General Election के दौर में कैसा रहेगा बाजार का प्रदर्शन, मौजूदा समय में क्या हैं रिस्क, निवेश के लिए कैसे बनाएं रणनीति?
अमेरिकी ट्रेजरी यील्ड में बढ़ोतरी के साथ-साथ कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी के जवाब में बॉन्ड यील्ड ऊपर की ओर बढ़ रही है। बाजार अभी अनुकूल चुनावी नतीजों सहित लगभग हर सकारात्मक खबर को छूट मानकर चल रहा है। बाजार में अब तक सबसे बड़ा जोखिम आत्मसंतोष का जोखिम है।

वर्तमान में चल रहे आम चुनाव को बाजार के नजरिए से काफी हद तक एक ऐसी घटना के रूप में देखा जा रहा है, जिसका ज्यादा असर बाजार पर नहीं होगा। जिसमें सत्तारूढ़ व्यवस्था के लिए सत्ता के निरंतरता की संभावनाएं जताई जा रही हैं। ऐसे में जब बाजार की उम्मीदें पीक पर पहुंच गई हैं, लोगो के मन में सवाल है कि आगे क्या होने वाला है।
कोटक अल्टरनेट एसेट की सीईओ-इन्वेस्टमेंट एंड स्ट्रैटेजी, लक्ष्मी अय्यर
बिजनेस टु़डे बाजार ने कोटक अल्टरनेट एसेट मैनेजर्स की सीईओ-इन्वेस्टमेंट एंड स्ट्रैटेजी, लक्ष्मी अय्यर से बात की और जानने की कोशिश की, आगे बाजार की चाल कैसी रह सकती है।
सवाल- आप मौजूदा आम चुनावों में बाजारों (इक्विटी और फिक्स्ड इनकम) को किस तरह का प्रदर्शन करते हुए देखते हैं?
जवाब- आम चुनावों से पहले और उसके दौरान इक्विटी मार्केट में उथल-पुथल रह सकती है। जियो-पॉलिटिकल माहौल भी अभी काफी अस्थिर है, जिससे अनिश्चितता बढ़ सकती है। बाजारों ने लगभग हर सकारात्मक खबर (पॉजिटिव ट्रिगर) को ध्यान में रखा है और हर संभावित नकारात्मक खबर (निगेटिव ट्रिगर) पर अस्थिरता बढ़ रही है। अमेरिकी ट्रेजरी यील्ड में बढ़ोतरी के साथ-साथ कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी के जवाब में बॉन्ड यील्ड ऊपर की ओर बढ़ रही है। हमें उम्मीद है कि 10-ईयर बेंचमार्क गवर्नमेंट-सिक्योरिटीज (जी-सेक) यील्ड 7.3 फीसदी के स्तर पर कुछ स्थिर स्थिति में मिलेगा। इसके अलावा, बॉन्ड यील्ड में किसी भी तेज बढ़ोतरी को रोकने के लिए एफपीएल (FPL) खरीदारी एक मजबूत उत्प्रेरक बनी रह सकती है।
सवाल- आम चुनावों में मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए की जीत को बाजार पूरी तरह से छूट मानकर (यह मानकर कि मोदी सरकार की फिर वापसी हो सकती है) चल रहा है, इस पर आपकी क्या राय है?
जवाब- बाजार अभी अनुकूल चुनावी नतीजों सहित लगभग हर सकारात्मक खबर को छूट मानकर चल रहा है। बाजार में अब तक सबसे बड़ा जोखिम आत्मसंतोष का जोखिम है। लगभग सभी सेगमेंट में कीमतों में रैखिक बढ़ोतरी को देखते हुए निवेशकों, विशेष रूप से निवेश की दुनिया में नए लोगों ने, लंबे समय तक बाजार में शायद ही कोई नकारात्मक प्रभाव देखा हो।
सवाल- वे कौन से क्षेत्र (सेक्टर) हैं, जिन पर आप बाजार में तेजी के अगले चरण के लिए मजबूती की उम्मीद जता रहे हैं?
जवाब - यह देखते हुए कि बीएफएसआई (BFSI) ने अपेक्षाकृत खराब प्रदर्शन किया है, इस क्षेत्र में चुनिंदा अवसर हो सकते हैं। हमें फार्मास्युटिकल और स्वास्थ्य देखभाल (हेल्थकेयर सेक्टर) भी पसंद हैं। कमोडिटीज के लिए भी बेहतर दिख रहा है, वहीं रियल एस्टेट सेक्टर में अवसर चयनात्मक हैं। बाजार चक्र (मार्केट साइकिल) छोटा हो रहा है और अगला कदम टॉप-डाउन अप्रोच के बजाय बॉटम-अप अधिक हो सकता है।
सवाल- क्या आप कुछ सेक्टर में संभावित गिरावट (करेक्शन) देखते हैं?
जवाब- स्टॉक या किसी क्षेत्र (सेक्टर) में भविष्य की गतिविधियों के लिए अर्निंग प्रमुख वजह साबित हो सकती है। जब तक हमें कुछ स्थिरता नहीं दिखती, आईटी सेक्टर में अभी भी कुछ गिरावट हो सकती है।
सवाल- कॉर्पोरेट कैपेक्स और इक्विटी पर उनके प्रभाव को लेकर आपके क्या विचार हैं?
जवाब- भारत में कॉर्पोरेट सेक्टर ने कोविड चरण के दौरान बैलेंस शीट में उधार ली गई पूंजी कम होते देखी है। हमने निश्चित रूप से कैपेक्स साइकिल में बहुत अच्छी तेजी देखी है और इसका असर इक्विटी पर दिखाई दिया है। हालांकि अभी भी कैपेक्स में उछाल नहीं हैं, लेकिन ऐसा लगता है कि हम उस ओर जा रहे हैं।
सवाल- पिछली तीन तिमाहियों में आपकी निवेश रणनीति क्या रही है?
जवाब- हालांकि हम हाल में बाजार को लेकर सतर्क रहे हैं, हम चुनिंदा निवेश अवसरों पर ध्यान दे रहे हैं। मिड-कैप और स्मॉल-कैप सेगमेंट में शानदार प्रदर्शन को देखते हुए, हमने मिनि-कैप की तुलना में लार्ज-कैप की ओर रुख किया है। हम पोर्टफोलियो में कुछ बदलावों के साथ निवेश बनाए रखेंगे और बाजार में किसी अप्रत्याशित प्रतिक्रिया की स्थिति में कुछ रक्षा तंत्र (डिफेंस मैकेनिज्म) तैयार करेंगे।
सवाल- आप भारतीय इक्विटी बाजारों पर जियो-पॉलिटिकल टेंशन का किस तरह से प्रभाव देखते हैं?
जवाब- जियो-पॉलिटिकल का फैक्टर सबसे आगे रहेगा, क्योंकि यह कच्चे तेल की कीमतों, कई अन्य कमोडिटीज और मुद्राओं (करंसी) को सीधे प्रभावित करता है। निकट भविष्य में बाजार वर्तमान तरल स्थिति के प्रति सचेत रह सकता है। अगर जियो-पॉलिटिकल स्थिति बिगड़ती है, तो इससे कमोडिटी, विशेषकर कच्चे तेल (क्रूड ऑयल) की कीमतें प्रभावित हो सकती हैं। कच्चा तेल भारत के लिए एक महत्वपूर्ण आयात होने वाली वस्तु है, और इसलिए इसमें महंगाई को बढ़ावा देने की क्षमता होती है।
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सवाल- विश्व स्तर पर और भारत में, ब्याज दरों में कटौती पहले की अनुमान की तुलना में थोड़ी दूर लगती है। आप इसे इक्विटी पर किस तरह से प्रभाव डालते हुए देखते हैं?
जवाब- बाजार को ब्याज दरों में कटौती के लिए इंतजार करना होगा क्योंकि अमेरिका दरों में कटौती करने की जल्दी में नहीं है। महंगाई में कुछ कमी आने के बावजूद भारत भी इस मोर्चे पर नरम नहीं पड़ना चाहेगा, क्योंकि इसका असर रुपये पर पड़ सकता है। इसका मतलब यह हो सकता है कि उधार लेने की लागत लगातार बढ़ती रहेगी। दरों में कटौती पूरी तरह से बंद नहीं हुई है। हालांकि, इसकी मात्रा उस समय पर निर्भर करेगी जब अमेरिका दरों में पहली कटौती करता है। फेड फंड फ्यूचर्स फिलहाल एक से अधिक दरों में कटौती के संकेत नहीं दे रहे हैं। भारत के लिए भी यही स्थिति हो सकती है क्योंकि जियो-पॉलिटिकल पर अनिश्चितता बनी हुई है।
सवाल- एएमएफटी (AMFT) को मिड और स्मॉल-कैप पर अत्यधिक सावधान किया जा रहा है?
जवाब- लार्ज-कैप और मिड-कैप के बीच मूल्यांकन (वैल्युएशन) का अंतर काफी कम हो गया है। इसलिए मौजूदा स्तर पर सतर्क रहना ही समझदारी है। इस सेगमेंट में अवसर सामान्य रूप से किसी क्षेत्र विशेष में निवेश की तुलना में बॉटम-अप स्टॉक स्पेसिफिक प्रकृति के अधिक हैं।
सवाल- चीन के मजबूत ग्रोथ की उम्मीद के साथ, क्या आप भारत और अन्य उभरते बाजारों में आने वाले फ्लो को चीन की ओर मुड़ते हुए देखते हैं, और क्यों?
जवाब- फॉरवर्ड पीई के आधार पर भारत और चीन के बीच मूल्यांकन (वैल्युएशन) में बड़े अंतर को देखते हुए, कुछ आवंटन समायोजन (अलोकेशन एडजस्टमेंट) हो सकते हैं। हालांकि, चीन की स्थिति अभी पूरी तरह से स्पष्ट नहीं है। इसलिए, मौजूदा मूल्यांकन (वैल्युएशन) लंबे समय तक बढ़ सकता है।