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बड़े शहरों में ऑफिस स्पेस की मांग बढ़ी, Delhi-NCR में भी तेजी

भारत के प्रमुख शहरों में ऑफिस स्पेस की मांग लगातार बढ़ रही है। रियल एस्टेट सलाहकार कोलियर्स इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, 2024 में दिल्ली-एनसीआर, मुंबई, बेंगलुरु, पुणे, हैदराबाद और चेन्नई में कुल 664 लाख वर्ग फुट ऑफिस स्पेस लीज पर दिया गया। उम्मीद है कि 2025 तक यह आंकड़ा बढ़कर 700 लाख वर्ग फुट तक पहुंच सकता है।

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Japan Escapes Technical Recession According to Revised GDP Data Despite Sluggish Economic Recovery
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भारत के प्रमुख शहरों में ऑफिस स्पेस की मांग लगातार बढ़ रही है। रियल एस्टेट सलाहकार कोलियर्स इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, 2024 में दिल्ली-एनसीआर, मुंबई, बेंगलुरु, पुणे, हैदराबाद और चेन्नई में कुल 664 लाख वर्ग फुट ऑफिस स्पेस लीज पर दिया गया। उम्मीद है कि 2025 तक यह आंकड़ा बढ़कर 700 लाख वर्ग फुट तक पहुंच सकता है।

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ऑफिस स्पेस की बढ़ती मांग के कारण

कोलियर्स इंडिया की रिपोर्ट "इंडिया ऑफिस: सेटिंग न्यू स्टैंडर्ड्स फॉर 2025" के अनुसार, वैश्विक क्षमता केंद्र (GCCs), टेक कंपनियां और फ्लेक्स स्पेस ऑपरेटर्स प्रमुख रूप से इस मांग को बढ़ा रहे हैं। कंपनियां अब हाई-स्टैंडर्ड ग्रेड A ऑफिस स्पेस की ओर रुख कर रही हैं, जिससे दिल्ली-एनसीआर और हैदराबाद में ऑफिस स्पेस मार्केट तेजी पकड़ रहा है।

बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर और कनेक्टिविटी पर जोर

ओकस ग्रुप के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर प्रकाश मेहता का कहना है कि दिल्ली-एनसीआर में कंपनियां अब ऐसे ऑफिस स्पेस की तलाश में हैं जो बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर और आधुनिक सुविधाओं से लैस हों। आज कॉरपोरेट कंपनियां सिर्फ बड़े एरिया के बजाय स्मार्ट, वेल-कनेक्टेड और सुविधाजनक ऑफिस स्पेस पर ध्यान दे रही हैं। ऑफिस की लोकेशन और कनेक्टिविटी अब महत्वपूर्ण कारक बन गए हैं, जो कंपनियों के निर्णय को प्रभावित कर रहे हैं। ऐसे ग्रेड A ऑफिस स्पेस नोएडा सेक्टर 99 में भी उपलब्ध हैं, जो आधुनिक सुविधाओं और बेहतर कनेक्टिविटी के साथ कंपनियों के लिए उपयुक्त विकल्प हैं। ग्रेड A ऑफिस स्पेस में निवेश करने वाले डेवलपर्स को भी इस ट्रेंड का लाभ मिलेगा।

गुरुग्राम और नोएडा में प्रीमियम ऑफिस स्पेस की डिमांड 

सनड्रीम ग्रुप के सीईओ, हर्ष गुप्ता ने बताया कि गुड़गांव और नोएडा में ग्रेड A ऑफिस स्पेस की डिमांड तेजी से बढ़ रही है। उन्होंने कहा, "आईटी, BFSI और स्टार्टअप कंपनियां अब पारंपरिक ऑफिस लोकेशंस से हटकर प्रीमियम ऑफिस स्पेस की तरफ रुख कर रही हैं। कंपनियां अपने कर्मचारियों को बेहतर वर्किंग एनवायरनमेंट देने के लिए हाई-स्टैंडर्ड ऑफिस स्पेस में शिफ्ट हो रही हैं। आने वाले समय में यह ट्रेंड और मजबूत होगा, जिससे रियल एस्टेट सेक्टर में नए अवसर खुलेंगे।

अब SMEs भी हाई-क्वालिटी ऑफिस स्पेस में दिलचस्पी दिखा रहे

स्पेक्ट्रम मेट्रो के वाइस प्रेसिडेंट (सेल्स और मार्केटिंग) अजेन्द्र सिंह का कहना है कि ऑफिस स्पेस मार्केट अब सिर्फ बड़े कॉरपोरेट तक सीमित नहीं है, बल्कि छोटे और मध्यम उद्यम (SMEs) भी अच्छे लोकेशन में जगह लेने के लिए उत्सुक हैं। उन्होंने कहा, "SMEs और नए स्टार्टअप्स भी अब हाई-क्वालिटी और मॉडर्न ऑफिस स्पेस में निवेश कर रहे हैं। कंपनियां अपने ब्रांड की प्रतिष्ठा और प्रोडक्टिविटी को ध्यान में रखते हुए अच्छे इंफ्रास्ट्रक्चर वाले ऑफिस स्पेस को प्राथमिकता दे रही हैं। आने वाले वर्षों में हाई-क्वालिटी ऑफिस स्पेस की मांग और बढ़ेगी, जिससे दिल्ली-एनसीआर, गुड़गांव और नोएडा में ग्रेड A ऑफिस स्पेस का विस्तार होगा।

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कोलियर्स इंडिया की रिपोर्ट और रियल एस्टेट विशेषज्ञों की राय को देखते हुए साफ है कि 2025 में भी भारत के बड़े शहरों में ऑफिस स्पेस की मांग बनी रहेगी, खासकर ग्रेड A और हाई-स्टैंडर्ड ऑफिस लोकेशंस में। दिल्ली-एनसीआर, मुंबई और बेंगलुरु में यह ट्रेंड और मजबूत होने की उम्मीद है। ऐसे में निवेशकों और कंपनियों के लिए यह सही समय हो सकता है कि वे बेहतर लोकेशंस पर ध्यान दें।