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RBI MPC Meet 2025: Repo Rate कम होते ही रियल स्टेट में खुशी की लहर, दिग्गजों ने दी प्रतिक्रिया

Repo Rate Cut: भारतीय रिजर्व बैंक ने लगातार दूसरी बार रेपो रेट में कटौती करने का फैसला लिया इस फैसले के बाद रियल एस्टेट में खुशी का माहौल है।

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RBI MPC

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की कारोबारी साल 2026 की पहली द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा बैठक के फैसलों का एलान हो गया है। इस बार भी बैठक में रेपो रेट (Repo Rate) को कम करने का फैसला लिया गया है। इस फैसले के बाद लोनधारक खुश हैं कि अब उनकी ईएमआई (EMI) कम होगी। इसके अलावा माना जा रहा है कि रेपो रेट कम होने से घर खरीदना सस्ता हो जाएगा। 

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रेपो रेट में कटौती के फैसले पर कई रियल एस्टेट दिग्गजों ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। हम आपको नीचे बताएंगे कि आरबीआई के इस फैसले पर रियल एस्टेट दिग्गजों का क्या कहना है। 

क्या है दिग्गजों की राय

एमआरजी ग्रुप के एमडी, रजत गोयल ने कहा कि आरबीआई द्वारा रेपो रेट को 6% तक लाना रियल एस्टेट सेक्टर के लिए समय पर लिया गया एक अच्छा फैसला है। ब्याज दरें कम होने से फाइनेंसिंग आसान होगी, चाहे बड़ी कीमत वाली प्रॉपर्टी ही क्यों न हो। हमें लगता है कि यह कदम रियल एस्टेट सेक्टर और पूरी अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने में मदद करेगा।

लैंडमार्क ग्रुप के फाउंडर और चेयरमैन, संदीप छिल्लर के अनुसार आरबीआई द्वारा लगातार दूसरी बार रेपो रेट में कटौती करना रियल एस्टेट सेक्टर के लिए पॉजिटिव है। होम लोन की दरें कम होने की उम्मीद है, जिससे पहली बार घर खरीदने वालों के लिए घर लेना और आसान हो जाएगा। 

पिरामिड इंफ्राटेक के अश्वनी कुमार के मुताबिक फरवरी के बाद रेपो रेट में 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती कर इसे 6% करना हाउसिंग मार्केट में नई जान फूंकने जैसा है। जब लग्ज़री प्रॉपर्टी की डिमांड बढ़ रही है, ऐसे में यह फैसला बहुत अहम है और रियल एस्टेट सेक्टर को नई ऊंचाइयों पर ले जा सकता है।

भूमि‍का ग्रुप के सीएमडी, उद्धव पोद्दार कहते हैं कि लगातार दूसरी बार रेपो रेट में 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती से साफ है कि आरबीआई आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए पूरी तरह से तैयार है। यह रियल एस्टेट सेक्टर, खासकर कमर्शियल रियल एस्टेट के लिए सही समय पर आई राहत है। अब कर्ज लेना सस्ता होगा, जिससे फंड जुटाना आसान होगा, ज्यादा निवेशक जुड़ेंगे और विस्तार के नए रास्ते खुलेंगे। 

तिरस्या एस्टेट्स के फाउंडर और मैनेजिंग डायरेक्टर, रवींद्र गांधी ने कहा  अब रेपो रेट घटकर 6% हो गया है, जो कि आरबीआई का एक जरूरी और स्वागत योग्य कदम है। इससे ना सिर्फ देश की अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा, बल्कि हाउसिंग मार्केट को भी नई रफ्तार मिलेगी। 

मिगसन ग्रुप के मैनेजिंग डायरेक्टर,यश मिगलानी के अनुसार आरबीआई द्वारा रेपो रेट को 25 बेसिस प्वाइंट घटाकर 6% करना रियल एस्टेट सेक्टर के लिए एक सही समय पर लिया गया फैसला है। इससे लोन लेना आसान होगा, जिससे खासकर मिड और अफोर्डेबल हाउसिंग में खरीदारों का भरोसा बढ़ेगा।

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बेसाइड कॉर्पोरेशन्स (बीसीएस) के डायरेक्टर ऑपरेशंस,उमेश भाटी के मुताबिक आरबीआई द्वारा रेपो रेट में 25 बेसिस प्वाइंट की एक और कटौती कर इसे 6% करना रियल एस्टेट सेक्टर के लिए एक सराहनीय कदम है। इससे लोन लेना सस्ता होगा और खासकर पहली बार घर खरीदने वालों के लिए ईएमआई भरना आसान हो जाएगा, जिससे घर लेना भी आसान होगा। 

सीआरसी ग्रुप के डायरेक्टर (सेल्स एंड मार्केटिंग) सलिल कुमार ने कहा कि 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती से भी बड़ी खबर यह है कि आरबीआई ने अपनी पॉलिसी में बड़ा बदलाव करते हुए अब ‘सपोर्टिव स्टैंड’ लिया है, जबकि पहले वह न्यूट्रल पोजिशन पर था। इसका मतलब है कि अब सेंट्रल बैंक ने देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के लिए बाजार में पैसों की उपलब्धता बढ़ाने का फैसला लिया है, जिसमें रेपो रेट कम करना भी शामिल है। 

एस्कॉन इंफ्रा रियल्टर्स के मैनेजिंग डायरेक्टर, नीरज शर्मा कहते हैं कि हम आरबीआई के रेपो रेट घटाने के फैसले का स्वागत करते हैं। रियल एस्टेट सेक्टर खरीदारों की भावना पर चलता है, और ऐसे आर्थिक फैसलों से बड़ा फर्क पड़ता है। रेट कट का मतलब होता है कि नीतियां स्थिर हैं, जिससे घर खरीदने वालों का भरोसा बढ़ता है। 

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प्रतीक ग्रुप के मैनेजिंग डायरेक्टर, प्रतीक तिवारी ने कहा कि फरवरी में 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती के बाद अब आरबीआई द्वारा रेपो रेट को 6% तक घटाना सिर्फ देश की अर्थव्यवस्था को ही नहीं, बल्कि रियल एस्टेट सेक्टर को भी मजबूती देगा। ब्याज दरें कम होने से घर खरीदारों पर आर्थिक दबाव कम होगा, जिससे रियल एस्टेट में खरीदी बढ़ेगी। इससे डेवलपर्स को भी नए प्रोजेक्ट लॉन्च करने की हिम्मत मिलेगी और बाजार की ग्रोथ बनी रहेगी।

अतुल मोंगा- सीईओ एवं सह-संस्थापक, बेसिक होम लोन के अनुसार आरबीआई द्वारा रेपो रेट में 25 बेसिस पॉइन्ट्स की कमी का फैसला हमारी उम्मीदों के अनुरूप है यह दुनिया भर में कारोबारों के तनाव के बीच आर्थिक विकास को बढ़ावा देगा। मुझे उम्मीद है कि इससे होम लोन सस्ते होंगे और हाउसिंग मार्केट पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।

श्री अशोक कपूर, चेयरमैन, कृष्णा ग्रुप और क्रिसुमी कॉर्पोरेशन ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा लगातार दो बार 25-25 बेसिस प्वाइंट की नीतिगत दरों में कटौती से घर खरीदारों को महत्वपूर्ण लाभ मिलने की उम्मीद है। 

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श्री उदित जैन, निदेशक, वन ग्रुप डेवलपर्स के मुताबिक रेपो रेट में कटौती का आरबीआई का निर्णय अपेक्षित था। अपनी पिछली एमपीसी समीक्षा में, गवर्नर पहले ही भविष्य में और कटौतियों का संकेत दे चुके थे, और अब तक कुल 50 बेसिस प्वाइंट की कटौती हो चुकी है। 

श्री प्रदीप अग्रवाल, संस्थापक एवं चेयरमैन, सिग्नेचर ग्लोबल (इंडिया) लिमिटेड के अनुसार भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा नीति दर को 25 बेसिस प्वाइंट घटाकर 6 प्रतिशत करना एक महत्वपूर्ण समय पर आया निर्णय है, जब महंगाई स्थिरता के संकेत देने लगी है।

श्वेता मित्तल, मुख्य परिचालन अधिकारी (COO), MORES ने कहा  रेपो रेट में 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती भारतीय रिज़र्व बैंक का ऐसा कदम है जो आर्थिक गतिविधियों को गति देने और रियल एस्टेट सेक्टर को राहत पहुंचाने में सहायक सिद्ध होगा। 

शिव गर्ग, डायरेक्टर, Forteasia Realty Pvt. Ltd. कहते हैं कि RBI का रेपो रेट घटाना रियल एस्टेट के लिए बहुत अच्छा संकेत है क्योंकि इससे होम लोन सस्ता होगा और घर खरीदना आसान हो जाएगा। सरकार की इंफ्रास्ट्रक्चर पर फोकस और इंडस्ट्री में सुधार के साथ, शहरों और गांवों दोनों जगह घरों की डिमांड बढ़ने की उम्मीद है। हालांकि, हमें इंटरनेशनल स्थितियों जैसे ट्रेड वॉर पर भी नजर रखनी होगी, लेकिन इस कटौती से रियल एस्टेट सेक्टर में भरोसा जरूर बढ़ा है।"

अनुराग गोयल, डायरेक्टर, Goel Ganga Developments के अनुसार EMI पर निर्भर घर खरीदने वालों के लिए यह फैसला राहत की सांस है।  अब होम लोन सस्ते होंगे, जिससे लोग घर खरीदने के लिए प्रेरित होंगे, खासकर टियर 1 और 2 शहरों में।  डेवलपर्स के लिए यह अच्छा समय है कि वे नए प्रोजेक्ट की योजना बनाएं क्योंकि बाजार में पॉजिटिव मूड है।  कम ब्याज दरें लोगों का भरोसा बढ़ाती हैं और इससे ‘Housing for All’ का सपना भी और करीब आएगा।

एल.सी. मित्तल, डायरेक्टर, Motia Group ने कहा  रेपो रेट को 6% पर लाना एक सही कदम है। इससे होमबायर्स को राहत मिलेगी और डेवलपर्स को भी फायदा होगा।  EMI कम होने से लोग रेडी-टू-मूव और अंडर-कंस्ट्रक्शन प्रॉपर्टी में दिलचस्पी लेंगे।