
भारतीय उद्योगपति Ratan Tata के नाम एक और रत्न
महाराष्ट्र सरकार ने उद्योगपति रतन टाटा को पहला 'उद्योग रत्न' पुरस्कार देने का फैसला किया है। इसकी जानकारी महाराष्ट्र के उद्योग मंत्री उदय सामंत ने दी। राज्य के उद्योग मंत्री उदय सामंत ने बताया कि युवा उद्यमी, महिला उद्यमी और मराठी उद्यमी को भी ये पुरस्कार दिए जाएंगे।

देश के रतन, भारतीय उद्योगपति Ratan Tata एक बार फिर उन्होंने साबित किया है कि वो देश के गौरव हैं। रतन टाटा का नाम आते ही उनके प्रति सम्मान की भावना जाग्रत हो जाती है। एक बार फिर उनकों नया रत्न मिलने जा रहा है। महाराष्ट्र सरकार ने उद्योगपति रतन टाटा को पहला 'उद्योग रत्न' पुरस्कार देने का फैसला किया है। इसकी जानकारी महाराष्ट्र के उद्योग मंत्री Uday Samant ने दी। राज्य के उद्योग मंत्री उदय सामंत ने बताया कि युवा उद्यमी, महिला उद्यमी और मराठी उद्यमी को भी ये पुरस्कार दिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र भूषण पुरस्कार की तरह, राज्य सरकार ने रतन टाटा को उद्योग रत्न पुरस्कार से सम्मानित करने का निर्णय किया है। ये पुरस्कार विशिष्ट व्यक्तियों को दिया जाता है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में मुख्यमंत्री Eknath Shinde, उपमुख्यमंत्री Devendra Fadnavis, Ajit Pawar और उद्योग मंत्री की एक समिति ने बैठक की थी, जिसमें ये फैसला लिया गया।
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जब देश के सबसे सक्सेसफुल बिजनेसमैन की बात आती है तो इसमें रतन टाटा का नाम इस फेहरिस्त में शीर्श स्थान में आता है। रतन नवल टाटा भारतीय इंडस्ट्रियलिस्ट, निवेशक, लोगों का भला करने वाले और टाटा सन्स के पूर्व चेयरमैन हैं। मौजूदा समय में वह टाटा ट्रस्ट के चेयरमैन पद पर बने हुए हैं। अगर उनकों मिले पुरस्कार की बात करें तो ये लिस्ट बहुत लंबी है। रतन टाटा का कद इतना बड़ा है कि उन्हें साल 2000 में पद्म भूषण पुरुस्कार और साल 2008 में पद्म विभूषण दिया गया। साल 2020 में Indo American Chamber of Commerce ने रतन टाटा को IACC लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड दिया। वहीं साल 2022 में असम का सर्वोच्च सम्मान दिया गया। यहां तक के अप्रैल 2023 में उन्हें ऑस्ट्रेलिया का सर्वोच्च नागरिक सम्मान मिल चुका है।

रतन टाटा के सक्सेमंत्र की बात की जाए तो रतन टाटा को दौलत का कोई लालच नहीं है, यही वजह है कि उन्होंने अपनी पूरी संपत्ति का 65% हिस्सा चैरिटी यानि दान में दे दिया है। हर मुनाफे पर इतना हिस्सा दान करते हैं। बिजनेस टायकून होने के साथ-साथ रतन टाटा एक पायलेट भी हैं और साल 2007 में वो भारत के पहले शख्स बने थे जिसने F16 फैल्कन उड़ाया था। रतन टाटा के मुताबिक, वह सही फैसले लेने में विश्वास नहीं रखते। वह जो फैसला लेते हैं उसे सही साबित करने की कोशिश करते हैं। रतन टाटा के मुताबिक, आप लोगों की ओर से फेंके गए पत्थरों से पहाड़ खड़ा कर सकते हैं। रतन टाटा का एक और सक्सेस मंत्र है। उनके मुताबिक, अगर आप तेज चलना चाहते हैं तो अकेले चलें। लेकिन अगर आप लंबा चलना चाहते हैं तो साथ चलें।
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