधिकारियों ने यह माना कि वित्त वर्ष 2022-23 में हालात ऐसे ही रहे हैं लेकिन इस साल तेल का कुछ कारोबार रुपये में हुआ है।