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केस और ग्रैंड ज्यूरी नोटिस के बाद अब अडानी मामले में आगे क्या होगा? जानिए अमेरिकी कानून की प्रक्रिया

भारत के बड़े उद्योगपति गौतम अडानी और उनके सहयोगियों पर अमेरिका में धोखाधड़ी और रिश्वतखोरी के गंभीर आरोप लगे हैं। न्यूयॉर्क की एक अदालत ने गौतम अडानी समेत आठ लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। आरोप है कि अडानी ने अमेरिकी निवेशकों से पैसा जुटाकर भारत में सरकारी अधिकारियों को रिश्वत दी, जिससे उनकी कंपनियों को भारी मुनाफा हुआ।

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गौतम अडानी पर गंभीर आरोप

भारत के बड़े उद्योगपति गौतम अडानी और उनके सहयोगियों पर अमेरिका में धोखाधड़ी और रिश्वतखोरी के गंभीर आरोप लगे हैं। न्यूयॉर्क की एक अदालत ने गौतम अडानी समेत आठ लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। आरोप है कि अडानी ने अमेरिकी निवेशकों से पैसा जुटाकर भारत में सरकारी अधिकारियों को रिश्वत दी, जिससे उनकी कंपनियों को भारी मुनाफा हुआ।

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क्या है आरोप?

मामला सोलर एनर्जी प्रोजेक्ट्स से जुड़ा है। 2019-2020 में भारत सरकार के स्वामित्व वाली सोलर एनर्जी कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (SECI) ने लेटर ऑफ अवार्ड जारी किए। इनमें से 8 गीगावॉट सोलर एनर्जी प्रोजेक्ट अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड को और 4 गीगावॉट एज्योर पावर ग्लोबल लिमिटेड को दिए गए।

अमेरिकी अभियोजकों का कहना है कि प्रोजेक्ट के महंगे रेट की वजह से राज्यों ने बिजली खरीदने से मना कर दिया। इसके बाद अडानी ग्रुप और एज्योर पावर ने रिश्वत देने की योजना बनाई। आरोप है कि करीब 2200 करोड़ रुपये की रिश्वत दी गई, जिसके चलते आंध्र प्रदेश, ओडिशा, जम्मू-कश्मीर, तमिलनाडु और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों से बड़े प्रोजेक्ट मिले।

अमेरिका में क्यों हुई जांच?

एज्योर पावर ग्लोबल लिमिटेड अमेरिका के स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टेड कंपनी है। अमेरिकी कानून Foreign Corrupt Practices Act (FCPA) के तहत, ऐसी कंपनियों पर सख्त निर्देश होते हैं कि वे किसी भी देश के सरकारी अधिकारियों को रिश्वत नहीं दे सकतीं।

अमेरिकी प्रतिभूति और विनिमय आयोग (SEC) का दावा है कि रिश्वत और भ्रष्टाचार के जरिए अडानी ग्रुप और एज्योर पावर ने अमेरिकी निवेशकों को गुमराह किया। दोनों कंपनियों ने गलत जानकारी देकर अमेरिकी निवेशकों से करीब 17,000 करोड़ रुपये जुटाए।

वारंट का मतलब और आगे की प्रक्रिया

अमेरिका में अभियोग का मतलब है कि आरोपी के खिलाफ औपचारिक आरोप तय हो गए हैं। इसके बाद ग्रैंड ज्यूरी नोटिस जारी करती है।

कोर्ट में सुनवाई: अभियोजन पक्ष और आरोपी पक्ष सबूत पेश करेंगे।
गिरफ्तारी: आरोपियों को गिरफ्तार किया जा सकता है, लेकिन अडानी पर अभी आरोप सिद्ध नहीं हुए हैं।
प्रत्यर्पण: अमेरिका फिलहाल भारत से अडानी के प्रत्यर्पण की मांग नहीं कर सकता। यह प्रक्रिया दोष सिद्ध होने के बाद शुरू होगी।

अडानी ग्रुप का बचाव

अडानी ग्रुप ने सभी आरोपों को निराधार और गलत बताया है। उनका कहना है कि जब तक आरोप साबित नहीं होते, उन्हें दोषी नहीं ठहराया जा सकता।ग्रुप ने भरोसा जताया कि वे कानूनी प्रक्रिया का पालन करेंगे और अपने हितधारकों को आश्वस्त किया है।

आरोपियों की सूची

अमेरिकी अदालत ने जिन आठ लोगों को आरोपी बनाया है, उनमें गौतम अडानी, उनके भतीजे सागर अडानी, पूर्व सीईओ विनीत जैन, और एज्योर पावर के अधिकारियों का नाम शामिल है।

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Disclaimer: ये आर्टिकल सिर्फ जानकारी के लिए है और इसे किसी भी तरह से इंवेस्टमेंट सलाह के रूप में नहीं माना जाना चाहिए। BT Bazaar अपने पाठकों और दर्शकों को पैसों से जुड़ा कोई भी फैसला लेने से पहले अपने वित्तीय सलाहकारों से सलाह लेने का सुझाव देता है।