Share Market Crash: 1000 प्वाइंट्स टूटा Sensex, जानिए गिरावट के बड़े कारण
कारोबारी हफ्ते के पहले ही दिन शेयर मार्केट क्रैश हो गया है। BSE सेंसेक्स 100 अंक या 1.25 प्रतिशत गिरकर 78,729.61 पर ट्रेड हुआ। NSE निफ्टी 23,981.15 पर ट्रेड हुआ, जो 329.55 अंक या 1.33 प्रतिशत की गिरावट दिखा रहा है। रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड, ICICI बैंक लिमिटेड और इंफोसिस लिमिटेड ने इंडेक्स की गिरावट में सबसे ज्यादा योगदान दिया है।

कारोबारी हफ्ते के पहले ही दिन शेयर मार्केट क्रैश हो गया है। BSE सेंसेक्स 100 अंक या 1.25 प्रतिशत गिरकर 78,729.61 पर ट्रेड हुआ। NSE निफ्टी 23,981.15 पर ट्रेड हुआ, जो 329.55 अंक या 1.33 प्रतिशत की गिरावट दिखा रहा है। रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड, ICICI बैंक लिमिटेड और इंफोसिस लिमिटेड ने इंडेक्स की गिरावट में सबसे ज्यादा योगदान दिया है। तो चलिए जानते हैं कि आखिर में बाजार में गिरावट क्यों आई है?
जियोजिट फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार का कहना है कि भारतीय बाजार में कंपनियां खराब अर्निंग के चलते चुनौतियों का सामना कर रही है। निफ्टी के FY25 अर्निंग पर शेयर (EPS) पर असर दिख सकता है, जिससे FY25 की अनुमानित कमाई के लगभग 24 गुना मौजूदा वैल्यूएशन को बनाए रखना मुश्किल होगा।
वहीं दूसरी ओर FIIs भी इस मुश्किल माहौल में तेजी से बिकवाली कर रहे हैं, जिससे बाजार में आगे भी किसी भी रैली पर रोक लग सकती है।डेटा के मुताबिक अक्टूबर में FPI ने 1,13,858 करोड़ रुपये के शेयर बेचे, जो एक महीने में FPI के जरिए की गई सबसे ज्यादा बिकवाली है। इस निरंतर बिक्री ने बेंचमार्क इंडेक्स में लगभग 8 प्रतिशत की गिरावट में महत्वपूर्ण योगदान दिया। कंपनियों की अर्निंग ने इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
अमेरिकी चुनावों को लेकर अनिश्चितता के बीच स्टॉक्स में हलचल देखी गई, क्योंकि रिपब्लिकन डोनाल्ड ट्रंप डेमोक्रेट कामला हैरिस के साथ राष्ट्रपति पद की दौड़ में जबरदस्त टक्कर देखी गई है। जिससे वैश्विक बाजारों समेत एशिया मार्केट्स में भी उथल-पुथल देखी जा रही है।
MOFSL के मुकाबिक निफ्टी स्टॉक्स में BPCL ने Q2 परिणामों के बाद अपने FY25 EPS अनुमानों में 34.3 प्रतिशत की गिरावट देखी, इसके बाद इंडसइंड बैंक (16.7 प्रतिशत), अल्ट्राटेक सीमेंट (15.5 प्रतिशत), NTPC (8.3 प्रतिशत), कोल इंडिया (7.3 प्रतिशत), मारुति सुजुकी (6.4 प्रतिशत), नेस्ले इंडिया (6.1 प्रतिशत) और रिलायंस इंडस्ट्रीज (5.6 प्रतिशत) का स्थान रहा। 31 अक्टूबर तक, 34 निफ्टी स्टॉक्स ने 5 प्रतिशत की बिक्री वृद्धि, 1 प्रतिशत की EBITDA वृद्धि और प्रॉफिट ऑप्टर टैक्स में शून्य बढ़ोतरी की जानकारी दी। इनमें से 10 ने PAT अनुमानों को पार किया और 9 कंपनियां इन अनुमानों से चूक गईं। EBITDA के मोर्चे पर 8 कंपनियों ने MOFSL के तिमाही अनुमानों को पार किया, जबकि 7 ने इनसे चूक की।
मार्केट एक्सपर्ट राघवेंद्र सिंह का कहना है कि बाजार में गिरावट का कारण रिलायंस और अमेरिका चुनाव हैं। ऐसा लग रहा है कि मार्केट 23500-23600 के लेवल पर बेस बनाएगा। ये बाइंग लेवल है और यहां से रिस्क रिवॉर्ड अच्छा है। नवंबर के महीने में एक्सपायरी 25000 के ऊपर होनी चाहिए। उनका कहना है कि एक और दो दिन बाजार में और गिरावट देखने को मिल सकती है। स्टॉप लॉस के लिए 23200 के लेवल वाजिब दिख रहे हैं। रिलायंस, TCS, Infosys में खरीदारी की सलाह है। साथ ही रोलओवर बहुत कम हुआ है, इसलिए बाजार में पॉजिशन काफी कम है।
भारत की कंपनियों के FY25 कमाई के अनुमान में गिरावट, मजबूत विदेशी बिकवाली, रिकॉर्ड लो पर रुपया और मध्य पूर्व में भू-राजनीतिक तनाव के कारण OPEC+ उत्पादन वृद्धि में देरी के कारण तेल की कीमतों में बढ़ोतरी ने घरेलू स्टॉक्स पर बेचने का दबाव डाला। रुपया शुक्रवार के सत्र में डॉलर के मुकाबले अपने सभी समय के निम्न स्तर 84.1 के चारों ओर मंडरा रहा है। कमजोर मुद्रा और अधिक विदेशी निकासी को ट्रिगर कर सकती है।