महिला टैक्सपेयर्स ने कर दिया हैरान! धड़ाधड़ भर रहीं हैं सरकार का खजाना
बीते 4 साल में भारत में महिला टैक्सपेयर्स की संख्या में बड़ा उछाल दर्ज किया गया है। आयकर विभाग के आंकड़ों से ये जानकारी सामने आई है जिससे ये संकेत मिल रहा है कि महिलाएं अब ज्यादा वेतन वाली नौकरियों में आ रही हैं या अपने खुद के कारोबार को शुरू कर रही हैं।

बीते 4 साल में भारत में महिला टैक्सपेयर्स की संख्या में बड़ा उछाल दर्ज किया गया है। आयकर विभाग के आंकड़ों से ये जानकारी सामने आई है जिससे ये संकेत मिल रहा है कि महिलाएं अब ज्यादा वेतन वाली नौकरियों में आ रही हैं या अपने खुद के कारोबार को शुरू कर रही हैं।
अगर महिलाओं की ITR फाइलिंग में बीते 4 साल के दौरान आए बदलाव को देखें तो आयकर विभाग के आंकड़ों के मुताबिक 4 साल में महिलाओं की ITR फाइलिंग 25.3 परसेंट बढ़कर 2019-20 के 1.83 करोड़ के मुकाबले 2023-24 में 2.29 करोड़ से भी ज्यादा हो गई है। कुल मिलाकर 2023-24 में दाखिल किए गए आयकर रिटर्न्स की संख्या 7.97 करोड़ के पार पहुंच गई है।
अगर अलग अलग राज्यों को देखें तो आंकड़ों के मुताबिक महिलाओं के आयकर रिटर्न्स फाइलिंग के मामले में महाराष्ट्र पहले स्थान पर है जहां 2023-24 में 36.83 लाख महिलाओं ने ITR फाइल किया और इसमें 23 परसेंट की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। गुजरात इस लिस्ट दूसरे स्थान पर है, जहां 22.50 लाख महिलाओं ने ITR दाखिल किया जो 24.4 परसेंट की बढ़ोतरी है। वहीं, उत्तर प्रदेश 20.43 लाख महिलाओं के साथ तीसरे स्थान पर रहा, जहां 29.2 परसेंट का मजबूत इजाफा हुआ है।
तमिलनाडु, कर्नाटक, पंजाब और राजस्थान जैसे दूसरे प्रमुख राज्यों में भी महिलाओं की ITR फाइलिंग में तेजी देखी गई है। आयकर विभाग के आंकड़ों के मुताबिक तमिलनाडु में महिला ITR फाइलर्स की संख्या 20 परसेंट बढ़कर 15.51 लाख हो गई। कर्नाटक में भी ये संख्या 20 परसेंट बढ़कर 14.30 लाख हो गई है। पंजाब में 13.22 लाख महिलाओं ने आयकर रिटर्न दाखिल किया है जो 36.23 परसेंट का इजाफा है। राजस्थान में महिला ITR फाइलर्स की संख्या 25.49 परसेंट बढ़कर 13.52 लाख हो गई।
छोटे राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने भी इस दौरान शानदार प्रदर्शन किया। आयकर विभाग के आंकड़ों के मुताबिक मिजोरम में महिलाओं की ITR फाइलिंग में 96 परसेंट का इजाफा हुआ और ये 2 हजार 9 हो गई है। वहीं, जम्मू और कश्मीर में 49.2 परसेंट की बढ़ोतरी के साथ ये संख्या 1.17 लाख हो गई।
महिलाओं की आयकर रिटर्न फाइलिंग में ये बढ़ोतरी भारत में आर्थिक विकास, महिला सशक्तिकरण और फाइनेंशियल इंडीपेंडेंस की दिशा में एक महत्वपूर्ण संकेत है।