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लोन महंगे नहीं होंगे और EMI सस्ती नहीं होगी, आरबीआई ने 5.5% पर रेपो रेट को रखा स्थिर- Details

आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने इस बैठक में लिए गए फैसलों का ऐलान करते हुए बताया की इस बार भी रेपो रेट को 5.5% पर ही स्थिर रखा गया है।

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Repo Rate: 29 सितंबर से 1 अक्टूबर, तीन दिनों तक चले भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) की बैठक के नतीजे सामने आ गए हैं।

आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने इस बैठक में लिए गए फैसलों का ऐलान करते हुए बताया की इस बार भी रेपो रेट को 5.5% पर ही स्थिर रखा गया है। इसका मतलब है कि आपके होम लोन, ऑटो लोन या पर्सनल लोन की ईएमआई पर फिलहाल कोई असर नहीं होगा। पिछली बार अगस्त में हुई बैठक में भी रेपो रेट को 5.5% पर स्थिर रखा गया था।

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आखिरी बार आरबीआई ने जून में रेपो रेट में 0.50% की कटौती की थी। साल 2025 में अब तक आरबीआई ने कुल तीन बार रेट कट किया है।

पहली बार फरवरी 2025 में रेट में 0.25% की कटौती  की गई थी। तब ब्याज दर को 6.5% से घटाकर 6.25% कर दिया था। फिर अप्रैल 2025 में आरबीआई ने ब्याज दरों में  0.25% की कटौती की थी जिससे रेपो रेट 6.25% से घटकर 6% पर आ गया था और फिर जून में आरबीआई ने तीसरी बार रेपो रेट में 0.50% की कटौती की जिससे ब्याज दर 6% से घटकर 5.5% आ गया था।

रेपो रेट के अलावा अन्य प्रमुख फैसले:

  • SDF रेट: 5.25%
  • MSF रेट: 5.75%

आरबीआई ने GDP ग्रोथ का अनुमान बढ़ाया

भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने वित्त वर्ष 2025-26 (FY26) के लिए देश की GDP ग्रोथ का अनुमान 6.5% से बढ़ाकर 6.8% कर दिया है। RBI के मुताबिक, घरेलू मांग में मजबूती, निवेश में लगातार बढ़ोतरी और स्थिर आर्थिक माहौल इसकी मुख्य वजहें हैं।

अगर तिमाही दर तिमाही की बात करें तो आरबीआई ने Q2 FY26 में अपने जीडीपी ग्रोथ के अनुमानों को 6.7% से बढ़ाकर 7% कर दिया है। हालांकि Q3 FY26 के लिए रिजर्व बैंक ने अपने अनुमानों में कटौती करते हुए इसे 6.6% से घटाकर 6.4% किया है और Q4 FY26 के लिए 6.3% से घटाकर 6.2% कर दिया है। 

महंगाई दर में कमी

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने महंगाई दर को लेकर नए अनुमान जारी किए हैं, जो आम लोगों के लिए राहत भरे हैं। अब RBI को उम्मीद है कि वित्त वर्ष 2025-26 में खुदरा महंगाई दर पहले के 3.1% के मुकाबले घटकर 2.6% रह सकती है।

तिमाही स्तर पर भी गिरावट की उम्मीद जताई गई है। Q2 में 2.1% से घटकर 1.8%, Q3 में 3.1% से घटकर 1.8%, Q4 में 4.4% से घटकर 4%, और FY27 की पहली तिमाही में 4.9% से घटाकर 4.5% का अनुमान लगाया गया है। RBI का कहना है कि GST सुधारों और आर्थिक स्थिरता की वजह से महंगाई नियंत्रित रहने की संभावना है।

रेपो रेट क्या होता है?

रेपो रेट वह ब्याज दर होती है जिस पर भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) देश के बैंकों को लोन देता है। जब RBI रेपो रेट घटाता है, तो बैंकों को सस्ते में कर्ज मिलता है, जिससे वे ग्राहकों को भी सस्ते लोन देते हैं और आपकी EMI कम हो जाती है। वहीं, अगर रेपो रेट बढ़ता है, तो बैंकों की लोन लागत बढ़ जाती है और वे ब्याज दरें बढ़ा देते हैं, जिससे लोन महंगा हो जाता है। इसलिए रेपो रेट सीधे तौर पर आपकी जेब पर असर डालता है।

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