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Stock Market में मार्च 2024 में SEBI करने जा रहा है बड़ा बदलाव नए नियम से निवेशकों को होगा फायदा?

सेबी की चेयरपर्सन माधवी पुरी बुच ने कहा कि इसके लिए एक रोडमैप तैयार किया गया है। उन्होंने कहा कि इसके बाद तत्काल सेटलमेंट को लेकर वैकल्पिक सिस्टम भी लाया जाएगा। यानि तुरंत सैटरलमेंट होगा और ये दोनों सिस्टम 'T+0' सिस्टम और तत्काल सेटलमेंट दोनों समानांतर रूप से साथ-साथ चलेंगे। बुच ने कहा है कि तत्काल सेटलमेंट के लिए ब्रोकरों ने इंफ्रास्ट्रक्चर और टेक्निकल राह की जरूरत पर भी जोर दिया है।

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Stock Market में मार्च 2024 में SEBI करने जा रहा है बड़ा बदलाव नए नियम से निवेशकों को होगा फायदा?
जनवरी में टी+1 के सिस्टम को अपनाया गया था।

जल्द ही शेयर मार्केट के नियम बदलने वाले हैं और इसे निवेशकों के लिए एक अच्छी खबर के तौर पर देखा जा रहा है। जैसा कि आप जानते हैं कि इस साल जनवरी में टी+1 के सिस्टम को अपनाया गया था। जिसका मतलब है कि अगर आपने आज स्टॉक में खरीदारी की है तो अगले कारोबारी दिन ट्रेड का निपटारा किया जाता है। लेकिन अब इन नियमों में बड़ा बदलाव होने जा रहा है। 

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जल्द ही शेयर मार्केट के नियम बदलने वाले हैं
जल्द ही शेयर मार्केट के नियम बदलने वाले हैं

तो सेबी चीफ का कहना है कि देश में मार्च 2024 तक 'T+0' सिस्टम यानी शेयरों के उसी दिन सेटलमेंट की व्यवस्था लागू हो सकती है। सेबी की चेयरपर्सन माधवी पुरी बुच ने कहा कि इसके लिए एक रोडमैप तैयार किया गया है। उन्होंने कहा कि इसके बाद तत्काल सेटलमेंट को लेकर वैकल्पिक सिस्टम भी लाया जाएगा। यानि तुरंत सैटरलमेंट होगा और ये दोनों सिस्टम 'T+0' सिस्टम और तत्काल सेटलमेंट दोनों समानांतर रूप से साथ-साथ चलेंगे। बुच ने कहा है कि तत्काल सेटलमेंट के लिए ब्रोकरों ने इंफ्रास्ट्रक्चर और टेक्निकल राह की जरूरत पर भी जोर दिया है। यानि उनका साफ कहना है कि कि हम पहले वैकल्पिक रूप से एक घंटे के सेटलमेंट पर प्रोसेस पर जाएंगे और फिर इंस्टेंट सेटलमेंट की तरह जाएंगे। इस पर ब्रोकर्स का भी समर्थन मिला है।  

बोर्ड मीटिंग में कंपनियों की डिलिस्टिंग के नियमों में किसी भी प्रकार का कोई बदलाव नहीं किया गया है। बुच ने कहा कि पिछले पांच के दौरान डिलिस्ट होने के लिए आने वाली एप्लीकेशन की संख्या काफी कम है। पर्याप्त डेटा न होने के कारण किसी भी प्रकार के निर्णय पर पहुंचा जा सका है। इस कारण बोर्ड ने पर्याप्त डेटा आने तक किसी निर्णय लेने का फैसला किया है। 

इस बोर्ड बैठक में बाजार की ओर से उम्मीद लगाई जा रही थी कि कंपनियों की डिलिस्टिंग के नियमों में सेबी की ओर से बदलाव किया जा सकता है। कानूनी जानकारों का भी मानना है कि मौजूदा डिलिस्टिंग का प्रोसेस काफी पेचीदा है।

Disclaimer: ये आर्टिकल सिर्फ जानकारी के लिए है और इसे किसी भी तरह से इंवेस्टमेंट सलाह के रूप में नहीं माना जाना चाहिए। BT Bazaar अपने पाठकों और दर्शकों को पैसों से जुड़ा कोई भी फैसला लेने से पहले अपने वित्तीय सलाहकारों से सलाह लेने का सुझाव देता है।