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Union Budget 2025: आगामी बजट से उम्मीदें, स्टार्टअप और होम लोन को बजट से हैं ये उम्मीदें

Budget 2025: 1 फरवरी 2025 को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण यूनियन बजट पेश करेंगी। इस बजट से सभी सेक्टर्स को बड़ी उम्मीदें हैं। हम आपको इस आर्टिकल में बताएंगे आगामी बजट से स्टार्टअप और होम लोन सेक्टर को क्या उम्मीदें हैं।

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The Union Budget plays an important role in controlling rising prices and promoting stability. (Photo: India Today/Generative AI by Vani Gupta)

Budget 2025 Expectation: यूनियन बजट 2025 (Union Budget 2025) का काउंटडाउन शुरू हो गया है। यह बजट कई तरह से अहम होने वाला है। लोगों को उम्मीद है कि इस बजट में टैक्स कटौती की घोषणा की जा सकती है। वहीं, कई सेक्टर्स को उम्मीद है कि उनके लिए कोई बड़ा एलान हो सकता है। हम आपको नीचे बताने वाले हैं कि आगामी बजट से होम लोन और स्टार्टअप सेक्टर को क्या उम्मीदें हैं। 

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स्टार्टअप को हैं ये उम्मीद 

कॉम्सक्रेडिबल के एंजल निवेशक एवं संस्थापक अमन ढल्ल के मुताबिक सरकार को ‘स्टार्ट-अप इंडिया’ को बढ़ावा देना चाहिए, उनके लिए प्रक्रियाओं को आसान बनाकर टैक्स में फायदे देने चाहिए। उम्मीद है कि केन्द्रीय बजट 2025-26 में सेक्शन 80-एआईएसी के तहत कर में छूट के प्रावधान में सुधार लाए जाएंगे, क्योंकि इनसे केवल 1 फीसदी मान्यता प्राप्त स्टार्ट-अप्स को ही फायदा मिल रहा है। हालांकि 1.6 लाख स्टार्ट-अप्स को मान्यता प्राप्त है, इसके बावजूद उन स्टार्ट-अप्स की संख्या बेहद कम है, जो इस छूट से लाभ उठा रहे हैं। ऐसे में ‘स्टार्ट-अप इंडिया’ का लेबल सिर्फ एक लेबल बन कर ही रह गया है। जिससे उन्हें कुछ खास फायदे नहीं मिल रहे हैं।     
                                                                                                                                                                      इस मुद्दे को हल करने के लिए एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया में कुछ राहत दी जानी चाहिए। साथ ही ऐप्लीकेशन प्रक्रिया को भी आसान बनाना चाहिए। साथ ही निगमन के पहले 10 सालों में कर छूट की अवधि को बढ़ाकर 3 से 5 साल किया जाना चाहिए। इसके अलावा मौजूदा प्राइवेट लिमिटेड या एलएलपी कंपनियों के साथ-साथ वन पर्सन कंपनियों (ओपीसी) एवं रजिस्टर्ड प्रॉपराइटरशिप्स को भी फायदे मिलने चाहिए। 

इन नियमों को व्यवस्थित बनाकर और लाभ का प्रभावी उपयोग कर, सरकार भारत के स्टार्ट-अप सिस्टम की पूर्ण क्षमता का लाभ उठा सकती है तथा इनोवेशन को बढ़ावा दे सकती है। 

होम लोन को हैं ये उम्मीद

इस बजट में होम लोन की ईएमआई चुकाने वालों को टैक्स में छूट दी जानी चाहिए- जैसे सेक्शन 80 सी के तहत प्रिंसिपल रीपेंमेट में रु 1.5 लाख के कैप को बढ़ाना और सेक्शन 24 बी के तहत ब्याज़ पर रु 2 लाख की छूट को बढ़ाना। इससे घर खरीदने वालों को प्रॉपर्टी की बढ़ती कीमतों और इन्फ्लेशन से कुछ राहत मिलेगी। कन्स्ट्रशन मटीरियल जैसे सीमेंट पर अभी 28 फीसदी टैक्स लगाया जाता है, इसमें कटौती कर लागत को काफी कम किया जा सकता है। जिससे घर खरीदने वालों का सीधा फायदा होगा।
                                                                                                                                                                           बेसिक होम लोन के सीईओ एवं सह-संस्थापक अतुल मोंगा के अनुसार हमें उम्मीद है कि सरकार आगामी बजट में अफॉर्डेबल हाउसिंग को प्राथमिकता देगी, ताकि अधिक से अधिक भारतीयों का घर खरीदने का सपना साकार हो सके।

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इसके अलावा ग्रीन हाउसिंग प्रोजेक्ट्स को भी बढ़ावा दिया जाना चाहिए, वर्तमान में ये मार्केट का 10 फीसदी से भी कम शेयर बनाते हैं। अगर इस सेक्टर के लिए सब्सिडी और टैक्स में छूट दी जाए तो सस्टेनेबल हाउसिंग के अडॉप्शन को बढ़ावा मिलेगा।

इन सभी प्रयासों के साथ-साथ प्रधानमंत्री आवास योजना से हाउसिंग की कमी को कम करने में मदद मिलेगी, जो अब शहरी क्षेत्रों में 11.2 मिलियन युनिट्स है। समय आ गया है कि हाउसिंग मार्केट में तेज़ी लाने के लिए बड़े कदम उठाए जाएं और ज़रूरी सुधार किए जाएं।