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RBI MPC Meet: नए गर्वनर देंगे सस्ते EMI का गिफ्ट? इस दिन पता चलेगा नया Repo Rate

RBI MPC Meet 2025:

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The RBI MPC meet began on August 6.

RBI MPC Meet: यूनियन बजट पेश हो गया है और अब सबकी नजर आरबीआई की तीन दिवसीय मौद्रिक समीक्षा बैठक पर है।  इस बार के  बजट में सरकार ने टैक्सपेयर्स को रियायतें दी है। दरअसल, वित्त मंत्री ने एलान किया कि 12 लाख रुपये तक की सालाना इनकम पर कोई टैक्स नहीं लगेगा। यह एलान मिडिल क्लास के लिए सबसे बड़ा तोहफा है। 

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अब मिडिल क्लास की नजर रिजर्व बैंक की पॉलिसी मीटिंग पर है। इस बार उम्मीद की जा रही है कि बैठक में रेपो रेट (Repo Rate) को कम कर दिया जाएगा। अगर रेपो दर में कटौती होती है तो लोन की ईएमआई (Loan EMI) घट जाएगी। आपको बता दें कि आरबीआई की एमपीसी बैठक 5 फरवरी से शुरू होगी और 7 फरवरी को खत्म होगी। 7 फरवरी को सुबह 10 बजे आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा (Sanjay Malhotra) एमपीसी बैठक में लिए गए फैसलों का एलान करेंगे।

संजय मल्होत्रा की पहली एमपीसी बैठक

पिछली बैठक दिसंबर 2024 में हुई थी। इस बैठक का नेतृत्व शक्तिकांत दास ने किया था। अब आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा है। यह उनकी पहली एमपीसी बैठक है। इस कारण लोगों को उम्मीद है कि इस बार रेपो रेट में बदलाव किया जा सकता है। पिछले काफी समय से रेपो रेट 6.5 फीसदी पर स्थिर बनी हुई है। 

कम होगी ईएमआई 

केंद्रीय बैंक आरबीआई की MPC मीटिंग में महंगाई, रुपये की गिरावट, जीडीपी ग्रोथ के साथ इंटरेस्ट रेटके आधार पर फैसला लिया जाएगा। अगर बैठक में रेपो रेट को कम करने का फैसला लिया जाता है तो मिडिल क्लास को लाभ होगा। दरअसल, रेपो रेट कम होने के बाद लोन की ईएमआई कम हो जाएगी।

क्या है रेपो रेट? (What is Repo Rate?)

एमपीसी मीटिंग हर दो महीने में होती है। यह मीटिंग मनी-फ्लो को मेंटेन करने, महंगाई को नियंत्रित करने और जीडीपी ग्रोथ को बढ़ावा देने के लिए किया जाता है। इस बैठक में 6 सदस्य शामिल होते हैं। बैठक की अध्यक्षता आरबीआई गवर्नर करते हैं। बैठक में रेपो रेट समेत कई अहम फैसले लिए जाते हैं। इन फैसलों का एलान बैठक के आखिरी दिन होता है। 

रेपो रेट एक तरह का ब्याज होता है, जो आरबीआई देश के सभी बैंकों पर लगाती है। देश के बैंक आरबीआई से कर्ज लेती हैं और यह कर्ज उन्हें रेपो रेट के आधार पर मिलता है। इसके बाद बैंक इसी रेपो रेट के आधार पर कस्टमर को लोन देते हैं। अगर रेपो रेट कम होता है तो लोन की ईएमआई भी कम हो जाती है।  

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