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रियल एस्टेट सेक्टर को मिलेगी नई रफ्तार, RBI की ब्याज दरों में कटौती से घर खरीदना होगा सस्ता

RBI MPC Meet 2025: भारतीय रिजर्व बैंक की द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा बैठक शुरू हो गई है। इस बैठक के फैसले का एलान जल्द होगा। अगर इस बार भी आरबीआई Repo Rate में कटौती करता है तो फिर घर खरीदना सस्ता हो जाएगा।

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 RBI Repo Rate
RBI Repo Rate

भारतीय रिजर्व बैंक की हालिया नीतिगत फैसलों ने रियल एस्टेट बाजार को नई उम्मीद दी है। फरवरी 2025 में RBI ने रेपो रेट में 0.25% (25 बेसिस प्वाइंट) की कटौती कर इसे 6.25% कर दिया। यह पिछले 5 वर्षों में पहली बार हुआ है जब ब्याज दरें घटी हैं। अब अप्रैल 2025 में होने वाली मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक में एक और कटौती की संभावना जताई जा रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर RBI ब्याज दरों में और कमी करता है, तो इससे होम लोन सस्ता होगा और रियल एस्टेट सेक्टर को बड़ी मजबूती मिलेगी।

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विशेषज्ञों के अनुसार, RBI के इस फैसले का सबसे बड़ा फायदा होम लोन लेने वालों को मिलेगा। जब बैंक कम ब्याज दरों पर कर्ज देंगे, तो घर खरीदना आसान हो जाएगा। इससे बाजार में मांग बढ़ेगी और डेवलपर्स को भी अपनी परियोजनाओं को तेजी से पूरा करने में मदद मिलेगी।

क्या है एक्सपर्ट की राय

भूमिका ग्रुप के सीएमडी, उद्धव पोद्दार का कहना है कि अगर आरबीआई इस बार भी रेपो रेट में कटौती करता है, तो यह घर खरीदारों और रियल एस्टेट सेक्टर के लिए बड़ा प्रोत्साहन साबित होगा। होम लोन की ब्याज दरें घटने से घर खरीदना आसान होगा और खरीदारों की क्षमता बढ़ेगी। 

क्रीवा और कनोडिया ग्रुप के फाउंडर,डॉ. गौतम कनोडिया का कहना है कि 9 अप्रैल को मॉनेटरी पॉलिसी में केंद्रीय बैंक रेपो रेट में  0.25 फीसदी की कमी कर सकता है। अगर ऐसा होता है तो होम लोन सस्ते होंगे, जिससे घर खरीदने वालों को बड़ी राहत मिलेगी। इससे रियल एस्टेट सेक्टर में डिमांड बढ़ेगी और बाजार को नई रफ्तार मिलेगी। हम मानते हैं कि यह फैसला लोगों की खरीदने की ताकत को बढ़ाएगा और अर्थव्यवस्था को भी सपोर्ट करेगा।

एक्सेंशिया इंफ्रा के डायरेक्टर मानित सेठी का कहना है, अगर RBI ब्याज दरों में और कटौती करता है, तो रियल एस्टेट सेक्टर को बड़ी मजबूती मिलेगी। होम लोन सस्ता होने से अधिक लोग घर खरीदने का फैसला लेंगे, जिससे खासतौर पर अफोर्डेबल और मिड-सेगमेंट हाउसिंग की मांग तेजी से बढ़ेगी।

सनड्रीम ग्रुप के सीईओ, हर्ष गुप्ता का कहना है कि हमें आने वाली आरबीआई पॉलिसी की घोषणा को लेकर उम्मीद है। अगर इस समय ब्याज दरों में कटौती होती है, तो यह उन लोगों के लिए एक जरूरी प्रोत्साहन बन सकती है जो मौजूदा लोन की ऊंची दरों की वजह से घर खरीदने का फैसला नहीं कर पा रहे हैं। 

एचसीबीएस डेवलपमेंट्स के ग्रुप मैनेजिंग डायरेक्टर सौरभ सहारण का कहना है, सस्ते लोन मिलने से रियल एस्टेट कंपनियां अपने प्रोजेक्ट्स को तेजी से पूरा कर पाएंगी। इससे निर्माण कार्य में तेजी आएगी और नए प्रोजेक्ट्स लॉन्च करने में मदद मिलेगी। यह न सिर्फ रियल एस्टेट सेक्टर, बल्कि पूरी अर्थव्यवस्था को भी मजबूती देगा।

एस्कॉन इन्फ्रा रियलटर्स के एमडी नीरज शर्मा  का कहना है कि पिछले कुछ वर्षों में घरों की कीमतें बढ़ी हैं, जिससे आम आदमी के लिए घर खरीदना मुश्किल हो गया है। RBI की ब्याज दरों में कटौती से यह बाधा काफी हद तक कम होगी। अगर सरकार और RBI लगातार इस ओर ध्यान देते हैं, तो रियल एस्टेट सेक्टर को लंबी अवधि तक फायदा होगा।

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कुशाग्र अंसल, डायरेक्टर अंसल हाउसिंग का कहना है कि हमें RBI की आगामी बैठक से बड़ी उम्मीदें हैं। नए गवर्नर के आने के बाद नीतियों में बदलाव देखने को मिल रहा है और रेपो रेट में कटौती इसका बड़ा संकेत है। अगर ब्याज दरें और घटती हैं, तो इससे नए घर खरीदने का मन बना रहे लोगों को राहत मिलेगी और बाजार में तेजी आएगी।

एसेट डील्स के फाउंडर और सीईओ विनीत चेलानी कहते हैं कि आरबीआई ने कई महीनों तक रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया, जिससे रियल एस्टेट सेक्टर में उथल-पुथल मची रही। लेकिन नए गवर्नर के आने के बाद, हमने आखिरकार लंबे समय से प्रतीक्षित दर में कटौती देखी, जिससे बाजार में आशा की लहर दौड़ गई।

अतुल मोंगा- सीईओ एवं सह-संस्थापक, बेसिक होम लोन के अनुसार हमें उम्मीद है कि एमपीसी की आगामी बैठक में रेपो रेट में 25 बेसिस पॉइन्ट्स की कमी की जाएगी। इन्फ्लेशन को देखते हुए आर्थिक विकास को गति प्रदान करने के लिए ऐसा किया जा सकता है। इससे मुख्य सेक्टरों को बढ़ावा मिलेगा। हालांकि कुछ लोगों को उम्मीद है कि दुनिया भर में कारोबार के तनाव के बीच आर्थिक स्थिरता बनाए रखने के लिए रेट में बदलाव नहीं किया जाएगा, मौजूदा स्थितियों को देखते हुए अच्छे संकेत दिखाई दे रहे हैं, जिससे सभी क्षेत्रों में विकास को गति मिलेगी।

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वीवीआईपी ग्रुप के वीपी (सेल्स एंड मार्केटिंग) उमेश राठौर कहते हैं,रेपो रेट में कमी से बैंकों के लिए कर्ज देना सस्ता हो जाता है। इससे डेवलपर्स और होम बायर्स दोनों को फायदा होता है। कम ब्याज दरों पर होम लोन मिलने से लोगों की खरीद क्षमता बढ़ती है और ज्यादा ग्राहक बाजार में आते हैं। इसका सीधा असर रियल एस्टेट की बिक्री पर पड़ेगा।

स्पेक्ट्रम मेट्रो मॉल के वाइस प्रेजिडेंट, सेल्स और मार्केटिंग अजेंद्र सिंह का कहना है कि अगर रिजर्व बैंक रेपो रेट में कटौती करता है, तो इसका असर सीधे तौर पर कर्ज की लागत पर पड़ेगा, जिससे कमर्शियल रियल एस्टेट सेक्टर में नई जान आ सकती है। खासतौर पर ऑफिस स्पेस, शॉपिंग मॉल और हाई स्ट्रीट प्रोजेक्ट्स में निवेश बढ़ने की उम्मीद है। महंगाई में गिरावट और ब्याज दरों में राहत का माहौल डेवलपर्स और इन्वेस्टर्स दोनों के लिए अनुकूल साबित हो सकता है।

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घर हो जाएंगे और सस्ते

हालांकि, केवल ब्याज दरों में कटौती ही काफी नहीं है। सरकार को प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) जैसी सस्ते घरों की योजनाओं को और मजबूत बनाना होगा। साथ ही, बैंकों को ऐसे होम लोन प्लान लाने होंगे, जो मध्यम वर्ग और निम्न आय वर्ग के लिए फायदेमंद साबित हों।

अगर अप्रैल में RBI एक और कटौती करता है, तो इससे न केवल रियल एस्टेट बल्कि पूरी अर्थव्यवस्था को फायदा होगा। हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि सरकार को यह सुनिश्चित करना होगा कि इसका सीधा फायदा आम लोगों तक पहुंचे। मौद्रिक नीति, टैक्स में छूट और बैंकिंग सेक्टर में नकदी प्रवाह का सही तालमेल ही इस सेक्टर को आगे बढ़ाने में मदद करेगा।

अब सभी की निगाहें RBI की अगली बैठक पर टिकी हैं। अगर ब्याज दरें और घटती हैं, तो यह रियल एस्टेट सेक्टर के लिए एक बड़ा बूस्ट साबित हो सकता है।