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पांच दिन में 9% क्रैश हुआ इंडिगो का शेयर! एक्सपर्ट से जानिए सस्ते में स्टॉक खरीदने का सुनहरा मौका या धोखा

सुबह 11:43 बजे तक शेयर एनएसई पर 1.35% या 75.50 रुपये गिरकर 5,520 रुपये पर कारोबार कर रहा था तो वहीं बीएसई पर स्टॉक 1.31% या 73.25 रुपये गिरकर 5519.25 रुपये पर कारोबार कर रहा था।

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IndiGo Share: इंडिगो की पैरेंट कंपनी इंटरग्लोब एविएशन के शेयरों में पिछले 5 दिन से 9% की गिरावट आई है। आज भी स्टॉक में 3 प्रतिशत की गिरावट देखने को मिली। बीएसई पर शेयर 5499 रुपये पर खुला था और अभी तक इसने अपना इंट्राडे लो 5407.30 रुपये को टच कर लिया है। 

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सुबह 11:43 बजे तक शेयर एनएसई पर 1.35% या 75.50 रुपये गिरकर 5,520 रुपये पर कारोबार कर रहा था तो वहीं बीएसई पर स्टॉक 1.31% या 73.25 रुपये गिरकर 5519.25 रुपये पर कारोबार कर रहा था।

अगस्त 2025 में बने 52 Week High ₹6,225 से यह करीब 13% नीचे है, लेकिन एक साल में अब भी 26% और पांच साल में 220% रिटर्न दे चुका है।

क्यों गिरा शेयर?

पिछले दो दिनों में कंपनी को भारी ऑपरेशनल दिक्कतों का सामना करना पड़ा। उड़ानों में देरी और कैंसिलेशन ने यात्रियों की परेशानी बढ़ाई। कंपनी ने एक्सचेंज को भेजे बयान में इसके लिए माफी भी मांगी है। तकनीकी गड़बड़ियां, ठंड का मौसम और क्रू की कमी इसकी सबसे बड़ी चुनौतियां बन गई हैं। इसके साथ ही रुपये की कमजोरी और दिल्ली-मुंबई एयरपोर्ट पर संभावित UDF बढ़ोतरी भी चिंता बढ़ा रही है।

SBI सिक्योरिटीज के हेड ऑफ फंडामेंटल रिसर्च सनी अग्रवाल ने कहा कि DGCA की नई फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन नॉर्म्स ने क्रू उपलब्धता को प्रभावित किया है। मौसम, एयरपोर्ट सॉफ्टवेयर गड़बड़ी और एयरबस A320 से जुड़ी दिक्कतों ने हालात और बिगाड़े हैं।

आनंद राठी इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज के शोभित सिंघल ने बताया कि 2,300 डेली उड़ानों में से 100-120 पर गुरुवार को असर पड़ा। अक्टूबर से अब तक करीब 1,200 उड़ानें प्रभावित हुईं, जो सिर्फ 0.5-0.8% है। उनका अनुमान है कि तिमाही राजस्व पर 1% यानी लगभग ₹150-200 करोड़ का असर पड़ेगा, जबकि तिमाही का कुल राजस्व ₹20,000 करोड़ माना जा रहा है।

इम्के ग्लोबल ने कहा कि अक्टूबर-नवंबर में घरेलू एयर ट्रैफिक फिर तेज हुआ और इंडिगो ने अपनी मजबूत पकड़ कायम रखी। उनकी रिपोर्ट में अंतरराष्ट्रीय रूट्स पर लगातार विस्तार को Q3FY26 की बड़ी ग्रोथ ड्राइवर बताया गया है।

क्या स्टॉक खरीदना अभी भी सही?

SBI सिक्योरिटीज के हेड ऑफ फंडामेंटल रिसर्च सनी अग्रवाल के मुताबिक मौजूदा रुकावटें और रुपये की कमजोरी इस तिमाही की कमाई दबा सकती हैं, लेकिन लंबे समय में इंडिगो की स्थिति मजबूत है।

वहीं आनंद राठी इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज के शोभित सिंघल ने कहा कि एयरबस की डिलीवरी कटौती जैसे बाहरी फैक्टर्स भी असर डालते हैं, लेकिन इंडिगो अब भी एविएशन सेक्टर की सबसे भरोसेमंद कंपनियों में है। उनके मुताबिक ऐसी गिरावट लंबी अवधि के निवेशकों के लिए मौका है। ब्रोकरेज ने अक्टूबर में इसका टार्गेट प्राइस ₹7,000 दिया था।

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मिराए एसेट शेयरखान के कुनाल शाह ने कहा कि स्टॉक ₹5,500-5,900 के रेंज में फंसा है और 20-SMA और 40-EMA के नीचे ट्रेड कर रहा है, जिससे शॉर्ट-टर्म ट्रेंड कमजोर है। ₹5,800 के ऊपर टिके बिना कोई भी उछाल टिकना मुश्किल है। स्थायी ब्रेकआउट मिलने पर ही ₹6,100 का रास्ता खुलेगा, जबकि ₹5,500 टूटने पर ₹5,150 तक गिरावट संभव है।

Disclaimer: ये आर्टिकल सिर्फ जानकारी के लिए है और इसे किसी भी तरह से इंवेस्टमेंट सलाह के रूप में नहीं माना जाना चाहिए। BT Bazaar अपने पाठकों और दर्शकों को पैसों से जुड़ा कोई भी फैसला लेने से पहले अपने वित्तीय सलाहकारों से सलाह लेने का सुझाव देता है।