#GST on #Gangajal: CBIC ने दी सफाई, गंगाजल पर नहीं है कोई GST
कांग्रेस और BJP के बीच जबरदस्त जंग छिड़ गई। ऐसे में सही नियम बताने के लिए लड़ाई में central board of indirect taxes and customs कूद पड़ा। CBIC की ओर से क्लेरिफिरेशन जारी किया गया है।

भारत में गंगा नदी को मां और मोक्षदायिनी का दर्जा दिया गया है। ट्वीटर पर मां गंगा ट्रेड कर रही हैं। जानते हैं क्यों, GST के सवाल पर। सवाल ये खड़ा हुआ कि क्या पवित्र गंगा जल पर गुड्स एंड सर्विस टैक्स यानि GST लग गया है? दरअसल कांग्रेस अध्यक्ष Mallikarjun Kharge ने एक ट्वीट किया, जिसके बाद तो महाभारत शुरू हो गई। खरगे ने अपने ट्वीट में बताया है कि गंगा जल पर 18% जीएसटी लग गया है। सबसे पहले देखिए ये ट्वीट
इस ट्वीट में मल्लिकार्जुन खरगे ने प्रधानमंत्री Narendra Modi को संबोधित करते हुए लिखा है कि एक आम भारतीय के जन्म से लेकर उसके जीवन के अंत तक मोक्षदायिनी मां गंगा का महत्व बहुत ज्यादा है। अच्छी बात है कि आप आज उत्तराखंड में हैं, पर आपकी सरकार ने तो पवित्र गंगाजल पर ही 18% GST लगा दिया है। एक बार भी नहीं सोचा कि जो लोग अपने घरों में गंगा जल मंगवाते हैं, उनपर इस का बोझ क्या होगा। यही आपकी सरकार के लूट और पाखंड की पराकाष्ठा है। जिसके बाद कांग्रेस और BJP के बीच जबरदस्त जंग छिड़ गई। ऐसे में सही नियम बताने के लिए इस लड़ाई में Central Board Of Indirect Taxes And Customs कूद पड़ा। CBIC की ओर से क्लेरिफिरेशन जारी किया गया है।
क्या पवित्र गंगाजल पर 18% GST लगता है? इस सवाल का जवाब दें उससे पहले जानते हैं कि GST पर फैसला लेता कौन है? दरअसल किस वस्तु पर जीएसटी लगेगा, किसे जीएसटी से छूट मिलेगी, ये तय करने का फैसला जीएसटी काउंसिल का होता है। जीएसटी काउंसिल में केंद्र सरकार के साथ साथ सभी राज्य सरकारों की भागीदारी होती है। अगर किसी वस्तु पर जीएसटी लगा है तो उसके लिए सिर्फ केंद्र सरकार को ही जिम्मेदार ठहराना ठीक नहीं है। इस फैसले में राज्यों की भी सहमति है। तभी तो वह प्रस्ताव पास हुआ है। सिर्फ केंद्र सरकार की मर्जी से ऐसा नहीं होता है। ये तो स्थिति साफ हो गई अब समझिए CBIC ने अपने ट्वीट में क्या कहा? उनका कहना है कि पूरे देश में गंगाजल पूजा के लिए इस्तेमाल होता है और पूजा सामग्री पूरी तरह से GST के दायरे से बाहर है। पूजा सामग्री पर GST लगाने पर 14वीं और 15वीं बैठक में जो 18-19 मई 2017 और 3 जून 2017 में चर्चा हुई लेकिन साफ तौर पर इस पर सहमति नहीं बनी। जिसका मतलब है कि पूजा से जुड़ा हर सामान GST के दायरे से बाहर है।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि पैकेज्ड वाटर बोतल पर GST लगता है। ये नियम 25 जनवरी 2018 से ही है। चाहे बोतलबंद नेचुरल या आर्टिफिशियल मिनरल वाटर हो, गंगा वाटर हो या स्प्रिंग वाटर या हिमालय का जल हो, सब पर GST लगता है।
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