Budget 2025: भारत की टेक्नोलॉजी क्रांति और विकास के लिए महत्वपूर्ण अवसर, एक्सपर्ट से जानें क्या है यूनियन बजट से उम्मीदें
Union Budget 2025: फरवरी में यूनियन बजट पेश होगा। इस साल के बजट से भी लोगों को भी काफी उम्मीदें है। हम आपको इस आर्टिकल में बताएंगे कि टेक्नोलॉजी सेक्टर को आगामी बजट से क्या उम्मीदें हैं।

Union Budget 2025: फरवरी में बजट पेश होगा। इस साल के बजट से सभी सेक्टर को काफी उम्मीदें है। आगामी बजट में टेक्नोलॉजी सेक्टर में विकास के लिए अहम कदम उठाए जा सकते हैं। हम आपको इस आर्टिकल में बताएंगे कि टेक्नोलॉजी सेक्टर को बजट से क्या उम्मीदें हैं।
एक्सपर्ट की राय
Spydra Technologies के को-फाउंडर मनीफ तिवारी के अनुसार टेक्नोलॉजी सेक्टर में रिसर्च और डेवलपमेंट (R&D) के लिए बजट में पर्याप्त राशि आवंटित करना अत्यंत आवश्यक है, विशेषकर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग, क्वांटम कंप्यूटिंग और ब्लॉकचेन जैसी उन्नत तकनीकों में। इन तकनीकों का भविष्य उद्योगों को बदलने और भारत को एक वैश्विक टेक्नोलॉजी हब बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
इसके आगे मनीष ने कहासरकार को टेक-हैवी क्षेत्रों में संचालन को आसान बनाने के लिए नियामकीय सुधारों पर विचार करना चाहिए। बेहतर अनुपालन तंत्र, स्पष्ट डेटा सुरक्षा नियम और विदेशी टेक कंपनियों को भारत में रिसर्च एंड डेवलपमेंट सेंटर खोलने के लिए प्रोत्साहन, देश की प्रगति में योगदान कर सकते हैं।
NetSetGo Media के ग्लोबल बिजनेस हेड के अभिषेक तिवारी के अनुसार बजट 2025 में टेक्नोलॉजी के भारतीय अर्थव्यवस्था पर प्रभाव को प्रमुखता दी जा रही है। डिजिटल इकोसिस्टम, खासकर मोबाइल विज्ञापन, अब टेक्नोलॉजी इकोनॉमी का मुख्य हिस्सा बन चुका है। 5G नेटवर्क का विस्तार और तेज, व्यक्तिगत विज्ञापन डिलीवरी सुनिश्चित करने के लिए जरूरी है। बेहतर इंटरनेट इंफ्रास्ट्रक्चर मोबाइल विज्ञापन अभियानों की सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
इसके अलावा, एडटेक स्टार्टअप्स को सरकारी वित्तीय सहायता और AI-आधारित विज्ञापन तकनीकों में निवेश को प्रोत्साहित करने से यह क्षेत्र मजबूत हो सकता है। बजट 2025 नई नौकरियां पैदा करने, टेक्नोलॉजी को बढ़ावा देने और देश की अर्थव्यवस्था को डिजिटल बनाने में अहम भूमिका निभा सकता है।
LEDSAK.AI के फाउंडर सैफ अहमद खान ने कहा कि भारत में AI सेक्टर तेजी से बढ़ रहा है और यह स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि और मैन्युफैक्चरिंग जैसे विभिन्न क्षेत्रों पर बड़ा प्रभाव डाल सकता है। AI रिसर्च और इनोवेशन के लिए बजट में अधिक धनराशि आवंटित करना बेहद जरूरी है। केंद्र सरकार को AI नवाचार केंद्र स्थापित करने और स्टार्टअप्स, इंडस्ट्रीज और शैक्षणिक संस्थानों के बीच सहयोग बढ़ाने पर ध्यान देना चाहिए।
इसके अलावा AI टेक्नोलॉजी में निवेश करने वाली कंपनियों के लिए टैक्स छूट प्रदान करना, इनोवेशन को प्रोत्साहित कर सकता है। साथ ही, GPU और डेटा प्रोसेसिंग यूनिट्स जैसे हार्डवेयर के घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने से आयात पर निर्भरता कम की जा सकती है।
बजट में AI से संबंधित ट्रेनिंग और शिक्षा पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए, ताकि प्रोफेशनल्स को उभरती हुई जरूरतों के अनुसार तैयार किया जा सके। विश्वविद्यालयों और हाई-टेक संगठनों के बीच साझेदारी बढ़ाने से भारत वैश्विक AI प्रतिभा के बीच प्रतिस्पर्धा कर सकता है।