Loan Rule: अब बिना क्रेडिट हिस्ट्री भी मिल जाएगा लोन, RBI का नया नियम बदलेगा खेल
लोन के लिए क्रेडिट हिस्ट्री का होना जरूरी है। जी हां, आरबीआई ने हाल ही में बड़ा फैसला लिया है। इस फैसले के बाद अब बिना क्रेडिट हिस्ट्री के भी आसानी से लोन मिल जाएगा।

अक्सर जब लोग पहली बार लोन लेने जाते हैं तो बैंक उनसे पूछता है कि आपका क्रेडिट हिस्ट्री (Credit History) क्या है? अगर हिस्ट्री नहीं है, तो सीधा जवाब मिलता है कि लोन नहीं मिलेगा। यही सबसे बड़ी दिक्कत थी। लेकिन अब यह समस्या हल होने वाली है।
आरबीआई (RBI) ने साफ कह दिया है कि सिर्फ क्रेडिट हिस्ट्री न होने की वजह से किसी को लोन देने से मना नहीं किया जा सकता। यह खबर उन लाखों लोगों के लिए राहत है, जिन्होंने कभी लोन नहीं लिया लेकिन अब जरूरत है।
क्रेडिट स्कोर और हिस्ट्री का झंझट
दरअसल, बैंक लोन देने से पहले आपका क्रेडिट स्कोर (Credit Score) चेक करता है। यह तीन अंकों का नंबर होता है जो बताता है कि आप कितने जिम्मेदार तरीके से पैसे चुकाते हैं। वहीं क्रेडिट हिस्ट्री आपके लोन लेने और चुकाने का पूरा रिकॉर्ड होती है। जिनके पास पहले से लोन नहीं है, उनकी कोई हिस्ट्री ही नहीं होती। ऐसे में उनका लोन रिजेक्ट कर दिया जाता था।
बेसिक होम लोन के सीईओ और को-फाउंडर अतुल मोंगा कहते हैं कि अब तक सबसे बड़ा सवाल यही था कि अगर लोन ही नहीं मिलेगा तो क्रेडिट हिस्ट्री बनेगी कैसे। यह दिक्कत लाखों लोगों को सिस्टम से बाहर रखती थी।
पहली बार लोन लेने वालों को फायदा
अब आरबीआई का नया नियम पहली बार लोन लेने वालों के लिए बड़ी राहत है। बैंक अब सिर्फ क्रेडिट स्कोर पर निर्भर नहीं रहेंगे। अगर आपके पास स्थिर नौकरी है, डिजिटल ट्रांजैक्शन का अच्छा रिकॉर्ड है, बिजली-पानी का बिल टाइम से भरते हैं या किराया समय पर देते हैं, तो इन आधारों पर भी लोन मिल सकता है।
छोटे शहर और गांव में बड़ी मदद
यह बदलाव खासतौर पर छोटे कस्बों और गांव में रहने वाले लोगों के लिए गेम चेंजर है। यहां छोटे बिजनेसमैन, गिग वर्कर्स और प्रोफेशनल्स को अक्सर पैसों की ज़रूरत होती है, लेकिन क्रेडिट हिस्ट्री न होने की वजह से उन्हें लोन से मना कर दिया जाता था। अब उनके लिए भी रास्ता खुल जाएगा।
बैंकों और फिनटेक कंपनियों के लिए नया मौका
इस बदलाव से बैंकों को भी फायदा होगा। अब वे उन जगहों पर भी लोन दे पाएंगे जहां पहले उनका दायरा नहीं था। फिनटेक कंपनियां इसमें बड़ी भूमिका निभा सकती हैं। वे आपके डिजिटल पेमेंट रिकॉर्ड, रोजगार की जानकारी और दूसरी चीज़ों को देखकर बैंक को मदद कर सकती हैं।
अतुल मोंगा के अनुसार यह कदम सिर्फ ग्राहकों के लिए राहत नहीं है, बल्कि बैंकों और फिनटेक कंपनियों के लिए भी नए अवसर खोलता है। अब वैकल्पिक डेटा से भी लोन देना आसान होगा।
हाइब्रिड लेंडिंग मॉडल
भारत अब हाइब्रिड लेंडिंग मॉडल की तरफ बढ़ रहा है। यानी लोन देते वक्त क्रेडिट स्कोर देखा तो जाएगा, लेकिन सिर्फ उसी पर भरोसा नहीं होगा। दूसरे तरीकों से भी जांच की जाएगी। इससे सिस्टम और भरोसेमंद बनेगा और लाखों लोग पहली बार लोन ले पाएंगे।