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वारंट कन्वर्जन से इस डिफेंस कंपनी ने जुटाए 103 करोड़ रुपये! रडार पर स्टॉक - आपके पोर्टफोलियो में है?

कंपनी ने बताया कि वारंट एक्सरसाइज प्राइस के रूप में कुल ₹103,86,50,922 प्राप्त हो चुके हैं। साथ ही संबंधित निवेशकों- बद्दाम कनिष्क रेड्डी, बद्दाम चाणक्य रेड्डी (प्रमोटर ग्रुप), अडेपल्ली कृष्णा साई कुमार (पूर्णकालिक निदेशक - संचालन), अनुदीप अदिराजू, संदीप कपाड़िया और पीयूष भूपेन्द्र गाला- के आवेदन पत्र भी प्राप्त हो गए थे।

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Defence Stock: डिफेंस सेक्टर की कंपनी, अपोलो माइक्रो सिस्टम्स लिमिटेड (Apollo Micro Systems Ltd) का शेयर आज निवेशकों के रडार पर है। दरअसल बीते बुधवार को बाजार बंद होने के बाद कंपनी ने अपने फाइलिंग में वारंट कन्वर्जन की जानकारी दी है। 

कंपनी ने बताया कि 2 जून 2025 को 3,80,67,058 वारंट्स के अलॉटमेंट की बात कही गई थी। ये वारंट्स प्रेफरेंशियल बेसिस पर 30 अलॉटियों को दिए गए थे। फिलहाल दोपहर 11:46 बजे तक कंपनी का शेयर 1.31% या 3.55 रुपये गिरकर 267.65 रुपये पर कारोबार कर रहा था।

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अब कंपनी ने बताया कि वारंट एक्सरसाइज प्राइस के रूप में कुल ₹103,86,50,922 प्राप्त हो चुके हैं। साथ ही संबंधित निवेशकों- बद्दाम कनिष्क रेड्डी, बद्दाम चाणक्य रेड्डी (प्रमोटर ग्रुप), अडेपल्ली कृष्णा साई कुमार (पूर्णकालिक निदेशक - संचालन), अनुदीप अदिराजू, संदीप कपाड़िया और पीयूष भूपेन्द्र गाला- के आवेदन पत्र भी प्राप्त हो गए थे।

इसके बाद कंपनी की Securities Allotment Committee ने 26 नवंबर 2025 को बैठक में 1,21,47,964 इक्विटी शेयर (प्रति शेयर 1 रुपये फेस वैल्यू) अलॉट करने की मंजूरी दे दी, जो वारंट्स के कन्वर्ज़न के बाद जारी किए गए हैं।

कंपनी को मिला बड़ा ऑर्डर

कंपनी ने एक अन्य एक्सचेंज फाइलिंग में बताया कि अपोलो माइक्रो सिस्टम्स लिमिटेड ने कंपनियों अधिनियम, 2013 की धारा 148(6) के उल्लंघन को निपटाने के लिए धारा 441 के तहत एक आवेदन दायर किया था। यह आवेदन हैदराबाद स्थित रीजनल डायरेक्टर (South East Region) के पास किया गया था। रीजनल डायरेक्टर ने इस मामले को मंजूर करते हुए कंपाउंडिंग ऑर्डर जारी किया है। 

IIT चेन्नई और इंडियन नेवी के साथ बड़ी डील 

एक दूसरे फाइलिंग में हाल ही में कंपनी ने यह भी बताया था कि, स्वदेशी डिफेंस तकनीक के डेवलपेंट को तेज करने के लिए आईआईटी-चेन्नई (IIT-Chennai) और भारतीय नौसेना (Indian Navy) के साथ एक Tri-Party सहयोग किया है।

इसका मकसद स्वदेशी रिसर्च और डेवलपमेंट (R&D) के माध्यम से सशस्त्र बलों की वर्तमान और उभरती परिचालन ज़रूरतों को पूरा करना है। यह गठबंधन आधुनिक युद्ध के लिए जरूरी हाई टेक क्षेत्रों पर काम करेगा।

इसमें एडवांस इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर सिस्टम, प्रिसिजन गाइडेंस और कंट्रोल सिस्टम, और हाई-एनर्जी हथियार तकनीक जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्र शामिल हैं। यह सिर्फ इन्हीं तकनीकों तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि जरूरत के अनुसार और भी एडवांस क्षेत्रों में काम किया जाएगा।

Disclaimer: ये आर्टिकल सिर्फ जानकारी के लिए है और इसे किसी भी तरह से इंवेस्टमेंट सलाह के रूप में नहीं माना जाना चाहिए। BT Bazaar अपने पाठकों और दर्शकों को पैसों से जुड़ा कोई भी फैसला लेने से पहले अपने वित्तीय सलाहकारों से सलाह लेने का सुझाव देता है।