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Budget 2025 में टैक्सपेयर को मिली बड़ी राहत, बजट में एलान के बाद दिग्गजों ने दिया रिएक्शन

Budget 2025 Announcement: शनिवार को पेश हुए बजट में वित्त मंत्री ने बड़े एलान कर दिये। बजट हुए इन एलानों के बाद कई दिग्गजों ने अपनी राय पेश की है। आइए, जानते हैं कि टैक्स से जुड़ी घोषणाओं पर दिग्गजों की क्या राय है।  

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The new tax proposals under the New Tax regimes are like a final nail in the coffin of Old Tax regime.
The new tax proposals under the New Tax regimes are like a final nail in the coffin of Old Tax regime.

Income Tax: शनिवार को पेश हुए बजट में वित्त मंत्री ने बड़े एलान कर दिये। इन एलानों में सबसे बड़ा एलान टैक्स राहत थी। वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में कहा कि 12 लाख रुपये तक कि सालाना इनकम पर कोई टैक्स नहीं लगेगा। इसके अलावा अगले सप्ताह संसद में न्यू इनकम टैक्स बिल (New Income Tax Bill) पेश होगा। वित्त मंत्री ने टैक्स फाइलिंग की डेडलाइन को बढ़ा दिया। बजट हुए इन एलानों के बाद कई दिग्गजों ने अपनी राय पेश की है। आइए, जानते हैं कि टैक्स से जुड़ी घोषणाओं पर दिग्गजों की क्या राय है।  

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ये हैं दिग्गजों की राय

कृष्ण मिश्रा, सीईओ, FPSB इंडिया  ने कहा कि यह हाल के वर्षों में सबसे संतुलित और विकासोन्मुख बजटों में से एक है, जो मध्यम वर्ग को बड़ी राहत देने के साथ-साथ भारत की वित्तीय और आर्थिक स्थिति को मजबूत करता है। सरकार का लोगों में निवेश करने और कर प्रणाली को सरल बनाने का संकल्प, भारत को समृद्ध और आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।  

इसके आगे कृष्ण मिश्रा ने कहा कि कर छूट सीमा ₹12 लाख तक बढ़ने से लोगों के हाथ में ज्यादा पैसा रहेगा, जिससे घरेलू खर्च, बचत और वित्तीय योजना को सीधा लाभ मिलेगा। नई कर संरचना कर बोझ को कम करेगी, जिससे लोग अपने भविष्य में अधिक निवेश कर सकेंगे। इसके अलावा, बिना पैन कार्ड वाले करदाताओं के लिए उच्च टीडीएस तय किया गया है, जिससे कर प्रणाली को अधिक निष्पक्ष बनाया जाएगा और सही तरीके से कर भरने वालों की सुरक्षा होगी। एनपीएस वात्सल्य कर लाभ से संरचित रिटायरमेंट प्लानिंग को बढ़ावा मिलेगा, जिससे लोगों की वित्तीय स्थिरता सुनिश्चित होगी।  

श्री मनोज अग्रवाल, अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक, ग्रेट वैल्यू रियल्टी के अनुसार केंद्रीय बजट 2025-26 अत्यंत विकासोन्मुख है, जिसमें मध्यम वर्ग के लिए महत्वपूर्ण कर राहत प्रदान की गई है, जिससे उनकी आय और उपभोग क्षमता बढ़ेगी। बुनियादी ढांचे पर विशेष ध्यान देते हुए, सड़कों, राजमार्गों और शहरी परिवहन के लिए ₹11.1 लाख करोड़ का पूंजीगत व्यय आवंटित किया गया है, जो कनेक्टिविटी को बेहतर बनाएगा और रियल एस्टेट क्षेत्र को बढ़ावा देगा। 

श्री अनिल अग्रवाल, चैयरमेन, वेदांता लिमिटेड  के मुताबिक बजट ने एकदम सही कदम उठाया है, 12 लाख रुपये प्रति वर्ष तक की आय को पूरी तरह से इनकम टैक्स फ्री करके मिडल क्लास को बहुत बड़ी राहत दी है। यह मिडल क्लास  का सबसे बड़ा हिस्सा है। इससे 24 लाख रुपये तक की आय पर टैक्स  का बोझ भी काफी कम हो गया है। 

सिद्धार्थ मौर्य, फाउंडर और एमडी, विभवांगल अनुकूलकरा प्राइवेट लिमिटेड ने कहा कि  इस बार के इनकम टैक्स बिल में किए गए बदलाव भारत के टैक्स सिस्टम को बड़ा असर डालेंगे। सरकार टैक्स भरने की प्रक्रिया को आसान बनाने की कोशिश कर रही है, जिससे कई जटिल प्रावधानों को हटाकर इसे सीधा और प्रभावी बनाया गया है। अब अपडेटेड रिटर्न भरने की समय सीमा 2 साल से बढ़ाकर 4 साल कर दी गई है, जिससे करदाताओं को ज्यादा समय मिलेगा

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अभिनव आर जैन, को-फाउंडर और सीएफओ, एडकाउंटी मीडिया के मुताबिक 2025 का बजट इनकम टैक्स नीतियों में बड़ा बदलाव लेकर आया है, जिससे टैक्स सिस्टम को सरल और पालन करना आसान बनाया गया है। सरकार ने चैरिटेबल संस्थानों की रजिस्ट्रेशन अवधि बढ़ाने और खुद के घर पर टैक्स छूट बढ़ाने जैसे फैसले लिए हैं, जिससे यह बजट आम लोगों के लिए फायदेमंद बन गया है।  

अतुल मोंगा, सीईओ और को-फाउंडर, बेसिक होम लोन ने केंद्रीय बजट पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि केंद्रीय बजट व्यक्तिगत कर सुधारों के माध्यम से ऐसे लोगों को महत्वपूर्ण राहत प्रदान करता है, जो अपने लिए घर खरीदना चाहते हैं। कर छूट की सीमा बढ़ाने और उच्च कर रियायतें देने से निश्चित तौर पर मध्यम वर्ग की आय में बढ़ोतरी होगी, जिससे उन्हें संपत्ति में निवेश करने के अधिक अवसर मिल सकेंगे। मानक कटौती सीमा बढ़ाने से बचत को और बढ़ावा मिलेगा और पहली बार घर खरीदने वालों को अधिक वित्तीय विकल्प मिलेंगे।

गौरव सिंह परमार, एसोसिएट डायरेक्टर, फिनकॉर्पिट कंसल्टिंग के अनुसार नया इनकम टैक्स बिल टैक्स प्रणाली को सरल और प्रभावी बनाने पर केंद्रित है। अब अपडेटेड रिटर्न फाइल करने के लिए 3 साल का अतिरिक्त समय मिलेगा, जिससे करदाताओं को अपनी गलतियां सुधारने का मौका मिलेगा। टीडीएस और टीसीएस दरों में बदलाव करके टैक्स वसूली को और कुशल बनाया गया है। एलआरएस ट्रांजेक्शन और किराए पर टीडीएस की लिमिट बढ़ाना यह दिखाता है कि सरकार आर्थिक जरूरतों को ध्यान में रख रही है। इसके अलावा, ₹10 लाख तक के एजुकेशन लोन पर टीसीएस हटाना शिक्षा को बढ़ावा देने की दिशा में एक अच्छा कदम है।  

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गौरव कंसल, डायरेक्टर, केबीपी ग्रुप ने कहा कि यह बजट करदाताओं की जरूरतों को समझकर बनाया गया है। ₹12 लाख तक की आय पर टैक्स छूट से मिडिल क्लास को बड़ी राहत मिलेगी। टीडीएस और टीसीएस की दरों को तर्कसंगत बनाना और विभिन्न लेनदेन की सीमा बढ़ाना टैक्स प्रशासन को और व्यवस्थित बनाने का संकेत है। साथ ही, रिटर्न भरने की समय सीमा 4 साल करना करदाताओं के लिए राहतभरा कदम है। कुल मिलाकर, यह बजट टैक्स नियमों को आसान बनाने के साथ-साथ करदाताओं के लिए भी अनुकूल है।