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KSH International का आईपीओ आज से खुला! ब्रोकरेज हाउसेज ने बताया पैसा लगाएं या नहीं?

इस आईपीओ का कुल साइज ₹710 करोड़ का है। कंपनी फ्रेश इश्यू के जरिए 1.09 करोड़ इक्विटी शेयर जारी करके ₹420 करोड़ और ऑफर फॉर सेल (OFS) के जरिए 0.76 करोड़ इक्विटी शेयर जारी करके ₹290 करोड़ रुपये जुटाना चाहती है। 

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KSH International IPO: मैग्नेट वाइंडिंग वायर्स बनाने वाली कंपनी केएसएच इंटरनेशनल लिमिटेड (KSH International Ltd.) का आईपीओ मंगलवार, 16 दिसंबर से निवेश के लिए खुल गया है। कंपनी ने इश्यू का प्राइस बैंड 365-384 रुपये तय किया है। इस आईपीओ का लॉट साइज 39 शेयरों है। इस आईपीओ को रिटेल निवेशक 18 दिसंबर तक सब्सक्राइब कर सकेंगे। 

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इस आईपीओ का कुल साइज ₹710 करोड़ का है। कंपनी फ्रेश इश्यू के जरिए 1.09 करोड़ इक्विटी शेयर जारी करके ₹420 करोड़ और ऑफर फॉर सेल (OFS) के जरिए 0.76 करोड़ इक्विटी शेयर जारी करके ₹290 करोड़ रुपये जुटाना चाहती है। 

कंपनी कहां करेगी आईपीओ से जुटाए पैसों का इस्तेमाल?

फ्रेश इश्यू से मिलने वाली रकम का इस्तेमाल कंपनी कर्ज चुकाने, नई मशीनरी की खरीद और लगाने, सोलर पावर प्लांट लगाने और सामान्य कॉरपोरेट जरूरतों के लिए करेगी। 

कंपनी के बारे में

केएसएच इंटरनेशनल, भारत की तीसरी सबसे बड़ी और सबसे बड़ी निर्यातक मैग्नेट वाइंडिंग वायर निर्माता है। कंपनी ‘KSH’ ब्रांड के तहत पावर, रिन्यूएबल्स, रेलवे, ऑटोमोबाइल और इंडस्ट्रियल सेक्टर के OEMs को सप्लाई करती है।

KSH International Financial

वित्तीय प्रदर्शन की बात करें तो जून 2025 तिमाही में कंपनी ने 22.68 करोड़ रुपये का मुनाफा और 562.60 करोड़ रुपये का रेवेन्यू दर्ज किया।

FY25 में नेट प्रॉफिट 67.99 करोड़ रुपये और रेवेन्यू 1,938.19 करोड़ रुपये रहा। मौजूदा वैल्यूएशन पर कंपनी का मार्केट कैप करीब 2,600 करोड़ रुपये बैठता है।

आईपीओ में पैसा लगाएं या नहीं?

ब्रोकरेज Arihant Capital Market और SBI Securities ने वैल्यूएशन को देखते हुए ‘न्यूट्रल’ रेटिंग दी है। उनका मानना है कि कंपनी का ग्रोथ आउटलुक मजबूत है, लेकिन मौजूदा कीमतों पर ज्यादा अपसाइड सीमित हो सकता है।

वहीं ब्रोकरेज Angel One, Canara Bank Securities, Swastika Investmart, BP Equities, Lakshmishree Investment & Securities, Ventura Securities ने इस इश्यू को ‘सब्सक्राइब’ या ‘सब्सक्राइब फॉर लॉन्ग टर्म’ की रेटिंग दी है।

ब्रोकरेज का कहना है कि पावर, ईवी और इलेक्ट्रिफिकेशन से जुड़ी लंबी अवधि की मांग, बैकवर्ड इंटीग्रेशन, सोलर पावर प्लांट और कर्ज घटने से कंपनी की मार्जिन और रिटर्न प्रोफाइल बेहतर हो सकती है।

हालांकि, ज्यादातर ब्रोकरेज ने कॉपर और एल्यूमिनियम कीमतों में उतार-चढ़ाव को प्रमुख जोखिम बताया है और निवेशकों को शॉर्ट टर्म लिस्टिंग गेन की बजाय लंबी अवधि के नजरिए से निवेश की सलाह दी है।

Disclaimer: ये आर्टिकल सिर्फ जानकारी के लिए है और इसे किसी भी तरह से इंवेस्टमेंट सलाह के रूप में नहीं माना जाना चाहिए। BT Bazaar अपने पाठकों और दर्शकों को पैसों से जुड़ा कोई भी फैसला लेने से पहले अपने वित्तीय सलाहकारों से सलाह लेने का सुझाव देता है।