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Mutual Fund में Compounding है जादू, छोटी सेविंग से बनता है बड़ा निवेश

अगर आप लंबे समय तक निवेश बनाए रखते हैं और SIP को जारी रखते हैं, तो Compounding आपको करोड़पति बना सकती है। आर्टिकल में विस्तार से जानते हैं।

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Wealth Generation का सबसे जरूरी Compounding है। यह एक ऐसा प्रोसेस है, जिसमें छोटे निवेश समय के साथ बड़े फंड में बदल जाते हैं। एक्सपर्ट्स का मानना है कि निवेश कब किया गया यह उतना मायने नहीं रखता, जितना यह महत्वपूर्ण है कि निवेश कितने समय तक बना रहता है।

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Compounding का जादू

समझने के लिए हम Tata Large & Mid Cap Fund का उदाहरण लेते हैं, जिसे 25 फरवरी 1993 को लॉन्च किया गया था।

अगर आपने हर महीने ₹10,000 का निवेश किया होता, तो ₹1.20 लाख का निवेश ₹1.16 लाख रह जाता। यह हाल ही में 16% मार्केट गिरावट के कारण हुआ। वहीं, 3 साल में निवेश की वैल्यू ₹3.6 लाख का निवेश बढ़कर ₹4.45 लाख हो जाता। इसी तरह 5 साल में ₹6 लाख का निवेश ₹9.31 लाख हो जाता।

अगर निवेशक 32 साल यानी फंड लॉन्च से अब तक हर महीने ₹10,000 निवेश करते तो कुल निवेश ₹3.71 करोड़ तक पहुंच जाता। इस फंड ने 17.38% सालाना रिटर्न दिया है।

Tata Large & Mid Cap Fund के बारे में

यह फंड 25 फरवरी 1993 को लॉन्च हुई थी। इसके फंड मैनेजर्स चंद्रप्रकाश पडियार और मीता शेट्टी हैं। फंड के टॉप स्टॉक्स में HDFC Bank (9.55%), Varun Beverages (4.59%), RIL (4.46%), SBI (4.23%), ICICI Bank (4.02%) शामिल हैं। अगर सेक्टर वाइज इन्वेस्ट की बात करें तो 32.65% इन्वेस्टेमेंट फाइनेंस सेक्टर में किया गया है।

Disclaimer: म्यूचुअल फंड्स निवेश बाज़ार जोखिमों के अधीन है। ये आर्टिकल सिर्फ जानकारी के लिए है और इसे किसी भी तरह से इंवेस्टमेंट सलाह के रूप में नहीं माना जाना चाहिए। BT Bazaar अपने पाठकों और दर्शकों को पैसों से जुड़ा कोई भी फैसला लेने से पहले अपने वित्तीय सलाहकारों से सलाह लेने का सुझाव देता है।