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ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री के लिए बड़ी और अच्छी खबर! FY25 में 19% बढ़ा एक्सपोर्ट - DETAILS

विदेशी बाजारों में पैसेंजर व्हीकल, 2 व्हीलर और कमर्शियल व्हीकल की मजबूत मांग के कारण पिछले वित्तीय वर्ष 2024-25 में भारत से ऑटोमोबाइल निर्यात में अच्छी बढ़ोतरी देखने को मिली है।

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Automobiles Export in FY25: भारत के लिए ऑटोमोबाइल एक्सपोर्ट को लेकर बड़ी और अच्छी खबर सामने आई है। न्यूज एजेंसी पीटीआई के रिपोर्ट के मुताबिक विदेशी बाजारों में पैसेंजर व्हीकल, 2 व्हीलर और कमर्शियल व्हीकल की मजबूत मांग के कारण पिछले वित्तीय वर्ष 2024-25 में भारत से ऑटोमोबाइल निर्यात 19 प्रतिशत बढ़कर 53 लाख यूनिट से अधिक हो गया।

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FY25 में कुल एक्सपोर्ट 53.63 लाख (53,63,089) यूनिट रहा, जबकि 31 मार्च 2024 को समाप्त होने वाले वित्त वर्ष FY24 में यह 45 लाख (45,00,494) यूनिट था।

पैसेंजर व्हीकल की बढ़ी मांग

पीटीआई के रिपोर्ट के मुताबिक वित्त वर्ष 25 में पैसेंजर व्हीकल की बिक्री 15 प्रतिशत बढ़कर 7,70,364 यूनिट रही जो वित्त वर्ष 24 में 6,72,105 यूनिट थी। 

उद्योग संगठन Society of Indian Automobile Manufacturers (SIAM) ने कहा कि भारत में निर्मित ग्लोबल मॉडलों की मांग के कारण पिछले वित्त वर्ष इस सेगमेंट ने अपना सर्वश्रेष्ठ सालाना प्रदर्शन दर्ज किया है।

यूटिलिटी व्हीकल डिस्पैच ने 3,62,160 यूनिट के डिस्पैच के साथ इस स्पेस में अग्रणी स्थान हासिल किया, जो वित्त वर्ष 24 में 2,34,720 यूनिट की तुलना में 54 प्रतिशत अधिक है।

2 व्हीलर की भी बढ़ी मांग

रिपोर्ट के मुताबिक पिछले वित्त वर्ष में दोपहिया वाहनों का निर्यात 21 प्रतिशत बढ़कर 41,98,403 यूनिट रहा जो वित्त वर्ष 2023-24 में 34,58,416 यूनिट था। SIAM ने कहा कि नए मॉडल और नए बाजारों ने दोपहिया वाहनों के निर्यात का दायरा बढ़ाने में मदद की है।

पीटीआई ने SIAM की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि अफ्रीकी क्षेत्र में आर्थिक स्थिरता और लैटिन अमेरिका में मांग ने भी इस ग्रोथ को सपोर्ट किया है। 

3 व्हीलर एक्सपोर्ट का क्या हाल?

वित्त वर्ष 2023-24 की तुलना में वित्त वर्ष 2024-25 में तिपहिया वाहनों का निर्यात 2 प्रतिशत बढ़कर 3.1 लाख यूनिट रहा। 

कमर्शियल व्हीकल का कितना एक्सपोर्ट रहा?

पिछले वित्त वर्ष में कमर्शियल व्हीकलों का निर्यात 23 प्रतिशत बढ़कर 80,986 यूनिट रहा, जबकि पिछले वर्ष की इसी अवधि में यह 65,818 यूनिट था। 

SIAM  ने कहा कि अफ्रीका और पड़ोसी देशों जैसे प्रमुख बाजारों में निर्यात मांग जारी रहने की संभावना है, क्योंकि 'मेड इन इंडिया' वाहनों का चलन बढ़ रहा है। SIAM के अध्यक्ष शैलेश चंद्रा ने कहा कि निर्यात के मोर्चे पर सभी क्षेत्रों, विशेषकर पैसेंजर व्हीकल और दोपहिया वाहनों में अच्छी रिकवरी देखी गई है, जो वैश्विक मांग में सुधार और भारत की बढ़ती कंपीटिशन को दर्शाता है।

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