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फ्लाइट को बम से उड़ाने की धमकी देने वाला कौन? धमकी का कितना गहरा असर?

बीते एक हफ्ते से रोजाना करीब हर एयरलाइंस को धमकी भरे कॉल्स और मैसेज आ रहे हैं। इनमें विमान को बम से उड़ाने की धमकी दी जाती है। धमकी भरे इन कॉल्स और मैसेज से लोगों के भीतर डर पैदा हो गया है।

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बीते एक हफ्ते से रोजाना करीब हर एयरलाइंस को धमकी भरे कॉल्स और मैसेज आ रहे हैं। इनमें विमान को बम से उड़ाने की धमकी दी जाती है। इससे पूरा सिस्टम हिल जाता है और यात्रियों समेत एयरलाइंस को काफी नुकसान उठाना पड़ता है।  धमकी भरे इन कॉल्स और मैसेज से लोगों के भीतर डर पैदा हो गया है।

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आंकड़ों के मुताबिक इस साल अभी तक सैंकड़ों फ्लाइट्स को धमकी मिल चुकी है। जिसका असर आगे चलकर हजारों फ्लाइट्स और लाखों यात्रियों पर पड़ा है। इससे एयरलाइंस को भारी घाटा हो रहा है जो आखिरकार देश की अर्थव्यवस्था को चोट पहुंचा रहा है। दरअसल, किसी एक फ्लाइट को धमकी मिलने का असर एयरलाइंस के 24 घंटे के शेड्यूल को तहस नहस कर देता है। 

कैसे पड़ता है असर?
-एक एयरक्राफ्ट 24 घंटे में छोटी दूरी की चार से छह उड़ान भरता है
-वहीं अमेरिका जैसी लंबी दूरी पर जाने वाले विमान 20 घंटे से ज्यादा वक्त लेते हैं
-ऐसे में फ्लाइट को धमकी मिलने के बाद उस एयरक्राफ्ट की आगे की सभी उड़ाने लेट या कैंसिल हो सकती हैं या उन्हें री-शेड्यूल करना पड़ता है

अब इस साइकिल के असर से किस तरह से उड़ानों और यात्रियों पर असर हो रहा है वो काफी चौंकाना वाला है। अगर अमेरिका जाने वाली फ्लाइट की मिसाल देखी जाए तो अमेरिका के लिए टेक ऑफ कर चुके विमान के उड़ने और वापस आने में कई टन जेट फ्यूल खर्च होता है। इसके अलावा लैंडिंग का वजन एक तय सीमा से ज्यादा नहीं हो सकता इसलिए कई टन ईंधन हवा में फूंकना जरुरी होता है। इसके साथ ही एयरपोर्ट पर लैंड कराने के बाद लैंडिंग चार्ज का भुगतान भी एयरलाइन को करना होता है। यात्रियों और क्रू मेंबर को होटल में ठहराने का खर्च अलग से करना पड़ता है 

यानी एक बम की झूठी खबर अमेरिका जा रही एक फ्लाइट को 3 करोड़ तक का नुकसान पहुंचा सकती है। छोटे रुट्स के मामले में ये आंकड़ा 30 लाख भी हो सकता है क्योंकि हर एयरपोर्ट पर चार्ज अलग होते हैं। अब इन झूठी अफवाहों से वित्तीय नुकसान होने के साथ ही त्योहारों के दौरान हवाई किरायों के बढ़ने की आशंका हो गई है। 

ये है वजह?
-भारत में नवरात्र से दीवाली तक का सीजन हवाई यात्रा का सबसे ज्यादा व्यस्त सीजन है। इस दौरान अगर ऐसी अफरा तफरी मचेगी और एयरलाइंस का शेड्यूल गड़बड़ाएगा तो फिर यात्रियों का दबाव बढ़ जाएगा, जबकि उनको मंजिल तक पहुंचाने वाली फ्लाइट्स की संख्या कम हो सकती है। ऐसे में सरकार को इसपर गंभीर रुख अख्तियार करने की जरुरत है। एयरलाइंस इस तरह से बम की झूठी खबर देने वालों को 5 साल के लिए नो फ्लाई लिस्ट में डालने की बात कह रही हैं। इस गंभीर अपराध के लिए ये सजा नाकाफी है और बम की सूचना देने वालों की पहचान नहीं हो पा रही है। सरकार भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स से इन झूठी खबरों पर रोक लगाने के लिए कह रही हैं। 

लेकिन इन कदमों से इन घटनाओं पर अंकुश लगाना आसान नहीं है। ऐसे में जरुरी है कि सरकार इसपर ठोस कार्रवाई करते हुए ऐसे लोगों के मंसूबों को नेस्तनाबूद करने का काम करे।

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