भारत-न्यूजीलैंड के बीच फाइनल हुआ FTA! 95% निर्यात पर टैक्स हटेगा, व्यापार में आएगी बड़ी तेजी
न्यूजीलैंड सरकार ने सोमवार को समझौते की पुष्टि करते हुए कहा कि इस डील से भारत में उसके एक्सपोर्ट को पहले से कहीं बेहतर पहुंच मिलेगी। अनुमान है कि 2030 तक भारत की अर्थव्यवस्था 12 ट्रिलियन न्यूजीलैंड डॉलर तक पहुंच सकती है।

India-NZ FTA: भारत और न्यूजीलैंड के बीच फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) पर सहमति बन गई है। वेलिंगटन ने इसे अपने निर्यातकों के लिए बड़ी उपलब्धि बताया है। न्यूजीलैंड सरकार ने सोमवार को समझौते की पुष्टि करते हुए कहा कि इस डील से भारत में उसके एक्सपोर्ट को पहले से कहीं बेहतर पहुंच मिलेगी। अनुमान है कि 2030 तक भारत की अर्थव्यवस्था 12 ट्रिलियन न्यूजीलैंड डॉलर तक पहुंच सकती है।
इस एग्रीमेंट के तहत न्यूजीलैंड के भारत को होने वाले मौजूदा 95 फीसदी निर्यात पर टैक्स कम होंगे या पूरी तरह हट जाएंगे। इनमें से आधे से ज्यादा उत्पाद पहले दिन से ही ड्यूटी-फ्री हो जाएंगे।
समझौते की औपचारिक घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री क्रिस्टोफर लक्सन के बीच फोन बातचीत के बाद हुई। दोनों नेताओं ने इसे ऐतिहासिक, महत्वाकांक्षी और दोनों देशों के लिए फायदेमंद बताया।
न्यूजीलैंड के ट्रेड मंत्री ने कहा कि यह समझौता भारत को होने वाले 95 फीसदी मौजूदा निर्यात को टैक्स-फ्री या बेहद कम शुल्क वाला बना देगा। इसके साथ ही न्यूजीलैंड में भारतीय निर्यात पर लगने वाले टैक्स भी हटेंगे। डील में भारतीय छात्रों और कामगारों के लिए आवाजाही के नियम आसान करने की बात भी शामिल है, जिससे पढ़ाई और नौकरी के नए रास्ते खुलेंगे।
प्रधानमंत्री लक्सन ने कहा कि मैंने अभी भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से NZ-India FTA पूरा होने के बाद बात की है। उन्होंने बताया कि इस समझौते से आने वाले 20 सालों में भारत को न्यूजीलैंड का निर्यात हर साल 1.1 से 1.3 अरब डॉलर तक बढ़ सकता है। उनके मुताबिक, इससे देश में नौकरियां बढ़ेंगी, वेतन बेहतर होगा और मेहनती न्यूज़ीलैंडर्स के लिए नए मौके बनेंगे।
भारत के लिए यह समझौता उसकी उस कोशिश को दिखाता है, जिसमें वह लंबे समय से लगे संरक्षणवादी ठप्पे से बाहर निकलना चाहता है। यह कदम ऐसे समय में आया है जब अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारतीय सामान पर 50 फीसदी टैरिफ लगा दिया है, जिससे श्रम आधारित निर्यात सेक्टर पर दबाव बढ़ा है। भारत इस साल अब तक तीन फ्री ट्रेड एग्रीमेंट कर चुका है, जबकि अमेरिका और यूरोप के साथ बातचीत अब भी अटकी हुई है।

