बड़ा ऐलान! अब हर साल एक नई EV कार लॉन्च करेगी वोल्वो इंडिया - अक्टूबर से शुरू होगी भारत में डिलीवरी
ज्योति मल्होत्रा ने कहा कि भारत को EVs की जरूरत तीन कारणों से है- पहला ये तेल आयात घटा सकते हैं, दूसरा- ये पर्यावरण के लिए बेहतर हैं और तीसरा- ये देश को ग्लोबल EV मैन्युफैक्चरिंग हब बनने का मौका देता है।

Volvo Cars India: वोल्वो कार्स इंडिया, भारत में अपने इलेक्ट्रिक मोबिलिटी अभियान को तेज करने जा रही है। कंपनी के प्रबंध निदेशक ज्योति मल्होत्रा ने बिजनेस टुडे से बातचीत में बताया कि वोल्वो अब भारत में हर साल एक नया इलेक्ट्रिक वाहन (EV) लॉन्च करेगी। इसकी पहली डिलीवरी अक्टूबर 2025 के आसपास शुरू होगी।
मल्होत्रा ने कहा कि भारत को EVs की जरूरत तीन कारणों से है- पहला ये तेल आयात घटा सकते हैं, दूसरा- ये पर्यावरण के लिए बेहतर हैं और तीसरा- ये देश को ग्लोबल EV मैन्युफैक्चरिंग हब बनने का मौका देता है।
BEV पर फोकस
वोल्वो पूरी तरह बैटरी इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (BEVs) पर दांव लगा रही है। हालांकि मल्होत्रा ने माना कि प्लग-इन हाइब्रिड्स पर टैक्स स्ट्रक्चर अनुकूल नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार चाहती है कि हम पूरी तरह इलेक्ट्रिक पर जाएं, इसलिए BEVs के लिए सपोर्ट जारी रहना चाहिए। फिलहाल कंपनी EVs के साथ-साथ ICE (Internal Combustion Engine) मॉडल भी बेचेगी।
चार्जिंग और लोकल असेंबली पर जोर
इंफ्रास्ट्रक्चर पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि होम चार्जिंग सॉल्यूशन ग्राहकों के लिए बेहद अहम होगा। वहीं, लागत घटाने और भारत में असेंबली को बढ़ावा देने के लिए वोल्वो Completely Knocked Down (CKD) ऑपरेशंस पर भरोसा कर रही है।
लग्जरी कार सेगमेंट में EVs की भूमिका
मल्होत्रा के मुताबिक, EVs न सिर्फ भारत को अपने सस्टेनेबिलिटी गोल्स हासिल करने में मदद करेंगे, बल्कि लग्जरी कार सेगमेंट की ग्रोथ को भी नई रफ्तार देंगे।
भारत के हालिया द्विपक्षीय व्यापार समझौतों को उन्होंने सकारात्मक बताया। मल्होत्रा ने कहा कि ये समझौते भारतीय कारों को दूसरे बाजारों तक पहुंच देते हैं। इससे दोनों पक्षों को फायदा होता है।
मल्होत्रा ने आगे कहा कि भारत जैसे बड़े बाजार में EV अपनाने की रफ्तार सरकार की नीतिगत स्थिरता और उपभोक्ता जागरूकता पर भी निर्भर करेगी। उन्होंने जोड़ा कि शुरुआती लागत ऊंची होने के बावजूद, लंबे समय में इलेक्ट्रिक कारें ईंधन और मेंटेनेंस खर्च में उल्लेखनीय बचत देती हैं। वोल्वो का मानना है कि सही पॉलिसी सपोर्ट और चार्जिंग नेटवर्क विस्तार के साथ आने वाले कुछ वर्षों में भारत दुनिया के सबसे तेजी से बढ़ते EV बाजारों में से एक बन सकता है।