Gratuity Calculation: आपकी सैलरी में छिपी है ग्रेच्युटी, जानिए पूरा कैलकुलेशन और इसका असर
Gratuity Calculator: लंबे समय से एक ही कंपनी में काम करने के बाद जब जॉब छोड़ते हैं तो कंपनी ग्रेच्युटी दी जाती है। अगर आप भी जॉब छोड़ने की प्लानिंग कर रहे हैं तो आपको एक बार जान लेना चाहिए कि आपको कितनी ग्रेच्युटी मिलेगी।

Gratuity Calculation: जॉब ऑफर के साथ हमें CTC (Cost to Company) मिलता है। सीटीसी में सभी तरह की डिटेल्स होती है जैसे कि सैलरी कितनी होगी और कौन-से डिडक्शन होंगे। इसके साथ अलाउंस की भी डिटेल्स मिलती है। इसके अलावा सीटीसी में ग्रेच्युटी (Gratuity) और कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) के कॉन्ट्रिब्यूशन की भी डिटेल्स होती है। ईपीएफ का कैलकुलेशन करना तो बहुत आसान होता है लेकिन ग्रेच्युटी का कैलकुलेशन समझना थोड़ा मुश्किल होता है।
कई कर्मचारी को यह नहीं पता होता है कि ग्रेच्युटी उनकी सैलरी से ही डिडक्ट होती है। वहीं, सैलरी से कितनी ग्रेच्युटी कट होती है इसकी जानकारी भी कई कर्मचारी को नहीं होती है। हम आपको नीचे ग्रेच्युटी फॉर्मूला (Gratuity Formula) की मदद से ग्रेच्युटी कैलकुलेट करना बताएंगे।
ग्रेच्युटी क्या है? (What is Gratuity?)
ग्रेच्युटी एक तरह का गिफ्ट होता है जो कंपनी उन कर्मचारियों को देती है जो लंबे वक्त से कंपनी में काम कर रहे हैं। ग्रेच्युटी अमाउंट जॉब छोड़ने के बाद कर्मचारी को मिलती है। यह अमाउंट तब मिलता है जब कर्मचारी पांच साल या उससे ज्यादा वक्त तक किसी कंपनी में काम करता है। ग्रेच्युटी की पेमेंट और उसके नियम (Gratuity Rule) ग्रेच्युटी अधिनियम 1972 के तहत आता है।
कैसे कैलकुलेट करें ग्रेच्युटी? (How To Calculate Gratuity?)
ग्रेच्युटी का कैलकुलेशन बेसिक सैलरी पर होता है। इसका फॉर्मूला अंतिम मंथली सैलरी × 15/26 × सर्विस ईयर है।
उदाहरण के तौर पर अगर किसी कर्मचारी की सालाना बेसिक सैलरी 6 लाख रुपये हैं तो मंथली बेसिक सैलरी 50 हजार रुपये होती है। अगर कर्मचारी 10 साल से एक ही कंपनी में काम कर रहा है तो इस हिसाब से उसे नौकरी छोड़ने पर 2,88,460 रुपये की ग्रेच्युटी मिलेगी।
ग्रेच्युटी फॉर्मूला के अनुसार-
(₹50,000 × 15/26) × 10
(₹28,846) × 10
₹2,88,460
ऑफर लेटर में होती है ग्रेच्युटी डिटेल्स
आमतौर पर कई कंपनियां ऑफर लेटर में ग्रेच्युटी की डिटेल्स भी देती है। कई कंपनी सालाना बेसिक सैलरी का 4.81 फीसदी ग्रेच्युटी मानती है। हालांकि, कई कंपनी सीटीसी में ग्रेच्युटी की जानकारी नहीं देते हैं। अगर आपको नहीं पता कि आपकी सैलरी से कितना हिस्सा ग्रेच्युटी के लिए काटा जा रहा है तो आप एचआर से इसके बारे में पूछ सकते हैं।
बता दें कि ग्रेच्युटी में नोटिस पीरियड को भी शामिल किया जाता है। अगर किसी कर्मचारी ने 4 साल 10 महीने काम करने के बाद इस्तीफा दिया है और 2 महीने का नोटिस पीरियड सर्व कर रहा है तब 2 महीने भी उसके जॉब पीरियड में शामिल होगा। इस तरह कर्मचारी का टोटल जॉब पीरियड 5 साल का हो जाएगा और कंपनी छोड़ने पर उसे ग्रेच्युटी मिलेगी।