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बासमती चावल पर पाकिस्तान कैसे उठा रहा है मौके का फायदा?

एक्सपोर्टर्स और सरकार की बैठक हुई है जोकि सकारात्मक दिख रही है। ज्वाइंट सेक्रेटरी कॉमर्स के साथ बैठक में आश्वासन दिया गया है कि सरकार रिवाइज मिनिमम एक्सपोर्ट प्राइस पर विचार कर रही है। अब देखना होगा कि कितनी जल्दी ये फैसला आता है।

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केंद्र सरकार और बासमती चावल उगाने वाले किसानों के बीच ठनती जा रही है
केंद्र सरकार और बासमती चावल उगाने वाले किसानों के बीच ठनती जा रही है

केंद्र सरकार और बासमती चावल उगाने वाले किसानों के बीच ठनती जा रही है और इस तनाव का सबसे बड़ा फायदा Pakistan उठा रहा है। किस तरीके से अंतर्राष्ट्रीय बाजार में पाकिस्तान भारत को पछड़ाने की कोशिश कर रहा है, बताएंगे,  लेकिन सबसे पहले समझते हैं कि बासमती चावल को लेकर सरकार और किसानों के बीच क्यों ठन गई है। इस तनाव के पीछे सबसे बड़ी वजह है बासमती चावल पर Minimum Export Price यानि एक्सपोर्ट के लिए क्या न्यूनतम कीमत। मौजूदा वक्त में भारत सरकार ने बासमती चावल के लिए मिनिमम एक्सपोर्ट प्राइस 1200 डॉलर प्रति टन तय किया हुआ है और ये ही सबसे बड़ी वजह है। जिसका फायदा पाकिस्तान इंटरनेशनल बाजार में जमकर उठा रहा है। सबसे पहले जान लीजिए कि भारत और पाकिस्तान खौस तौर से प्रीमियम और सुगंधित बासमती चावल उगाते हैं। दोनों देशों के बीच  ईरान, इराक, यमन, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात और अमेरिका जैसे देशों को चावल एक्सपोर्ट करते हैं। आंकड़ों के मुताबिक भारत इन देशों को लगभग 4 मिलियन टन बासमती चावल भेजता है। भारत और पाक के बीच बासमती की लड़ाई सालों से चली आ रही है। दरअसल घरेलू बाजार में चावल की कीमतों को नियंत्रित करने और बासमती चावल के नाम पर गैर-बासमती चावल के एक्सपोर्ट को रोकने के लिए सरकार की ओर से बासमती चावल पर 1,200 डॉलर प्रति टन मिनिमम एक्सपोर्ट प्राइस तय कर दिया था। किसान सरकार के इस फैसले से बहुत निराश हैं, उनका दावा है कि इससे बासमती प्रड्यूसर्स के हितों को नुकसान हो रहा है। दरअसल बासमती फसलों की खरीद सरकार नहीं बल्कि निजी व्यापारी और एक्सपोर्टस करते हैं। निर्यातकों का अनुमान है कि आने वाले दिनों में दरों में कमी जारी रहेगी। मिनिमम एक्सपोर्ट प्राइस के चलते  भारतीय एक्सपोर्टर्स को अंतर्राष्ट्रीय बाजार में खाली हाथ लौटना पड़ रहा है।

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अब समझते हैं पाकिस्तान कैसे मौका का फायदा उठा रहा है। दरअसल पाकिस्तान ने भारत की काट करने के लिए बासमती पर मिनिमम एक्सपोर्ट प्राइस 1050 डॉलर प्रति टन कर दिया है और भारत का मिनिमम एक्सपोर्ट प्राइस 1200 डॉलर प्रति टन तय किया हुआ है। इससे इंटरनेशनल खरीदार पाकिस्तान की ओर रुख कर रहे हैं। ऑल इंडिया राइस एक्सोपोर्टर्स एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष Vijay Setia का कहना है कि सभी ऑर्डर्स पाकिस्तान को मिल रहे हैं और निर्यातक लगातार केंद्रीय मंत्री Piyush Goyal से 850 डॉलर प्रति मीट्रिक टन कीमत तय करने की बात कर रहे हैं। हालांकि एक्सपोर्टर्स और सरकार की बैठक हुई है जोकि सकारात्मक दिख रही है। ज्वाइंट सेक्रेटरी कॉमर्स के साथ बैठक में आश्वासन दिया गया है कि सरकार रिवाइज मिनिमम एक्सपोर्ट प्राइस  पर विचार कर रही है। अब देखना होगा कि कितनी जल्दी ये फैसला आता है।

भारत और पाक के बीच बासमती की लड़ाई सालों से चली आ रही है
भारत और पाक के बीच बासमती की लड़ाई सालों से चली आ रही है